मुर्गियों की किन नस्लों के पालन से होगी अच्छी कमाई? आइए जानते है मुर्गीपालन (Poultry Farming) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।
👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।
Poultry Farming | पोल्ट्री फार्म का व्यवसाय काफी तेजी से बढ़ने वाले व्यवसायों में से एक है। यदि सही तरीके से इस व्यवसाय को किया जाए तो काफी अच्छी कमाई की जा सकती है।
सर्दियों में मुर्गी के अंडों व चिकन की बाजार में मांग बहुत अधिक रहती है। ऐसे में मुर्गी पालन या कुक्कुट पालन से कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। Poultry Farming
यह बिजनेस काफी कम जगह में हो जाता है। इतना ही नहीं यदि आपके पास इस बिजनेस के लिए अलग से कोई जगह नहीं है तो आप अपने घर के आंगन में इसका पालन करके इसे शुरू कर सकते हैं।
मुर्गी पालन के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं भी चलाई जा रही है जिसका लाभ उठाकर आप अपने काम को शुरू कर सकते हैं और इससे काफी बेहतर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। Poultry Farming
मुर्गीपालन के लिए उन्नत नस्लों का पालन
Poultry Farming | कुक्कुट अनुसंधान निदेशालय (डीपीआर) हैदराबाद व केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई), बरेली और इनके केंद्रों की ओर से मुर्गियों की कुछ उन्नत प्रजातियां विकसित की गई है, जिनका पालन करके किया जा सकता है।
जिनमें वनराजा, ग्रामप्रिया, श्रीनिधि, कृषिब्रो, कृषि लेयर, जनप्रिया, वनश्री, नर्मदानिधि, हिमसमृद्धि, कामरूप, झारसीम, प्रतापधान, अतुल्य, सीएआरआई निर्भीक, सीएआरआई हितकारी, सीएआरआई उपकारी, सीएआरआई सोनाली, सीएआरआई प्रिया, कैरी श्यामा, कैरी देबेंद्र, कैरीब्रो विशाल, कैरिब्रो धनराज, कैरिब्रो ट्रॉपिकाना, कैरिब्रो मृत्युंजय आदि शामिल हैं। Poultry Farming
इन नस्लों का पालन करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। इसी तरह आईसीएआर-सीएआरआई की ओर से भी मुर्गी की उन्नत नस्लें विकसित की गई है जिनमें कलिंग ब्राउन, कावेरी, ऐसिल, क्रॉस, चाब्रो-सीपीओडी द्वारा विकसित नस्ले शामिल हैं। इसके अलावा पशु विश्वविद्यालयों द्वारा विकसित कुछ महत्वपूर्ण प्रजातियों में गिरिराज, स्वर्णधारा, नंदनम, राजश्री आदि हैं।
किस नस्ल की मुर्गी से होगा अधिक फायदा
मुर्गी पालन या कुक्कुट पालन के लिए दो प्रकार की नस्लों का उपयोग किया जाता है। पहली देसी या स्थानीय और दूसरी उन्नत नस्लें हैं। भारत में विकसित उन्नत नस्लें, स्थानीय नस्लो के मुकाबले दो से तीन गुना अधिक उत्पादन देती हैं। Poultry Farming
इसलिए किसान अपने आंगन में कुक्कुट पालन के लिए उन्नत नस्लों का चयन कर सकते हैं। यदि देसी या स्थानीय नस्ल की मांग अधिक है, तो उसका पालन किया जा सकता है।
4 से 6 सप्ताह की उम्र की मुर्गियां ही खरीदें
किसानों को मुर्गी पालन के लिए 4 से 6 सप्ताह की उम्र की मुर्गियां खरीदनी चाहिए, क्योंकि इन्हें कम देखभाल की आवश्यकता होती है और एक दिन के पुराने चूजों की तुलना में मृत्यु दर भी कम होती है। ऐसे में आपको चाहिए कि चूजों की जगह मुर्गियां खरीदनी चाहिए। Poultry Farming
देसी या स्थानीय नस्ल? किन मुर्गियों का पालन लाभकारी
भारत में अलग– अलग राज्यों में कई देसी और स्थानीय नस्लों की मुर्गियों का पालन किया जाता है जिनकी बाजार में कीमत अच्छी मिल जाती है। जैसे कीगुजरात में अंकेलेश्वर व अरावली नस्ल की मुर्गी का पालन किया जाता है तो छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्रप्रदेश में असील नस्ल की देसी मुर्गियों का पालन किया जाता है। Poultry Farming
इसी प्रकार बुसरा नस्ल की मुर्गी का पालन गुजरात और महाराष्ट्र में किया जाता है। डंकी नस्ल की मुर्गी आंध्रप्रदेश में पाली जाती है। दाओथिगीर को असम, घेगस नस्ल को आंध्रप्रदेश ओर कर्नाटक, हेरिगहाटा बलैक को पश्चिम बंगाल, कडकनाथ को मध्यप्रदेश,
कालहस्ती को आंध्रप्रदेश, कश्मीर फेवरोला को जम्मू और कश्मीर, मीरी को असम, निकोबारी को अंडमान और निकोबार, पंजाब ब्राउन को पंजाब और हरियाणा, तेलीचेरी को केरल, मेवाड़ी को राजस्थान, कौनयेन को मणिपुर और मुर्गी की हंसली नस्ल को ओडिशा और उत्तराखंड में पाला जाता है। Poultry Farming
मुर्गी पालन के लिए सरकार से मिलती है सब्सिडी
मुर्गी पालन योजना के तहत अलग–अलग राज्य में वहां के नियमानुसार सब्सिडी का लाभ किसानों को प्रदान किया जाता है। किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से मुर्गी पालन योजना को प्रोत्साहित किया जा रहा है। Poultry Farming
इस योजना के तहत किसानों को पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए सब्सिडी व लोन का लाभ प्रदान किया जाता है। मुर्गी पालन के लिए लोन व सब्सिडी की अधिक जानकारी के लिए आप अपने जिले के पशुपालन विभाग से संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
कृषि योजना खेती किसानी, मंडी भाव लेटेस्ट बिजनेस एवं टेक की जानकारी के लिए आप हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो कर सकते है।
👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।
ये भी पढ़ें 👉 इस बिज़नेस से किसान बना करोड़पति, सालाना टर्नओवर 17 करोड़ रुपये के पार, जानें इनकी कहानी..
👉 पशुपालकों के लिए खास योजना: गाय और भैंस पर मिलेगी 90% सब्सिडी, कैसे एवं कहां करें अप्लाई, जानें
👉 समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदी में अवैध वसूली, किसानों ने किया चक्का जाम, पढ़िए डिटेल..
👉 सोयाबीन के भाव में होने लगी बढ़ोतरी, आने वाले समय में भाव क्या रहेंगे, जानिए.
प्रिय पाठकों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.