बढ़ता तापमान गेंहू, दलहन, सब्जी एवं अन्य फसलों के लिए नुकसानदायक, कृषि वैज्ञानिकों से जानिए प्रबंधन

बदलते मौसम में गेंहू, दलहन, सब्जी एवं अन्य फसलों (Rabi Crops) का प्रबंधन किस प्रकार कर सकेंगे किसान? आइए कृषि विभाग से जानते है…

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Rabi Crops | मार्च की शुरुआत के साथ ही देशभर में तापमान में बढ़ोतरी देखी जा रही है। कई जगहों पर रबी फसलों की कटाई चल रही है। दूसरी ओर, कुछ इलाकों में लेट बुवाई के चलते रबी फसलों की कटाई का कार्य लेट प्रारंभ होगा।

जिन जगहों पर रबी फसलों (गेंहू, दलहन, सब्जी एवं अन्य फसलें) की कटाई लेट होगी। उन स्थानों पर बढ़ता तापमान फसलों को प्रभावित कर सकता है।

कृषि विभाग के अधिकारियों की माने तो, बदलते मौसम और असामान्य तापमान वृद्धि का सीधा प्रभाव रबी फसलों की उत्पादकता पर पड़ सकता है। विशेष रूप से गेहूं, दलहन और सब्जियों की फसलें अधिक प्रभावित होंगी।

किसानों को उचित सिंचाई प्रबंधन, जैविक उर्वरकों का उपयोग तथा समय पर कृषि सलाह का पालन करके इस चुनौती का सामना करना चाहिए। आइए जानते है किसान किस तरह अपनी फसलों (Rabi Crops) का प्रबंधन कर सकते है…

गेहूं की फसल पर तापमान का प्रभाव

Rabi Crops | हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन के कारण इन ऋतुओं में अप्रत्याशित बदलाव हो रहे हैं। फरवरी मार्च 2025 में तापमान असामान्य रूप से 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया था।

गेहूं, दलहन और सब्जियों की फसलें अभी पूर्ण रूप से तैयार नहीं हुई हैं। यदि तापमान की यही स्थिति बनी रही, तो फसलों की उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

गेहूं के लिए 24-26 डिग्री सेल्सियस अधिकतम और 10-12 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान उपयुक्त होता है। बढ़े हुए तापमान से अर्ली मैच्योरिटी होगी, जिससे दाने का वजन और गुणवत्ता प्रभावित होगी। : Rabi Crops

उत्पादन में 10-15% तक की कमी संभावित है। कृषि विभाग के अनुसार, किसान सिंचाई का सही प्रबंधन करें और अंतिम सिंचाई थोड़ी देर से करें, ताकि फसल अधिक समय तक नमी बनाए रख सके।

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दलहन फसलों पर प्रभाव

Rabi Crops | फूलने और फल बनने की अवस्था में अत्यधिक तापमान परागण को प्रभावित कर सकता है। इससे 15-20% तक की पैदावार में गिरावट हो सकती है।

दलहन फसलों के प्रबंधन के लिए किसान भाई शाम के समय हल्की सिंचाई करें। जैविक खाद और सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव करें, जिससे पौधों की सहनशीलता बढ़े।

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सब्जियों की फसलों पर प्रभाव

Rabi Crops | अधिक तापमान से जल की मांग बढ़ेगी, जिससे सिंचाई आवश्यकताएं बढ़ेंगी। फल और फूल गिरने की समस्या हो सकती है।

ड्रिप इरिगेशन तकनीक अपनाएँ, जिससे जल की बचत होगी और पौधों को आवश्यक मात्रा में पानी मिलेगा। नेट हाउस या शेड नेट का उपयोग करें, जिससे अधिक गर्मी से बचाव हो सके।

मार्च का मौसम इस प्रकार से है..

मध्यप्रदेश में मार्च का मौसम गर्म रहता है। इस बीच औसत तापमान 21° डिग्री से 35° डिग्री से बीच रहेगा। एमपी में पहले सप्ताह में बादल छाएंगे। वहीं, चौथे सप्ताह में हीट वेव यानी लू चलेगी। : Rabi Crops

इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल, सागर और रीवा संभाग में 3 से 4 दिन लू चल सकती है। 20 मार्च के बाद कुछ जिलों में हल्की बारिश होने के आसार भी हैं।

मौसम विभाग भोपाल के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, मार्च में बारिश के सामान्य से कम होने के प्रबल संकेत मिल रहे हैं। वहीं, तापमान के सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।

प्रदेश में मार्च से ही हीट वेव यानी लू भी चलेगी। (मध्यप्रदेश का पूरे मार्च का मौसम जानने के लिए यहां क्लिक करें..👉 https://choupalsamachar.in/weather-detail-2/)

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