सोयाबीन में फूल के साथ फलियां के कर बनने लगे, इस समय कीट एवं इल्लियों से फसल को बचाने के लिए यह करें

Soyabean cultivation : सोयाबीन की फसल में फूल एवं फलियां खाने वाली “बिहार हेयरी कैटरपिलर” इल्ली व अन्य रोगों से फसल को ऐसे बचाएं…

Soyabean cultivation | सोयाबीन की फसल 40 से 45 दिन की सोयाबीन हो चुकी है। इस समय सोयाबीन की फसल में फूल आ रहे हैं, वहीं कहीं – कहीं पर फूलों के साथ फलियों के कर बनने लगे हैं। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि सोयाबीन की इस अवस्था में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि इस समय कीट रोग एवं इल्लियां सोयाबीन के फूलों के साथ-साथ फलियों के कर को भी खा जाती है, इससे पैदावार घटती है।

सोयाबीन को खरपतवार के साथ-साथ कीट रोग एवं इल्लियों से बचाना अति आवश्यक है। क्योंकि वर्तमान में जानकारी मिल रही है कि सोयाबीन की फसल में कीट रोग लगने लगे हैं। इस स्थिति को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए सोयाबीन की फसल को कीट रोग से बचाने हेतु महत्वपूर्ण सुझाव/सलाह जारी की है। आइए जानते हैं सोयाबीन की फसल Soyabean cultivation को कीट रोग एवं इल्लियों से कैसे बचाया जाए…

बिहार हेयरी कैटरपिलर का प्रकोप से फसल को ऐसे बचाए

Soyabean cultivation कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुछ क्षेत्रों में बिहार हेयरी कैटरपिलर का प्रकोप प्रारंभ होने की सूचना हैं। किसानों को सलाह है कि प्रारंभिक अवस्था में झुण्ड में रहने वाली इन इल्लियों को पौधे सहित खेत से निष्कासित करें एवं इसके नियंत्रण हेतु फसल पर क्विनालफॉस 25 ईसी (1 लीटर प्रति हेक्टेयर) या लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 4.90 सीएस, 300 मिली प्रति हेक्टेयर या इंडोक्साकार्ब 15.8 एससी, 333 मिली प्रति हेक्टेयर का छिडकाव करें। कुछ क्षेत्रो में रायजोक्टोनिया एरिअल ब्लाइट का प्रकाप होने की सूचना प्राप्त हुई है। कृषकों को सलाह हैं कि नियंत्रण के लिए हेक्साकोनाझोल 5 ईसी (1 मिली प्रति लीटर पानी) का छिडकाव करें।

सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए यह करें

Soyabean cultivation अपने खेत की नियमित निगरानी करें एवं 3.4 जगह के पौधों को हिलाकर सुनिश्ति करें कि क्या आपके खेत में किसी इल्लीध्कीट का प्रकोप हुआ है या नहीं और यदि हैं, तो कीडों की अवस्था क्या हैं। तदानुसार उनके नियंत्रण के उपाय अपनाएं। पीला मोजेक रोग से सुरक्षा हेतु रोगवाहक कीट सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए अपने खेत में विभन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।

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तना मक्खी के नियंत्रण हेतु यह उपाय करें

Soyabean cultivation सोयाबीन की फसल को भारी क्षति पहुंचाने वाली तना मक्खी कीट नियंत्रण के लिए कृषि वैज्ञानिकों का सुझाव है है कि पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम 12.60 प्रतिशत+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 9.50 प्रतिशत+जेडसी (125 मिली प्रति हेक्टेयर) का छिडकाव करें। सोयाबीन की फसल में पक्षियों की बैठने हेतु ‘टी’ आकार के बर्ड. पर्चेस लगाये। इससे कीटभक्षी पक्षियों द्वारा भी इल्लियों की संख्या कम करने में सहायता मिलती है।

पत्ती खाने वाले कीटों से फसल की सुरक्षा हेतु यह करें

सोयाबीन फसल Soyabean cultivation में तम्बाकू की इल्ली एवं चने की इल्लियों के प्रबंधन हेतु बाजार में उपलब्ध कीट विशेष फेरोमोन ट्रैप या प्रकाश प्रपंच लगाये। जहाँ पर फसल 15-20 दिन की हो गई हो, पत्ती खाने वाले कीटों से सुरक्षा हेतु फूल आने से पहले ही सोयाबीन फसल में क्लोरइंट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी (150 मिली प्रति हेक्टेयर) का छिडकाव करें। इससे अगले 30 दिनों तक पर्णभक्षी कीटों से सुरक्षा मिलेगी।

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तंबाकू इल्ली पर नियंत्रण के लिए यह उपाय करें

Soyabean cultivation तम्बाकू की इल्ली के नियंत्रण हेतु निम्न में से किसी एक कीटनाशक का छिडकाव (Bihar Hairy Caterpillar Rog Niyantran) करने की सलाह है। इससे पत्ती खाने वाली अन्य इल्लियों (चने की इल्ली या सेमीलूपर इल्ली) का भी नियंत्रण होगा। लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 4.90 सीएस (300 मिली प्रति हेक्टेयर) या क्विनालफॉस 25 ईसी (1 लीटर प्रति हेक्टेयर) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी (150 मिली प्रति हेक्टेयर) या इमामेक्टिन बेंजोएट 1.90 (425 मिली प्रति हेक्टेयर) या इंडोक्साकार्ब 15.8 एससी (333 मिली प्रति हेक्टेयर) या प्रोफेनोफॉस 50 ईसी (1 लीटर प्रति हेक्टेयर) या स्पायनेटोरम 11.7 एससी (450 मिली प्रति हेक्टेयर)।

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सोयाबीन की इस अवस्था में यह करें

Soyabean cultivation इस समय अधिकांश जगहों पर और विविध प्रकार की सोयाबीन फूलों की अवस्था में है। कहीं-कहीं फूलों से कर भी बनने लगे हैं। यह सोयाबीन की मुख्य क्रांतिक अवस्था में मानी जाती है। यह अवस्था R-2 अवस्था कहलाती है।

इस अवस्था में कीट प्रकोप होने पर सोयाबीन के उत्पादन पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। कुछ इल्लियां जो सेमिलूपर प्रजाति की होती है इस अवस्था में सीधे फूलों को नुकसान पहुंचाती है। जबकि अन्य इल्लियां पौधे के पत्ते को नुकसान पहुंचाती है।

Soyabean cultivation इनके नियंत्रण के लिए प्रोफेनोफॉस 50%EC @ 1 लीटर प्रति हेक्टेयर के साथ इमामेएक्टिन बेन्जाॅईट 5% SG 300 ग्राम प्रति हेक्टेयर के छिड़काव की अनुशंसा की जाती है। सेमिलूपर इल्ली का प्रकोप अधिक दिखाई देता है तो इमामेएक्टिन बेन्जाॅईट के साथ प्रोफेनोफास 40%EC +सायपरमेथ्रिन 4%EC @ 750 मिलीलीटर प्रति हेक्टर ले सकते हैं। यदि किन्ही कृषक बंधुओं ने इमामेएक्टिन बेन्जाॅईट का छिड़काव पहले स्प्रे में कर दिया है तो उन्हें मात्र क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 18.5% SC अकेले का छिड़काव @ 100 से 150 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर करना पर्याप्त होगा।

सोयाबीन Soyabean cultivation की इस अवस्था में सूक्ष्म पोषक तत्वों के प्रयोग की भी सलाह दी जाती है परंतु किसानों को सावधानी रखना होगी कि यदि ऑर्गेनोफॉस्फोरस समूह के कीटनाशक ले रहे हैं तो सूक्ष्म पोषक तत्वों में सल्फर एवं बोरोन नहीं होना चाहिए।

किसान साथी इस बात का विशेष ध्यान दें

कई बार ऐसा होता है कि सोयाबीन Soyabean cultivation वाले खेत में इल्लियां दिखाई नहीं देती है जबकि सोयाबीन के पत्तों को देखकर ऐसा लगता है कि इन्हें इल्लियों खाया है, ऐसी दशा में ध्यान देने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कैटरपिलर किट की प्रजातियां का प्रकोप हो सकता है। विशेष ध्यान रखें कि यदि आपको इल्लियां दिखाई नहीं दे रही है और पत्ते बीच में से गोलाकार या अंडाकार तरीके से कटे गए हो तो यह हेलिकोवर्पा आर्मिगेरा Helicoverpa armigera और स्पोडोप्टेरा लिटुरा spodoptera litura कैटरपिलर की प्रजातियां का प्रकोप हो सकता है।

कैटरपिलर का शरीर बेलनाकार और कई हिस्सों में बंटा हुआ होता है। ये कीट हरे, काले, गुलाबी रंग के हो सकते हैं। कैटरपिलर दिन के समय पौधे की जड़ के पास या पत्तियों के नीचे छिपे रहते हैं और रात को पत्तियां खाते हैं। यदि इस प्रकार के पत्ते दिखाई दे और इल्लियां दिखाई ना दे तो भी कीटनाशक का छिड़काव अवश्य करें। Soyabean cultivation

(नोट :– किसान साथी किसी भी प्रकार का कृषि आदान क्रय करते समय दुकानदार से हमेशा पक्का बिल लें जिस पर बैच नंबर एवं एक्सपायरी दिनांक स्पष्ट लिखा हो।

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