सोयाबीन के भाव बढ़ने के आसार बनने लगे, कब तक बढ़ेंगे भाव जानिए..

सोयाबीन का सीजन शुरू हो चुका है। आईए जानते हैं कि सोयाबीन के भाव Soybean bhav कब तक बढ़ेंगे..

Soybean bhav | मध्य प्रदेश देश का शीर्ष सोयाबीन उत्पादक राज्य है। प्रदेश में इस बार सोयाबीन की फसल को अगस्त माह में हुई कम बारिश एवं सितंबर माह में अधिक बारिश से नुकसान हुआ है। इसके बावजूद सोयाबीन के वर्तमान भाव कम है। वर्तमान में सोयाबीन 5000 रुपए से नीचे बिक रही है जबकि पिछले वर्ष इसी दौरान सोयाबीन के भाव Soybean bhav ₹6000 के आसपास पहुंच गए थे। इस बीच अब जाकर सोयाबीन के भाव बढ़ने के आसार बनने लगे हैं। यही कारण है कि सोयाबीन तेल के भाव में इजाफा हुआ है। आईए जानते हैं सोयाबीन के भाव कब तक बढ़ेंगे एवं आगे क्या स्थिति रहेगी..

उत्पादन में कमी से भाव बढ़ने के आसार

इस वर्ष प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में सोयाबीन Soybean bhav का उत्पादन कम रहा। हालांकि अभी अंतिम रिपोर्ट आना बाकी है। किंतु इस वर्ष सोयाबीन की पैदावार कम हुई है, इसका आकलन इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सोयाबीन की आवक आधा अक्टूबर बीतने के बावजूद कमजोर बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में भी सोयाबीन की उपज औसत रहने के आसार हैं। मध्य प्रदेश में सोपा ने इस वर्ष 52.46 लाख टन आंका है।

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इसी के साथ हाल ही में अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) द्वारा सोया उत्पादन और यील्ड के अनुमान की ताजा रिपोर्ट में उम्मीद से ज्यादा कटौती की गई है। इसके कारण सीबीओटी सोयाबीन Soybean bhav में तेजी का वातावरण बनने लगा है। अमेरिका में सोयाबीन का उत्पादन लगभग 111.7 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो व्यापारिक अनुमान से कम है। इसका असर ग्लोबल लेवल पर पढ़ने का अनुमान है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यूएसडीए ने इस महीने सोयाबीन निर्यात के अनुमान में भी कटौती की है और यूएसडीए ने अमेरिकी सोयाबीन निर्यात अनुमान दो फीसद कम किया था। इस वजह से सोयाबीन के भाव Soybean bhav में मजबूती के आसार बनने लगे हैं। यूएसडीए द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि सोयाबीन की फसल पहले के अनुमान से कम होगी। फसल विकास के महत्वपूर्ण चरण के दौरान शुष्क मौसम के कारण उत्पादन के अनुमान में कटौती की गई है

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सोयाबीन के भाव Soybean bhav में कितनी बढ़ोतरी होगी

महंगाई घटाने के लिए सरकारी कदम किसानों पर भारी पड़ रहा है। इन दिनों में मंडी में आ रहा नया सोयाबीन 4400 से 4600 रुपये क्विंटल के दाम पर बिक रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि उत्पादन में कटौती के बावजूद सोयाबीन की कमजोर निर्यात मांग के कारण पर्याप्त घरेलू भंडार होने की उम्मीद है जिससे भाव में बड़ी तेजी भी नजर नहीं आ रही है। इधर, अर्जेंटीना और ब्राजील के सोयाबीन उत्पादन अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है।

अक्टूबर में अमेरिकी सोया तेल के स्टाक में 4.8 फीसद की गिरावट का अनुमान लगाया है। छावनी मंडी में सोयाबीन नया 4200-4700, सरसों निमाड़ी 6300, राइडा 4900-5100 रुपये प्रति क्विंटल के भाव Soybean bhav बिक रहा है। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4600 रुपये क्विंटल है। इन दिनों में मंडी में आ रहा नया सोयाबीन 4400 से 4600 रुपये क्विंटल के दाम पर बिक रहा है।

सोयाबीन आयात पर ड्यूटी बढ़ाए सरकार

सरकार को खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य तक पहुंचना है तो तुरंत खाद्य तेलों के आयात पर कम से कम 30 प्रतिशत ड्यूटी लगाना चाहिए जो फिलहाल 5 प्रतिशत ही है। मंडियों में आठ लाख बोरी तक सोयाबीन Soybean bhav पहुंच रहा है। दाम गिरे तो किसान माल रोकने लगेंगे। इससे प्रोसेसर्स की परेशानी बढ़ेगी। सोयाबीन की आयत ड्यूटी कम होने के कारण देश में सोयाबीन के भाव नहीं बढ़ पा रहे हैं।

जबकि दो वर्ष पहले सोयाबीन 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल के दाम तक भी बिका था। यह सोयाबीन का उच्चतम दाम था। इसके पहले के वर्षों में सोयाबीन Soybean bhav की कीमत 5200 से 7000 रुपये रही है। इस साल सबसे ज्यादा गिरावट देखी जा रही है। मध्य प्रदेश देश का शीर्ष सोया उत्पादक राज्य है और दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र आता है।

सोयाबीन के दाम मंडियों में 4400-4500 रुपये क्विंटल रह गए हैं। जो न्यूनतम समर्थन मूल्य 4600 से भी कम है। सरसों का भी 113 लाख टन उत्पादन हुआ है। यदि दाम नीचे बने रहे तो अगले साल किसान सोयाबीन बोने से कदम पीछे खींच लेंगे नतीजा होगा कि देश खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य से पिछड़ जाएगा। भारत में खाद्य तेल के बढ़ते स्टॉक एवं कमजोर ग्राहकी की वजह से आयात में कमी करना शुरू कर दी है।

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देश में खाद्य तेल का स्टॉक बढ़ा 

सोपा के अनुसार, देश में इस साल चुनावी वर्ष होने के कारण सरकार की पूरी कोशिश खाद्य पदार्थों Soybean bhav की महंगाई नियंत्रित करने की रही। इसके चलते सरकार ने शून्य ड्यूटी पर खाद्य तेल आयात की अनुमति दी। नतीजा ये हुआ कि इस साल देश में 42 लाख टन तेल आयात हो चुका है, जो बीते वर्ष से करीब 10 लाख टन ज्यादा है। जरुरत से ज्यादा आयात का नतीजा ये रहा कि अब देश में उत्पादित सोयाबीन और सोया प्रोसेसर्स पर दबाव है। इसी के कारण सोयाबीन प्लांट के भाव कमजोर बने हुए हैं। नतीजतन किसानों को भी सोयाबीन के कम भाव मिल रहे हैं।

डीओसी की मांग में सुधार होने लगा

देशभर की मंडियों में सोयाबीन Soybean bhav की दैनिक आवक बढ़कर आठ लाख बोरी तक पहुंच गई है। डीओसी की मांग कमजोर बनी हुई थी लेकिन उस की यूएसडीए की रिपोर्ट के पश्चात इसमें सुधार होने लगा है। एमपी में प्लांट डिलीवरी भाव एमएसपी 4600 के नीचे चल रहे हैं जबकि महाराष्ट्र में अब भी भाव एमएसपी से ऊपर बोले जा रहे हैं। जल्द ही ये भी एसपी के दामों के करीब पहुंच जाएंगे, क्योंकि अभी सोयाबीन की आवक और बढ़ेगी। इसलिए सोयाबीन में रिकवरी की उम्मीद कम है। महाराष्ट्र प्लांट भाव 4625-4750 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए हैं, जबकि मध्य प्रदेश के प्लांट 4575 से लेकर 4600 रुपये तक बोले जा रहे हैं।

सोयाबीन भाव में बढ़ी उछाल आने की संभावना नहीं 

यूएसडीए की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में सोयाबीन तेल की हालत ठीक नहीं है। ब्राजील में उत्पादन अधिक होगा। अतः सोया डीओसी की निर्यात मांग इस वर्ष भी औसत रहने वाली है। जानकार वर्ग का मानना है कि सोयाबीन के भाव Soybean bhav में बड़ी उछाल आने की संभावना बहुत कम है। इसका एक कारण यह भी है कि भारत में उत्पादकता नहीं बढ़ रही है और उत्पादन लागत प्रति वर्ष बढ़ती जा रही है। जबकि भारत के मुकाबले विदेश में सोयाबीन का उत्पादन लागत के मुकाबले अधिक हो रहा है।

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सोयाबीन के भाव कितना बढ़ेंगे एवं कब बढ़ेंगे

देखा जाए तो सोयाबीन के नए भाव Soybean bhav दीपावली मुहूर्त में ही दिखाई देंगे। पुराना नया भारी मात्रा में होने के बाद अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में तेजी नहीं आ रही है। यूएसडीए की ताजा रिपोर्ट के बाद सोयाबीन के भाव में अब उछाल आएगा। विश्लेषकों के अनुसार सोयाबीन के भाव में जनवरी माह के अंतिम सप्ताह एवं फरवरी 15 फरवरी के बीच सोयाबीन के भाव अपने उच्चतम स्तर पर रहेंगे।

बाजार विशेषज्ञ बताते हैं कि इस दौरान सोयाबीन के भाव ₹6000 प्रति क्विंटल तक हो सकते हैं। अभी वर्तमान स्थिति यह है कि चार दिन में सोयाबीन 200 रुपए तेज होकर बिकने लगा है। इतनी तेजी के बाद भी किसानों ने मंडी में आवक नहीं बढ़ाई है। दीपावली पर्व के पहले लगभग सभी सोयाबीन प्लांट शुरू हो जाते हैं। वहीं दीपावली पर्व के बाद बीज Soybean bhav वालों की एवं स्टॉक वालों की खरीदी शुरू हो जाएगी।

प्लांटों की सोयाबीन में खरीदी भाव

Soybean bhav बैतूल ऑयल 4750 हरिओम 4750 नीमच प्रोटिन 4750 आरएच सिवनी 4750 धीरेंद्र सोया 4745 अवि 4725 एमएस 4725 बंसल 4700 लाभांषी घाटा बिल्लौद 4700 देवास 4675 मित्तल सोया 4700 सोनिक 4700 सालासर 4700 स्नेहिल 4700 सूर्या फूड 4700 वर्धमान जावरा 4700- कालापीपल 4650 विप्पी 4600 कोरोनेशन 4630 दिव्यज्योति 4640 आयडिया 4650 खंडवा ऑयल्स 4675 लिविंग फूड 4690 पतंजलि 4650 सावरिया इटारसी 4650 महेश 4640 रुपए। धुलेः दिसान एग्रो 4825 ओमश्री 4800 संजय सोया 4775 रुपए। नागपुरः राजनादगांव 4775 गोयल प्रोटिन्स 4775 शालीमार 4775 स्नेहा 4775 तानिया 4775 रुपए।

कोटाः गोयल 4650 महेश 5000 जीएसटी पेड पतंजलि 4650 रुपए।

एमपी की मंडियों में सोयाबीन के भाव क्या चल रहे है?

  • सीहोर Soybean bhav मंडी – 1500 से 4562 रू,
  • नीमच मंडी – 3900 से 4840 रू,
  • उज्जैन मंडी – 2225 से 5562 रू,
  • इंदौर संयोगितागंज मंडी – 2750 से 4685 रू,
  • इंदौर लक्ष्मीबाई नगर मंडी – 1000 से 4850 रू,
  • नामली उपमंडी – 3300 से 4851 रू,
  • मंदसौर मंडी – 3600 से 4800 रू,
  • धार मंडी – 2990 से 5152 रू,
  • रतलाम मंडी – 3800 से 4851 रू,
  • देवास मंडी – 3500 से 4770 रू,
  • बैतूल मंडी – 4001 से 4601 रू,
  • धामनोद मंडी – 3155 से 4620 रू,
  • खरगोन मंडी – 3400 से 4455 रू,
  • छिंदवाड़ा मंडी – 4160 से 4380 रू,
  • टिमरनी मंडी – 2950 से 4535 रू,
  • आष्टा Soybean bhav मंडी – 2075 से 5510 रू,
  • शाजापुर मंडी – 3880 से 4560 रूपये प्रति क्विंटल रहा।

NOTE : गेंहू के यह भाव 10 अक्टूबर के दिए गए है।

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