आइए विशेषज्ञों से जानते हैं कि आने वाले समय में सोयाबीन के भाव Soybean ke bhav क्या रहने की संभावना है।
Soybean ke bhav : सोयाबीन के भाव में लंबी गिरावट के बाद पुनः एक बार तेजी का वातावरण बनने लगा है। सोयाबीन के भाव में तेजी की वजह वैश्विक स्तर पर सोयाबीन का तेज होना बताया जा रहा है। वैश्विक बाजार में खाद्य तेल आपूर्ति को लेकर चिंता होने लगी है, जिसके कारण सोया तेल के भाव में तेजी आई, इसके चलते सोयाबीन के भाव में भी तेजी देखने को मिली। सोया तेल में यह मजबूती कब तक रहने की संभावना है एवं इसका सोयाबीन के भाव Soybean ke bhav पर कितने समय तक कैसा असर पड़ेगा आइए जानते हैं…
रूस यूक्रेन युद्ध से वैश्विक बाजार में अनिश्चितता फैली
रूस एवं यूक्रेन के मध्य लंबे समय से जंग जारी है हाल ही में दोनों के बीच तनाव और अधिक बढ़ने की खबरें आ रही है। रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के कारण वैश्विक स्तर पर खाद्यान्न और खाद्य तेल आपूर्ति को लेकर चिंता बढ़ रही है। काला सागर मार्ग बंद होने की खबरें आ चुकी है। इससे सीबीओटी सोया काम्पलेक्स में मजबूती देखने को मिल रही है। रूस द्वारा यूक्रेन के अनाज टर्मिनलों पर हमले की खबर पर भी बाजार ने मजबूत प्रतिक्रिया दी है। जिसके कारण सोया तेल सहित अन्य खाद्यान्न के भाव Soybean ke bhav पर असर पड़ा है।
इधर, हाल ही में अमेरिकी कृषि मंत्रालय (यूएसडीए) ने 2.83 लाख टन सोयाबीन निर्यात निरीक्षण की सूचना दी, जो बाजार की उम्मीद के अनुरूप था। यूएसडीए अमेरिकी सोयाबीन की 55 फीसद को अच्छी से उत्कृष्ट स्थिति में रेटिंग देने की उम्मीद है।
व्यापारियों का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच मौजूदा स्थिति बनी रहती है तब तक बाजार मजबूत रहने की संभावना है। हालांकि, बातचीत की कोई भी खबर बाजार का रूख पलट सकती है। इधर, बारिश की वजह से मंडियों में सोयाबीन की आवक बेहद कमजोर हो रही है, जिससे प्लांट अपनी पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहे हैं। इसके साथ ही सोयाबीन के दाम Soybean ke bhav भी धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे है।
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जोरदार मांग के बीच आवक सीमित
अंतराष्ट्रीय मार्केट में मजूबती के संकेतों से पाम तेल में मजबूती का वातावरण बनने लगा है। दरअसल, खाद्य तेलों Soybean ke bhav में मांग का दबाव धीरे-धीरे बढ़ती जा रहा है। वहीं, आवक बेहद कमजोर बनी हुई है, जिससे तेलों की कीमतों में एकतरफा तेजी का वातावरण बना हुआ है। अमेरिका में सोया की नई फसल कम रहेगी तो इसका फायदा पाम को ही मिलेगा। मगर अब पाम तेल ज्यादा उत्पादन की साइकल में आ गया है तो पाम तेल में भी लंबी तेजी नजर नहीं आ रही है।
सोयाबीन का कारोबार करने वाले विशेषज्ञ बताते हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद्य तेल बाजार में आपूर्ति की चिंता बढ़ने से एकाएक तेजी का माहौल बनने लगा है। इसके असर से स्थानीय तेल बाजार भी प्रभावित हो रहे हैं। दरअसल, काला सागर गलियारे से वैश्विक आपूर्ति रुक सकती है। रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के बीच रूस ने गलियारा बंद करने की बात कही है।
अगर यह गलियारा बंद होता है तो वैश्विक स्तर पर सोयाबीन सहित अन्य खाद्यान्न के भाव पर बड़ा असर पड़ेगा। मतलब साफ है कि आने वाले दिनों में सोयाबीन के भाव Soybean ke bhav बढ़ेंगे। यही कारण है कि अभी से शिकागो सोयाबीन, सोया तेल और आइसीइ कैनोला के साथ यूरोनेक्स्ट के रेपसीड वायदा में भी उछाल देखा जा रहा है।
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सोयाबीन के भाव पर विदेशी बाजार की तेजी का प्रभाव
रूस-यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक खाद्य तेल बाजार में तेजी का माहौल बन रहा है। अर्जेंटीना सोया तेल के भाव Soybean ke bhav बढ़ने से भी भारतीय बाजारों में सोया तेल के लैंडिंग कास्ट करीब तीन रुपये प्रति किलो बढ़ गई है। इस वजह से भारतीय बाजारों में सोया तेल में नीचे दामों पर लेवाली का दबाव एकाएक बढ़ गया है। वहीं घटे भाव पर कमजोर बिकवाली से सोयाबीन तेल के दाम बढ़ते जा रहे हैं।
इधर आफ सूजन होने के कारण मंडियों में सोयाबीन की आवक कम हो रही है जिसके कारण मांग एवं आपूर्ति का गणित ठीक से नहीं बैठने के कारण सोयाबीन के भाव Soybean ke bhav में तेजी आने लगी है। सोयाबीन की आवक मंडियों में लगातार कम होने से प्लांट खरीदी सोयाबीन के दाम भी मजबूत बोले जा रहे हैं। मौजूदा भाव पर सोयाबीन में जोखिम कम होने से कई बड़े स्टॉकिस्टों की पकड़ मजबूती बनी हुई है।
सोयाबीन प्लांट खरीदी भाव में हुई बढ़ोतरी
बुधवार को सोयाबीन प्लांट खरीदी भाव Soybean ke bhav में करीब 40-50 रुपये की तेजी रही। वहीं, सोया तेल में भी मांग का दबाव अच्छा रहने और विदेशों में तेजी के कारण हाजिर बाजार में सुधार रहा। सोयाबीन तेल इंदौर 10 रुपये बढ़कर 980-985 रुपये प्रति दस किलो पर पहुंच गया। मूंगफली तेल में मांग कुछ कमजोर रहने से भाव मे आंशिक नरमी रही। हालांकि, ज्यादा मंदी की गुंजाइश नहीं है।
प्लांटों की सोयाबीन में खरीदी भाव
Soybean ke bhav प्रकाश 5085, खंडवा 5100, केएन एग्री 5151, श्री महेश ऑयल 5050, अंबिका कालापीपल 5025, रामा 5000, एमएस साल्वेक्स 5150, प्रेस्ट्रीज 5100, अंबिका जावरा 5125, धीरेंद्र सोया 5125, अवी एग्रों 5100, धानुका 5150, एमएस पचोर 5100, नीमच प्रोटीन 5150, अमृत 5125, आरएच सीहोनी 5100, मित्तल 5100, सांवरियां 5157, रुचि 5050 बैतूल ऑयल सतना 5200 बैतूल 5175 अडानी 5100।
अग्रवाल सोया 5125 बंसल 5150 धीरेद्र सोया 5125 हरिओम 5100 केएन इटारसी 5111 खंडवा ऑयल्स 5100 लिविंग फूड 5120 एमएस 5100 आर एच सिवनी 5100 सावरिया इटारसी 5175 स्कॉयलार्क 5100 वर्धमान जावरा 5100 कालापीपल 5050 अवि 5050 दिव्यज्योति 5075 लाभांषी 5075 मित्तल सोया 5075 पतंजलि 5050 रामा 5000 महेश 5050 सोनिक 5050 स्नेहिल 5090 सतना सॉल्वेंट 5041 सूर्या फूड 5075 रुपए। धुलेः दिसान एग्रो 5200 से 5215 ओमश्री 5150 संजय सोया 5175 रुपए। Soybean ke bhav
आने वाले दिनों में सोयाबीन के भाव बढ़ेंगे या नहीं जानिए
हाल ही में भारत के स्थानीय बाजारों में सोया Soybean ke bhav पाम तेल के दाम बढ़ गए हैं। रूस ने जहाजों को यूक्रेनी बंदरगाहों की ओर जाने से बचने की चेतावनी दी है। इससे भी तेजी को सपोर्ट मिला है। इधर सोया तेल के स्टेप में गिरावट हुई है।कम पेराई के बीच जून महीने में सोया तेल के स्टाक में तीन फीसद की गिरावट का अनुमान है। इसका असर भारतीय बाजारों में भी देखा गया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी में सोयाबीन फसल को कम बरसात से नुकसान की आशंका से बाजार में यह तेजी आई। व्यापारियों का कहना है कि यूएसडीए रिपोर्ट में अमेरिकी सोयाबीन के उत्पादन और स्टाक के आंकड़ों में कटौती की आ सकती है। वहीं बायो-डीजल क्षेत्र से मजबूत डिमांड की उम्मीद के साथ एमपीओबी ने अपनी रिपोर्ट में मलेशिया पाम तेल का स्टाक मार्केट की उम्मीद से कम जारी करने के कारण भी सीबोट सोया तेल के दाम Soybean ke bhav चार फीसद से अधिक की तेजी दर्ज की गई। इसका असर भारतीय बाजार में भी देखा गया।
इधर एक अगस्त से इंडोनेशिया बायोडीजल में अनिवार्य 35 फीसदी पाम तेल मिश्रण को पूरी तरह से लागू करेगा। यह बायोडीजल में पाम तेल का दुनिया का सबसे अधिक अनिवार्य मिश्रण होगा। बी35 को फरवरी में लान्च किया गया था, लेकिन अधिकारियों ने कुछ उदारता दी और कुछ क्षेत्रों के लिए जुलाई के अंत तक की छूट अवधि की अनुमति दी थी। आगे इससे पाम तेल में मजबूती आने की संभावना है। यह अन्य तेलों Soybean ke bhav को भी प्रभावित करेगा।
कुल मिलाकर विशेषज्ञ यह कहते हैं कि आने वाले दिनों में सोयाबीन के भाव Soybean ke bhav में तेजी का रुख बरकरार रहेगा। ज्ञात हो कि नई सोयाबीन की फसल के विकास के लिए अगस्त महत्वपूर्ण महीना होगा और आने वाले हफ्तों में उत्तरी भाग में मौसम शुष्क रहने का भी अनुमान है। ऐसे में यदि नई फसल की पैदावार कम होती है तो सोयाबीन के भाव 6000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंचने के आसार हैं। फिलहाल इंदौर मंडी में सोयाबीन बेस्ट 5000, एवरेज 4700-4900, सरसों निमाड़ी 6100-6200, राइडा 4700-4900 रुपये प्रति क्विंटल के भाव रहे।
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