आइए जानते है कौन सी है वह गेंहू की नई किस्म (Top Wheat Variety) एवं किसान ने किस तरह निकाला बंपर उत्पादन।
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Top Wheat Variety | पूरे देशभर में रबी की प्रमुख फसल गेंहू की कटाई का काम चल रहा है। अच्छी उपज प्राप्त करने एवं अत्यधिक मुनाफा कमाने के लिए किसानों ने इस बार भी कई उन्नत किस्मों को अपने खेतों में लगाया था।
गेंहू की ऐसी कई उन्नत किस्में है जिससे किसानों ने अच्छी उपज निकाली है। इन्हीं किस्मों में से एक किस्म डीबीडब्ल्यू 377, जिसे करण बोल्ड (Top Wheat Variety) के नाम से भी जाना जाता है। इस वैरायटी से किसान ने 73 क्विंटल तक उत्पादन निकाला है।
हर साल गेहूं की उन्नत किस्मों से प्राप्त होने वाली पैदावार के आंकलन के लिए कृषि अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है। इसी कड़ी में जबलपुर जिले के पाटन विकासखण्ड के गांव कुकरभुका में निरीक्षण किया गया।
यहां गेहूं के फसल कटाई प्रयोग में मिले नतीजों ने कृषि अधिकारियों सहित मौके पर मौजूद रहे सभी किसानों को आश्चर्य चकित कर दिया है। आइए डिटेल में जानते है किसान ने किस तरह डीबीडब्लयू 377 (करण बोल्ड) किस्म (Top Wheat Variety) से अधिक उत्पादन निकाला…
परंपरागत पद्धति में निकलती थी सिर्फ 45 क्विंटल तक उपज
दरअसल फसल कटाई का यह प्रयोग 14 मार्च 2025 के दिन किसान अर्जुन पटेल के खेत में किया गया था। इसमें गेहूं का उत्पादन 73 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्राप्त हुआ, जो सामान्य से काफी अधिक है। Top Wheat Variety
कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक़ गेहूं किस्म डीबीडब्ल्यू 377 किस्म (Top Wheat Variety) से मिली इस बम्पर पैदावार का कारण रेज्ड बेड पद्धति से की गई बुआई है।
विभाग द्वारा फसल कटाई प्रयोग के दौरान मौजूद रहे उप संचालक कृषि डॉ. एस के निगम ने बताया कि किसान अर्जुन पटेल द्वारा अपने खेत में गेहूँ के डीबीडब्ल्यू-377 ब्रीडर बीज की रेज्ड बेड पद्धति से बोनी की गई थी।
डॉ. निगम के मुताबिक अर्जुन पटेल के खेत में फसल कटाई प्रयोग पाँच मीटर लम्बे और पाँच मीटर चौड़े हिस्से में किया गया था और इसमें 18 किलो 424 ग्राम गेहूँ का उत्पादन प्राप्त हुआ।
उन्होंने बताया कि फसल कटाई प्रयोग में प्राप्त इन आंकड़ों का विश्लेषण करने पर गेहूँ (Top Wheat Variety) का प्रति हेक्टेयर उत्पादन 73 क्विंटल आता है, जबकि परंपरागत पद्धति से फसल लेने पर प्रति हेक्टेयर 40 से 45 क्विंटल गेहूँ का उत्पादन ही प्राप्त होता है।
रेज्ड बेड पद्धति से की थी गेहूं की बुवाई
उप संचालक कृषि के मुताबिक किसान पटेल द्वारा गेहूँ (Top Wheat Variety) का ब्रीडर बीज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद करनाल से लाया गया और 30 किलो प्रति एकड़ बीज रेज्ड बेड पद्धति से बोया गया।
रेज्ड बेड पद्धति में 30 किलो प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता होती है, जबकि परंपरागत विधि से बोनी में 80 से 100 किलो बीज लगता है। उप संचालक कृषि ने बताया कि रेज्ड बेड पद्धति में एक पौधे में 15 से 16 कल्ले आते हैं और फसल गिरती भी नहीं है, जबकि परंपरागत विधि से गेहूँ में तीन से चार कल्ले ही आते हैं तथा फसल गिर जाने की संभावना होती है।
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अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ. इंदिरा त्रिपाठी के अनुसार Top Wheat Variety फसल बुवाई की रेज्ड बेड पद्धति यथास्थिति नमी संरक्षण के लिए अपनाई जाती है। इसमें बुवाई संरचना, फरो इरीगेटेड रेज्ड बेड प्लान्टर से बनाई जाती है।
जिसमें सामान्यत: प्रत्येक दो कतारों के बाद लगभग 25 से 30 सेंटीमीटर चौड़ी और 15 से 20 सेंटीमीटर गहरी नाली (कूड़) बनती है। रबी के मौसम में यही नालियां सिंचाई के काम में ली जा सकती हैं, जिससे बेड में अधिक समय तक नमी बनी रहती है।
साथ ही मेढ़ से मेढ़ की दूरी पर्याप्त होने से पौधों (Top Wheat Variety) की केनोपी को सूर्य की किरणें भी ज्यादा मिलती है और इन सबके फलस्वरूप उत्पादन भी बढ़ता है।
डीबीडब्ल्यू 377 किस्म की जानकारी…
गेंहू की डीबीडब्ल्यू 377 (करण बोल्ड) किस्म (Top Wheat Variety) को पिछले साल ही भारतीय गेंहू एवं जौ अनुसंधान केंद्र करनाल हरियाणा ने गेंहू द्वारा तैयार किया गया है।
इस किस्म को खेती के लिए अनुशंसित क्षेत्र छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश के झांसी संभाग और राजस्थान के कोटा और उदयपुर संभाग में उपज परीक्षण में बेहतर प्रदर्शन देखा गया है। Top Wheat Variety
क्या है डीबीडब्ल्यू 377 किस्म की खासियत?
किस्म की पैदावार एवं अवधि : गेंहू डीबीडब्लयू 377 किस्म (Top Wheat Variety) ने उच्च औसत उपज (63.9 क्विंटल/हेक्टेयर) दर्ज की तथा चेक किस्मों डीबीडब्लयू 303 (6.25%), डीबीडब्लू 187 (4.4%) तथा जीडब्लू 322 (1.3%) की तुलना में उपज में श्रेष्ठता स्थापित की। Top Wheat Variety
गेंहू डीबीडब्लयू 377 ने सिंचित शीघ्र बुआई स्थितियों के तहत उच्च उपज क्षमता (86.4 क्विंटल/हेक्टेयर) दर्ज की गई है। बात करें अवधि की तो गेंहू डीबीडब्लयू 377 किस्म 124 दिन में पककर तैयार की जा सकती है एवं 87 सेमी पौधे की हाइट है।
दानों का वजन : कृषि संबंधी परीक्षणों में उर्वरकों की अनुशंसित खुराक पर प्रयोग में गेंहू डीबीडब्लयू 377 किस्म (Top Wheat Variety) को प्रथम स्थान मिला। परीक्षण प्रविष्टियों और जांच किस्मों के बीच इसने सबसे अधिक हज़ार अनाज का वजन (48 ग्राम) दिखाया है।
रोग प्रतिरोधकता : गेंहू डीबीडब्लयू 377 पत्ती और तने के जंग के लिए अत्यधिक प्रतिरोधी है। एपीआर अध्ययनों के तहत, इसने गेहूं की प्रमुख प्रजातियों भूरा रतुआ और तना रतुआ रोग के प्रति प्रतिरोध दिखाया है।
जीन अभिधारणा ने भूरे रतुआ के लिए जीन संयोजन Lr23+1+ और काले रतुआ के लिए R का संकेत दिया। डीबीडब्ल्यू 377 गेहूं किस्म (Top Wheat Variety) ब्लास्ट रोग के प्रति प्रतिरोधी है (औसत स्कोर 10.0) और इसने करनाल बंट के प्रति बेहतर प्रतिरोध प्रदर्शित किया है।
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Sar ye bej merko bhi chahiye kya Mel. Jayegaa