गेहूं की 1650 वैरायटी लेने वाले किसान हों जाएं सावधान, यह किया तो आगे पछताएंगे, पढ़ें डिटेल..

गेहूं की 1650 वैरायटी का बीज बोने (Wheat Farming) के लिए खरीदने से पहले इन बातों का जरूर ध्यान रखें..

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Wheat Farming | रबी सीजन की शुरुआत होने वाली है, किसान साथी खरीफ फसलों की कटाई के पश्चात अब रबी फसलों की बुवाई की तैयारी करने लगे हैं। रबी सीजन के दौरान सबसे प्रमुख खेती गेहूं की होती है।

इस वर्ष मानसून की अच्छी बारिश से पिछले वर्ष की तुलना में गेहूं की खेती का रकबा बढ़ने की संभावना है। इसके साथ ही हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने से गेहूं की खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।

किसान गेहूं के बीज की व्यवस्था में जुड़ गए हैं। गेहूं की नवीन वैरायटी में सबसे अधिक मांग एच आई 1650 की हो रही है। गेहूं की इस वैरायटी ने पिछले वर्ष विपरीत परिस्थितियों के दौरान अधिकतम उत्पादन दिया था इसके कारण किसानों में इसकी जबरदस्त डिमांड है।

यदि आप भी गेहूं की एच आई 1650 वैरायटी Wheat Farming को बोना चाहते हैं तो आपके लिए यह जानकारी अति महत्वपूर्ण है, आईए देखते हैं डिटेल..

एक नजर गेहूं की इस नई वैरायटी HI 1650 पर 

Wheat Farming | लंबे रिसर्च के पश्चात कृषि वैज्ञानिकों द्वारा पिछले वर्ष विकसित की गई गेहूं की नवीन वैरायटी एच आई 1650 की किसम किसानों के लिए वरदान साबित होगी। यह वैरायटी पूर्ण एवं अन्य परंपरागत किस्म की तुलना में बेहतर हो रही है।

गेहूं की यह किस्म परम्परागत चपाती वाली किस्मों से अधिक उत्पादन, ज्यादा बाजार भाव, अच्छा सुडौल आकर्षक दाना, कम ऊँचाई व कम बीज दर व जल्दी व कम सिंचाई में भी आने वाली, बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक है।

गेहूँ की यह बॉयो फोर्टीफाईड किस्म एच.आई. – 1650 ( पूसा ओजस्वी ) किस्म देश के मध्य क्षेत्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बुंदेलखंड क्षेत्र हेतु समय पर बोनी हेतु उपयुक्त है। : Wheat Farming

इस किस्म का अधिकतम उत्पादन आदर्श परिस्थिति में लगभग 73 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है पर व्यवहारिक रूप से कुछ किसानों द्वारा इस किस्म का चमत्कारी उत्पादन 17 क्विंटल बीघा तक भी लिया गया है।

किसानी आंकड़ों व जानकारी ने अनुसार यह एक अर्ली किस्म अवधि लगभग 115 से 120 दिन होने से 2-3 सिंचाई में भी अच्छे मजबूत जड़ तंत्र होने के कारण इस किस्म ने अच्छा उत्पादन दिया है। यह किस्म लगभग 23 सभी मुख्य स्टेम रस्ट एवं लीफ रस्ट के लिये प्रतिरोधक किस्म है तथा पाला अवरोधक किस्म होने पाला व बिमारियों से नुकसान की संभावना भी कम रहती है। : Wheat Farming

यही कारण है कि किसान गेहूं की इस किस्म को अधिक से अधिक बोना चाहते हैं। इसी का फायदा कतिपय बीज माफिया उठाने में लगे हुए हैं। यह बीज माफिया किसानों के नाम पर एच आई 1650 वैरायटी के स्थान पर दूसरी वैरायटी का बीज किसानों को दे रहे हैं। इसके लिए किसानों को सावधानी बरतने की अति आवश्यकता है, आईए जानते हैं किस किन बातों का ध्यान रखें।

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अधिकृत बीज उत्पादक कंपनी से ही बीज खरीदें

Wheat Farming | पूसा संस्थान द्वारा नवीन रिसर्च वैरायटियों के बीज एक विशेष अनुबंध (MOU) के तहत कुछ निर्धारित शर्तों पर कुछ चुनी हुई बीज उत्पादक कम्पनियों को इसका प्रजनक बीज, प्रगुणन ( उत्पादन ) एवं विक्रय के लिये दिया जाता है।

पिछले वर्ष मध्य प्रदेश की कुछ चुनिंदा बीज उत्पादक कंपनियों को पूसा संस्थान द्वारा बीज प्रदान किया गया था। जिसके प्रथम क्विंटल की लागत पंजीयन / लायसेंस व रायल्टी सहित रूपये 1,25,000 थी।

इसके बावजूद बीज उत्पादक कंपनियों के अलावा अन्य कई फर्जी बीज माफिया किसानों के नाम पर इस बीज को इस वर्ष बेच रहे हैं इसका सीधा अर्थ यह है कि यह बीज माफिया जो बीज 1650 के नाम पर दे रहे हैं वह नकली है। : Wheat Farming

इसलिये किसान भाई गेहूँ अनुसंधान केन्द्र (IARI) द्वारा अधिकृत बीज उत्पादक कम्पनियों से ही बीज लेवें क्योंकि इस किस्म की भारी माँग होने से कई लोग इस किस्म से मिलती-जुलती किस्मों को पूसा ओजस्वी या 1650 के नाम से थोड़े कम दाम में बेचकर किसानों के साथ धोका कर रहे है। इससे किसान सावधान रहे।

कंफर्म करने के पश्चात खरीदें एच आई 1650 वैरायटी

Wheat Farming | किसान साथी पूसा, नई दिल्ली द्वारा अधिकृत कम्पनियों से ही बीज लेवें। इसकी पुष्टि एवं सूचना आप गेहूँ अनुसंधान केन्द्र इंदौर से भी कर सकते हैं उनके द्वारा इसकी सूची यूट्यूब पर भी वीडियों के रूप में डाली गई है।

किसान भाई इस बात को भी समझे कि मूल प्रजनक बीज की लागत बहुत अधिक होने से बीज थोड़ा महंगा हो सकता है। किंतु अधिकृत उत्पादक कंपनी से बीज लेने पर ओरिजनल होने की ग्यारंटी रहेगी।

साथ ही जहाँ तक लागत का प्रश्न है किसान भाईयों को यदि इस किस्म का आधार बीज एफ- 1 बीज मिल रहा है तो उसका उपयोग वे 2-3 वर्ष तक कर सकते हैं। : Wheat Farming

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अगले वर्ष अभी इस वैरायटी की मांग अधिक रहेगी

बीज उत्पादक अधिकृत कंपनियों से बीज खरीदने के दौरान कुछ हद तक किसानों को यह बीज महंगा जरूर लगेगा लेकिन किसान भाई 1 वर्ष का बीज नहीं लें रहें है वे 2-3 वर्ष में इस लागत का आंकलन करेंगे तो उन्हें यह बीज बिलकुल महंगा नहीं लगेगा, क्योंकि इस किस्म की बीज दर प्रति एकड़ 40 किलो जो कि अन्य किस्मों की तुलना में बहुत ही कम है। : Wheat Farming

उदाहरण के लिए इस किस्म की बीज दर रूपये 12,500 /- प्रति क्विंटल रहती है तो मात्र 5000 /- रूपये एकड़ में गेहूँ की बीजाई हो जावेगी, जो कि लगभग अन्य गेहूँ की किस्म की लागत के बराबर ही है।

अन्य वैरायटियों का बीज थोड़ा सस्ता हो सकता है किन्तु बीज दर या मात्रा अधिक लगने से उसकी लागत भी लगभग इतनी ही आवेगी किन्तु बीज के रूप में गेहूँ 1650 की मांग अगले वर्ष भी बहुत अच्छी रहेगी जिससे किसान को इस किस्म के गेहूँ का जो भाव मिलेगा वह अन्य किस्मों के गेहूँ में कभी नहीं मिल सकता है।

अत: किसान इस किस्म के भाव के बजाय इस किस्म से होने वाले लाभ पर ही ध्यान देवें। इसके अतिरिक्त किसानों को इस किस्म के बीज की जो अतिरिक्त लागत लग रही है। वह तो इस किस्म के फसल कटने पर निकलने वाले भूसे से ही निकल जावेगी। इस किस्म का बीज सिर्फ सीधे बीज उत्पादक कम्पनियों को ही विक्रय के लिये दिया गया है। : Wheat Farming

किसी भी किसान या व्यक्ति को यह बीज उत्पादन या विक्रय के लिए नहीं दिया गया है। इसका विशेष ध्यान रखें। अधिकृत बीज कम्पनियों से ही बिल के साथ इस बीज का क्रय करें।

एच आई 1650 की प्रमुख विशेषताएं

इस किस्म का दाना सुडोल, चमकदार, आकर्षक, लम्बाकार रंग अम्बर ( सुनहरा), 1000 दानो का वजन लगभग 50 ग्राम, बाली में दाने खिरने की समस्या नहीं, बॉयो फोर्टिफाईड किस्म होने से इसमें जिंक ( 42.7), आयरन (39.5) पी.पी.एम. एवं प्रोटीन (11.4%) होने के कारण इस किस्म में पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में है। : Wheat Farming

इस किस्म की रोटी सफेद, मुलायम, स्वादिष्ट, ब्रेड, बिस्किट एवं अन्य बेकरी आयटम के लिये अत्यंत उपयुक्त किस्म है क्यों कि इस किस्म की चपाती क्वालिटी एवं बिस्किट क्वालिटी इन्डेक्स लगभग 7.9 है तथा इस किस्म की सेडीमेटेशन वल्यू (39.00ML) है इससे यह किस्म चपाती, ब्रेड, बिस्किट हेतु एक सर्वोत्तम किस्म है।

इस किस्म की बाली सफेद, पत्तियाँ चौड़ी, सतह मोमी, मजबूत पर्ण झूके हुए तथा पौधा मध्यम ऊँचाई का लगभग 90-92 से.मी. पौधा कम ऊँचाई का होने से आड़ा (लाजिंग) पड़ने की समस्या नहीं जिससे अप्रत्यक्ष रूप से उत्पादन में बढ़ोतरी इस किस्म का पौधा भरा हुआ पत्तियाँ चौड़ी रहती है। टिलरिंग अधिक होने से किसानों को अधिक भूसा भी प्राप्त होगा। : Wheat Farming

इस किस्म की बीज दर 100 किलो हेक्टेयर या 40 किलो एकड़, लाईन से लाईन की दूरी 20 से.मी. 1 नवम्बर से 25 नवम्बर तक समय पर बोनी करने के लिए उपयुक्त है। समय – समय पर 4-5 सिंचाई देने पर आदर्श परिणाम मिलेगा।

यह किस्म कम बीज दर, कम सिंचाई व कम दिवस में आने के कारण कम लागत पर अधिकतम उत्पादन व अच्छे बाजार भाव जिससे किसान को अधिकतम आय देगी। इन सब असाधारण गुणों के कारण यह किस्म हर किसान की पहली पसंद बनकर पूरे क्षेत्र में शीघ्र ही अच्छादित हो जावेगी। : Wheat Farming

यह है अधिकृत बीज कंपनियां 

Wheat Farming | वसुंधरा सीड्स, उज्जैन (म.प्र.)

संपर्क :– 9301606161, 9425332517

मो. 9302139253, 9669176048

फोन – 2530547

गायत्री ट्रेडर्स, उज्जैन (म.प्र.)

संपर्क :– 95756 99947

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