सीजन में गेहूं खरीदी को लेकर व्यापारी असमंजस्य में, समर्थन मूल्य एवं मंडी में गेहूं के भाव क्या रहेंगे, जानिए..

आगामी गेहूं के सीजन में गेहूं के भाव Wheat price 2024 क्या रहने वाले हैं आईए व्यापार विशेषज्ञों से जानते हैं..

Wheat price 2024 | एक महीने में गेहूं की फसल पककर तैयार हो जाएगी। सीजन में गेहूं के भाव क्या रहेंगे? यह सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) पर गेहूं की खरीदी एवं व्यापारियों की मंडियों में होने वाली खरीदी पर निर्भर करेगा। व्यापारी अभी से गेहूं की खरीदी को लेकर उत्सुक है, लेकिन व्यापारियों की इस उत्सुकता के बावजूद असमंजस्य भी है। व्यापारियों में असमंजस्य की स्थिति क्यों है एवं सीजन में इसका गेहूं के भाव Wheat price 2024 पर क्या असर पढ़ने वाला है आईए सब कुछ जानते हैं..

गेहूं की बोवनी कम हुई, पैदावार पर पड़ेगा असर

Wheat price 2024 | इस वर्ष रबी सीजन में गेहूं की बोवनी 4.04 प्रतिशत कम हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार गेहूं की बोवनी 320.54 (पिछले वर्ष 324.58) लाख हेक्टेयर जमीन पर हुई है। इसका असर गेहूं की पैदावार पर पड़ेगा, वहीं मौसम के प्रतिकूल होने के कारण भी गेहूं की पैदावार कम होने की संभावना बढ़ गई है। कृषि मंत्रालय के द्वारा जारी अनुमान के अनुसार इस सीजन में देश में गेहूं का कुल उत्पादन 114 मिलियन टन रहने की उम्मीद है। बीते वर्ष यानी 2022-23 में सरकारी अनुमान के अनुसार गेंहू का उत्पादन 110.55 मिलियन टन था।

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गेहूं का बफर स्टॉक घटा (Wheat price 2024)

सरकार देश के सरकारी गोदामों में घटे स्टाक को लेकर चिंतित और सजग दिख रही है। गेहूं का स्टाक देश में 16 साल में सबसे कमजोर बताया जा रहा है। बफर स्टाक का पैमाना 1 अप्रैल की अवधि में 7.46 मिलियन टन है। इसके मुकाबले फिलहाल स्टाक 8.35 मिलियन टन रह गया है। जो बफर स्टाक से मामूली ज्यादा है।

पिछले वर्ष सरकारी एजेंसियां गेहूं के रिकार्ड उत्पादन के बावजूद खरीदी में पीछे रह गई। सिर्फ 26.2 मिलियन टन की सरकारी खरीदी Wheat price 2024 हो सकी। इसी तरह 2021-22 में भी 107.74 मिलियन टन के उत्पादन के मुकाबले खरीदी सिर्फ 18.79 मिलियन टन हो सकी।

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सीजन में गेहूं के एमएसपी एवं मंडी भाव क्या रहेंगे, जानें 

Wheat price 2024 | न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात एमएसपी में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष केंद्र सरकार ने 7 प्रतिशत की वृद्धि की है। पिछले वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य जहां 2125 रुपए था, वहीं अब यह 2275 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इसके साथ ही सरकार बफर स्टॉक बढ़ाने के लिए 2700 रुपए प्रति क्विंटल का भाव कर सकती है फिलहाल इसके आदेश नहीं हुए हैं, किंतु आदेश जारी होने की संभावना है।

यह संभावना इसलिए भी अधिक बढ़ गई है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अच्छी जीत हासिल की, वहीं 2024 में लोकसभा चुनाव होना है। ज्ञात हो कि विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल किए जाने का वादा किसानों से किया था।

सूत्रों के अनुसार सरकार समर्थन मूल्य Wheat price 2024 बढ़ाने के स्थान पर गेहूं पर 425 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस दे सकती है। इधर मंडी में गेहूं का भाव समर्थन मूल्य के करीब रहने की संभावना है अर्थात गेहूं का मंडियों में न्यूनतम भाव 2400 रुपए प्रति क्विंटल के लगभग रहेगा वहीं अधिकतम भाव 2900 रुपए प्रति क्विंटल रहने की संभावना है। गेहूं के वर्तमान भाव 3000 रुपए प्रति क्विंटल के लगभग बने हुए हैं। मंडियों में गज्जर गेहूं 2500 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है।

गेहूं की खरीदी जल्दी शुरू होगी 

Wheat price 2024 | इस वर्ष समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी को लेकर सरकार अभी से सक्रिय हो चुकी है। इस वर्ष किसानों को अधिक लाभ प्राप्त होने की संभावना है। क्योंकि गेहूं का समर्थन मूल्य सरकार द्वारा बढ़ा दिया गया है। सरकार की नजरें ज्यादा से ज्यादा गेहूं की खरीदी पर है और नई फसल पर उम्मीदें टिकी है। कमजोर स्टॉक के चलते सरकार गेहूं की खरीदी एक महीने पहले शुरू करने की योजना बना चुकी है, अर्थात अप्रैल में होने वाली खरीदी मार्च में शुरू करने की संभावना है।

व्यापारीयों में गेहूं खरीदी को लेकर असमंजस्य, यह है वजह

सरकार गेहूं की खरीदी Wheat price 2024 को लेकर अभी से सक्रियता दिखा रही है, किसानों को भी बड़ा फायदा देने की तैयारी की जा रही है, किंतु मंडी में व्यापारियों की खरीदी कैसे होगी इसको लेकर व्यापारी अभी से असमंजस्य की स्थिति में है। व्यापारियों ने बताया कि स्टॉक सीमा की वजह से निजी व्यापारी एवं उद्योग बड़ी मात्रा में गेहूं खरीदना पसंद नहीं करेंगे, क्योंकि 31 मार्च तक स्टॉक सीमा लागू है और इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि खाद्य निगम के भंडार वर्षों बाद पहली बार खाली हुए हैं।

यदि मध्यप्रदेश एवं राजस्थान सरकार चुनावी वादे को पूरा करती है, तब किसानों से 2700 से 2750 रुपए में गेहूं खरीदना होगा। आटा-मैदा मिलों का मत है कि जब ऐसी नीतियां चलन में हो तब रणनीति बनना काफी कठिन होता है। फिलहाल स्टॉक सीमा लागू रहने से केवल आटा- मैदा मिलें ही बाजार में रहेगी।

खाद्य निगम के माध्यम से खरीदी Wheat price 2024 शुरू कर सकता है, क्योंकि गोदामों में स्टॉक कम है। पिछले दो वर्ष से गेहूं का उत्पादन कम हो रहा है। मौसम को देखते हुए इस वर्ष भी खतरा मंडरा रहा है, चाहे कृषि मंत्रालय स्वीकार करे या न करे। व्यापारिक क्षेत्रों के अनुसार पिछले वर्ष भी 10.50 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ है।

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि सरकारी हस्तक्षेप के कारण गेहूं, गेहूं उत्पाद की कीमतें सीजन के दौरान कुछ दब सकते हैं, लेकिन आगे ज्यादा मंदी नजर नहीं आ रही है। नीचे दामों पर चौतरफा रोलर फ्लोर मिलों एवं आटा चक्कियों की लेवाली मंडियों में आना शुरू हो गई है। इसे ध्यान में रखते हुए बाजार पुनः सुधार की उम्मीद क जा रही है। गेहूं के भाव Wheat price 2024 आने वाले सीजन में औसत रूप से बढ़ेंगे। 

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