आइए जानते है कौन सी है दुनिया की सबसे महंगी गाय (Most Expensive Cow)..
Most Expensive Cow | भारत में गाय को भगवान की तरह पूजा जाता है। यह वजह है की गाय को मां का दर्ज दिया गया है। भारत में गाय की कई प्रजातियां हैं, जो अपने आप में खास हैं।
कोई अपनी दूध उत्पादन क्षमता के लिए जानी जाती है, तो अपनी की कीमत को लेकर। ऐसे में आज हम आपको बताने वाले है दुनिया की सबसे गाय के बारे में। जिसकी कीमत Most Expensive Cow सुनकर आप भौंचक्के रह जायेंगे। जी हां, हम जिस गाय की बात कर रहे है उस गाय की कीमत करोड़ों में है। आइए जानते है डिटेल..
ब्राजील में दुनिया की सबसे महंगी गाय, कीमत करोड़ों में
Most Expensive Cow | हम जिस गाय के बारे में बात कर रहे है, उस गाय का नाम वियाटिना-19 इमोविस। अगर आप ये सोच रहे है की, दुनिया की सबसे महंगी गाय भारत में है, तो आप गलत है। दुनिया की सबसे मंहगी गाय भारत नहीं ब्राजील देश में है। लेकिन इस गाय का नाता भारत से है।
दरअसल, दुनिया की सबसे मंहगी गाय ब्राजील की वियाटिना-19 इमोविस (Viatina-19 EmoVis Cow) है। जिसकी कीमत 40 करोड़ रुपये है। ब्राजील में हुई एक पशुधन नीलामी में इसकी बोली 40 करोड़ रुपये लगी। जिससे आप समझ गए होंगे की इस गाय में कुछ तो खास बात है। तभी इसकी कीमत (Most Expensive Cow) 40 करोड़ रुपये आंकी गई है।
दुनिया की सबसे महंगी गाय की खासियत
वियाटिना-19 एफआईवी मारा इमोविस की बिक्री Most Expensive Cow सिर्फ गाय से कहीं ज्यादा है। यह उसकी क्षमता से जुड़ी है। यह अनुमान लगाया गया है कि उसके जेनेटिक मटीरियल भ्रूण से ऐसी संतान पैदा होगी जो उसके उत्कृष्ट गुणों को पाएगी।
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इससे समग्र रूप से नेल्लोर नस्ल को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. नीलामी में इतनी बड़ी राशि इसे परसेप्शन से ही जुड़ी है। ब्राजील में हुई नीलामी में साढ़े चार साल की गाय का सौदा करीब 40 करोड़ रुपये में हुआ। इसने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
Most Expensive Cow का है भारत से खास नाता
वियाटिना-19 इमोविस गाय की खास बात यह है कि यह भारत की नैल्लोर नस्ल की गाय है। नैल्लोर नस्ल की उत्पत्ति भारत में हुई है, लेकिन इसे ब्राजील की सबसे महंगी नस्लों में से एक बना दिया गया है। क्योंकि यह कूबड़ और सफेद कोट के लिए प्रसिद्ध है यह गाय की नस्ल आंध्र प्रदेश के नैल्लोर जिले में पाई जाती है और इसका वैज्ञानिक नाम बोस इंडिकस है।
दरअसल, नैल्लोर नस्ल की इस गाय की ब्राजील तक पहुंचने की कहानी भी बड़ी खास है। कहा जाता है की इस नस्ल को भारत के ओंगोल मवेशियों से लाया गया था।
साल 1868 में एक जहाज ने दो ओंगोल मवेशियों को ब्राजील के साल्वाडोर में उतार था। इसके बाद कई अन्य मवेशियों का आयात किया गया। इनमें से दो गायें 1878 में हैम्बर्ग चिड़ियाघर से आई थीं। सबसे बड़ी आमद 100 गायें की थीं। यह 1960 के दशक में हुई थी। इसने ब्राजील में इस नस्ल की व्यापक उपस्थिति के लिए आधार तैयार किया। : Most Expensive Cow
क्यों खास है गाय की नैल्लोर नस्ल?
नैल्लोर नस्ल की गायें अत्यधिक गर्मी झेलने में समर्थ हैं। इनका मेटाबॉलिज्म जबर्दस्त है। इस कारण ये बीमार नहीं पड़ती हैं। यही कारण है कि पशुपालकों को यह नस्ल काफी पसंद आती है। वियाटिना-19 एफआईवी मारा इमोवीस में ये सभी क्वालिटी हैं। यह अपने आनुवंशिक फायदों को आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है।
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