विदेशों में आयत होने वाला इजराइली एवोकाडो का फल इंडिया में अधिक बिकता है। भारत में इसकी खेती कैसे की जा सकती है जानें Avocado farming के बारे में..
Avocado farming | एवोकाडो, जिसे हम बटर-फ्रूट के नाम से भी जानते हैं। यह सेहत के साथ-साथ कमाई में भी चार-चांद लगाता है। इसकी फार्मिंग से लाखों में कमाई की जा सकती है। इसे लेकर अभी भी लोगों के बीच बहुत कम जानकारी है। तो चलिए आज एवोकाडो की खेती कैसे की जाती है इसकी खेती के संबंध में संपूर्ण जानकारी क्या-क्या है। इसके बारे में जानते हैं…
कैसा होता है इजराइली एवोकाडो का पौधा
Avocado farming : एवोकाडो का नाम सुनकर ही ऐसा लगता है। जैसे यह कोई विदेशी पौधा हो। दरअसल इसे इजराइल एवं अमेरिका में उगाया जाता है। एवोकाडो एक सदाबहार पेड़ है। जो की हमारे लिए कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने वाला है। भारतीय एवोकाडो और इजराइली एवोकाडो के बीच के अंतर एवोकाडो के फल को लेकर है। इजराइली वैरायटी पकने पर काली हो जाती है, जबकि इंडियन काली नहीं होती है।
जानें, इजराइली एवोकाडो की खेती का सही तरीका और सावधानियां
एवोकाडो की खेती Avocado farming इजरायल एवं अमेरिका में अधिक होती है। इन दोनों देशों से ही पूरे विश्व में एवोकाडो निर्यात होता है, विदेश से आयातित यह फल भारत के बड़े शहरों में लोग चाव से खाते हैं। इस इजराइली एवोकाडो की खेती भारत में भी आसानी से की जा सकती है क्योंकि इसका पौधा भारत की जलवायु को सहन करने की क्षमता रखता है। भारत में इसकी खेती हो रही है।
भारत में इसकी खेती के लिए इजरायल से पौधे इंपोर्ट करना होते हैं इंपोर्ट करने के पश्चात इन्हें नर्सरी में लगाया जाता है विशेषज्ञों की देखरेख में होने वाली इस Avocado farming खेती में पौधों को खेतों में लगाना होता है 1 एकड़ में तकरीबन 170 पौधे लगाए जाते हैं। पौधों को तैयार होने में 3, 4 साल का समय लगता है। इतने समय में इसमें फ्रूटिंग आने लगती है। इसकी खेती थोड़ी महंगी जरूर है किंतु फल आने के पश्चात आमदनी अच्छी होती है।
इंपोर्ट करने के बाद पौधे का प्रोसेस
Avocado farming : जब प्लांट को किसी दूसरे देश से इंपोर्ट किया जाता है तो उसे क्वारैंटाइन किया जाता है। 3 साल बाद पौधे से फल ले सकते हैं। उससे पहले फल नहीं लिए जाते क्योंकि पौधा यंग होता है। गवर्मेंट इस पर सब्सिडी नहीं दे रही है। हॉर्टिकल्चर में अमरूद, अनार, अंगूर जैसे फलों की फार्मिंग करने पर सरकार सब्सिडी देती है, लेकिन एवोकाडो को ऐसा नहीं है। सरकार को इस पर सोचना चाहिए।
एवोकाडो की खेती के लिए तैयारी एवं बीज रोपण/पौधारोपण
एवोकाडो का बीज लगाने के लिए पहले खाद प्रोटीन मिक्स खाद तैयार कर लें, उसके बाद पुराने प्लास्टिक के डिब्बे का उपयोग करके खाद को इसमें डाल दें। मिट्टी में बीज को ऐसे रखें कि वह आधा मिट्टी Avocado farming में रहे एवं आधा बाहर। इस दौरान यह सावधानी रखना आवश्यक है कि बीज पूरी तरह से मिट्टी में नहीं रखा जाए अन्यथा बीज खराब हो जाएगा।
इसके बाद जहां भी आप इस बीज को बो रहे हैं वहां का तापमान 25 डिग्री सेंटीग्रेड से कम होना चाहिए, इससे अंकुरण अच्छा एवं जल्दी होगा। बीज लगाने के बाद हफ्ते में दो बार सिंचाई Avocado farming दें। सर्दियों में हफ्ते में एक बार सिंचाई दे। पानी देखते देते वक्त ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा पानी ना दें पानी उतना ही दे जितना के गमले की मिट्टी को नमीदार बना कर रखा जा सके।
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भारत में कहां-कहां होती है एवोकाडो की खेती
इजराइली एवोकाडो की खेती Avocado farming भारत के तमिलनाडु, केरल राज्यों में हो रही है। इसके साथ ही पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के ऊपरी भाग एवं दक्षिण बाद भारत और पूर्वी भाग इसकी खेती के लिए उपयुक्त है। इसका पीक सीजन जनवरी में होता है जब फ्लावरिंग होती है। सितंबर में फसल तैयार हो जाती है। 5 डिग्री सेल्सियस से लेकर 43 डिग्री सेल्सियस के बीच इसकी खेती की जा सकती है।
इजराइली एवोकाडो की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
एवोकाडो की खेती दक्षिणी महाद्वीप में अधिकांशत होती है इसके लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु की जरूरत होती है। 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान इसके लिए उपयुक्त/आदर्श माना जाता है। वहीं 60 फ़ीसदी नमी वाले क्षेत्र में इसके पेड़ पौधे अच्छे तरीके से विकसित होते हैं। एवोकाडो के पौधे अधिक ठंड को सहन करने में सक्षम होते हैं।
इसलिए ठंडे प्रदेशों में इसको खेती Avocado farming आसानी से की जा सकती है। इजराइली एवोकाडो 5 डिग्री सेल्सियस तक की ठंड सहन करने में सक्षम होते हैं, इससे कम तापमान पौधों को नष्ट कर देता है। वहीं तापमान 43 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने पर पौधा भी मुरझा कर गिर सकता है।
इजराइली एवोकाडो की खेती के लिए उपयुक्त भूमि/मिट्टी
इजराइली एवोकाडो की खेती के लिए काली एवं लाल मिट्टी सर्वोत्तम मानी जाती है। लाल मिट्टी एवं काली मिट्टी का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास आसानी से नहीं पहुंच पाता है, इससे पौधों Avocado farming को कोई नुकसान नहीं होता। इसके अलावा इसकी खेती के लिए लेटराइट मिट्टी भी उपयुक्त होती है।
क्योंकि इसमें चिकनाहट की मात्रा अधिक रहती है तथा इसमें पानी रोकने की क्षमता अधिक होती है। ऐसे में इसकी खेती के लिए तमिलनाडु, केरल, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल के कुछ भाग और पंजाब हरियाणा के ऊपरी भाग तथा हिमाचल के निचले भाग उपयुक्त माने जाते हैं क्योंकि इन प्रदेशों की मिट्टी इसकी खेती के लिए आदर्श है।
इजराइली एवोकाडो की खेती के लिए वर्षा कितनी होना चाहिए
एवोकाडो की खेती Avocado farming के लिए अच्छी पैदावार के लिए 100 सेंटीमीटर प्रति वर्ष से अधिक वर्षा की जरूरत होती है। राजस्थान, उत्तरी गुजरात और महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ भागों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में एवोकाडो की खेती के लिए अनुकूल बारिश की स्थिति रहती है, जो एवोकाडो की पैदावार के लिए आदर्श मानी जाती है।
इजराइली एवोकाडो खेती में सिंचाई व्यवस्था
इसकी फार्मिंग Avocado farming के लिए ड्रिप इरिगेशन का प्रयोग किया जाता है। एक पेड़ की कीमत 3 हजार रुपए पड़ती है। एक एकड़ में 170 पौधे तक लगाए जा सकते हैं।
एक पेड़ से एवोकाडो के फल की पैदावार
एवोकाडो Avocado farming का पौधा 2 साल बाद फल देना शुरू करता है सर्वप्रथम एक पेड़ से 1 किलो फल मिलता है यह तीसरे साल 8 किलो तक पहुंच जाता है और फिर यह 10 साल के बाद यानी कि 10 साल तक डेढ़ क्विंटल तक एक पौधा फल देने लगता है। एवोकाडो के एक पेड़ की उम्र लगभग 50 साल होती है। 3 साल के पश्चात इस पेड़ की देखभाल बहुत ही कम करना होती है।
इजराइली एवोकाडो में पाए जाने वाले पोषक तत्व
Avocado farming : एवोकाडो में पाए जाने वाले पोषक तत्व और अन्य पदार्थों की बात करें तो इसमें फैटी एसिड से भरपूर मात्रा में पाई जाती है। इसमें कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, लोहा, मैग्नीशियम, मैग्नीशियम और तांबा आदि खनिजों के साथ-साथ विटामिन बी-6, विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन सी, विटामिन के और विटामिन ए भी पाया जाता है। इसके अलावा एवोकाडो, फाइबर का भी एक अच्छा स्रोत माना जाता है।
इजराइली एवोकाडो की खेती में लागत और कमाई
सही तरीके से एवोकाडो की खेती Avocado farming की जाए तो लाखों में कमाई की जा सकती है। दिल्ली, मुंबई जैसे मेट्रोपॉलिटन सिटीज में इसका बेहतर मार्केट है। मार्केट में इंडियन और इजराइली एवोकाडो के अलग-अलग रेट हैं। 500 रुपए से लेकर 1200 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से ये फल बिकता है। हालांकि एवोकाडो की खेती आम किसान के लिए मुश्किल होती है, क्योंकि इजराइली एवोकाडो को इंपोर्ट करने में ही बहुत बजट लगता है। एक पेड़ की कीमत 3 हजार रुपए पड़ती है।
इजराइली एवोकाडो खाने से क्या होते हैं फायदे
Avocado farming एवोकाडो का फल सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। हार्ट और हार्मोन्स को रेग्युलेट करने में काफी मददगार है।
एवोकाडो में विटामिन और खनिजों की प्रचुरता होती है, जो कि त्वचा और बालों को की सेहत के लिए बेहद जरूरी तत्व माने जाते हैं यह सनबर्न के कारण होने वाली सूजन को भी कम करता है।
एवोकाडो में लुटेइन और जेकैक्टिन जैसे कैरोटिनोइड जो कि मोतियाबिंद आंखों के रोग और धब्बेदार अगर पतन के खिलाफ आंखों की रक्षा करने में उपयोगी साबित होते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स के प्रभावों को भी निष्क्रिय करने का काम करती है।
एवोकाडो में पाया जाने वाला विटामिन बी और सी आमतौर पर मत जी मचलाने और उल्टी जैसी समस्याओं Avocado farming से निजात दिलाने में उपयोगी साबित होता है।
एवोकाडो की फली और पत्ते के अर्क को शुगर के उपचार में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें पाए जाने वाले कई पोषक तत्व रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा इसमें पाए जाने वाले तत्व भोजन को उपयोगी शर्करा में भी बदलने की क्षमता रखते हैं।
एवोकाडो Avocado farming में पाया जाने वाला कैरोटीनॉइड्स और मोनोअनसैचुरेटेड फैट, प्रोस्टेट कैंसर और स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसके अलावा इसमें ग्लूटाथिओन नाम का एक एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है। यह शरीर में मुक्त कणों के प्रभाव को निष्क्रिय करने में सहायक है।
एवोकाडो में मौजूद बीटा-सीटेस्टेरोल स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल का स्तर बनाए रखने में सहायक साबित होता है। कई शोधों में पता चलता है कि यह एच डी एल कोलेस्ट्रोल के एंटीथोजेनिक गुणों को बढ़ाने का काम करता है। जिससे कि धमनियां नरम होती हैं और खतरा कम होता है। इसके अलावा यह उच्च रक्तचाप में भी उपयोगी है।
एवोकाडो में मौजूद कुछ ऑर्गेनिक Avocado farming यौगिक हमारे लिवर के स्वास्थ्य को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. लीवर में होने वाली क्षति को कम करने में भी एवोकाडो में पाए जाने वाले तत्व काफी उपयोगी होते हैं।
एवोकाडो का सेवन माउथ फ्रेशनर के रूप में भी किया जा सकता है। कई बार हमारे मुंह से आने वाली बदबू का कारण अपच या खराब पेट भी हो सकता है। इस दुर्गंध को दूर करने में इसमें पाए जाने वाले जीवाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट फ्लैनेनोइड्स भी मददगार होते हैं।
एवोकाडो Avocado farming का इस्तेमाल कैंसर को भी दूर करने के लिए किया जा सकता है। एवोकाडो में पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल्स, फैटी अल्कोहल, ओमेगा-3, कैरोटिनोइड्स, फैटी एसिड, फ्लेवोनोइड्स और फिटोस्टरोल आदि गठिया को कम करने के लिए सबसे अच्छे खाद्य पदार्थों में से एक है।
एवोकाडो में पाए जाने वाले जेक्सेंथिन और ल्यूटिन नामक कैरीटिनोइड्स, ऑस्टियोआर्थराइटिस के जोखिम को घटाने का काम करते हैं। इसके अलावा एवोकाडो में कई अन्य महत्वपूर्ण खनिज जैसे कि फास्फोरस, तांबा, कैल्शियम, जस्ता और सेलेनियम आदि पाए जाते हैं, जो कि ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डी खनिज घनत्व को दुरुस्त करने का काम करते हैं।
एवोकाडो Avocado farming में पाया जाने वाला पोटेशियम नाम का खनिज उपयोगी होता है। दरअसल पोटेशियम कोशिकाओं और अंगों के लिए केमिकल चैनल्स के द्वारा द्रव को संतुलित बनाए रखने में काफी सहायक होता है।
एवोकाडो में पाए जाने वाले एक्सथॉफिल नाम का एंटीऑक्सीडेंट का गुण हमारी उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करने में काफी महत्वपूर्ण होता है।
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