किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों की आसान उपलब्धता के लिए सरकार 8 लाख रुपये तक का अनुदान देगी। 38 नए फार्म मशीनरी बैंक (Farm Machinery Bank) स्थापित करेगी सरकार।
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Farm Machinery Bank | देश के किसानों को आधुनिक कृषि का अधिक से अधिक लाभ मिल सके, इसके लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं के तहत किसानों को ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। हाल ही में बिहार सरकार राज्य के किसानों को तकनीक से जोड़ने और कृषि कार्यों को सरल बनाने के लिए एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है।
इस वर्ष राज्य में 38 नए फार्म मशीनरी बैंक (Farm Machinery Bank) स्थापित किए जाएंगे। इसकी घोषणा उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को की। उन्होंने बताया कि इन मशीनरी बैंकों की स्थापना कृषि रोड मैप के अंतर्गत की जा रही है, ताकि राज्य के छोटे और सीमांत किसानों को खेती के आधुनिक यंत्र सुलभ हो सकें। इसके लिए सरकार द्वारा प्रति यूनिट 10 लाख रुपये की लागत निर्धारित की गई है, जिसमें से 80 प्रतिशत यानी अधिकतम 8 लाख रुपये का अनुदान सरकार की ओर से दिया जाएगा। आइए जानते है योजना (Farm Machinery Bank) की डिटेल…
अब तक 569 मशीनरी बैंक स्थापित | Farm Machinery Bank
उपमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अब तक राज्य में 569 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए जा चुके हैं, जो किसानों को खेती के लिए जरूरी उपकरण कम किराए पर उपलब्ध करवा रहे हैं। इससे किसानों को महंगे यंत्रों को खरीदने की आवश्यकता नहीं होती और वह अपनी खेती को कम लागत में अधिक उत्पादक बना सकते हैं।
मशीनरी बैंक में अनिवार्य होगा एक ट्रैक्टर चालित यंत्र
Farm Machinery Bank | मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रत्येक फार्म मशीनरी बैंक में कम-से-कम एक ट्रैक्टर चालित या स्वचालित यंत्र रखना अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य यह है कि किसानों को बुआई, जुताई, रोपाई, कटाई और थ्रेसिंग जैसे कृषि कार्यों के लिए अत्याधुनिक यंत्र समय पर मिल सकें।
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कौन ले सकता है योजना का लाभ?
इस योजना Farm Machinery Ba का लाभ लेने वाले लाभुकों की सूची में कई संगठन शामिल किए गए हैं, जिनमें जीविका समूह, ग्राम संगठन, क्लस्टर फेडरेशन, फार्मर इंटरेस्ट ग्रुप (FIG), नाबार्ड या बैंकों से संबद्ध किसान क्लब, किसान उत्पादक संगठन (FPO), किसान उत्पादक कंपनियां (FPC), स्वयं सहायता समूह (SHG) एवं प्राथमिक कृषि साख समिति (PACS) इत्यादि। इन सभी संस्थाओं को फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए आवेदन करने का अधिकार दिया गया है।
क्या होगा किसानों को फायदा?
- कृषि यंत्रों की आसान उपलब्धता
- खेती के कार्यों में तेजी और समय की बचत
- खर्च में कमी और उत्पादन में वृद्धि
- छोटे किसानों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर
कहां कर सकेंगे योजना में आवेदन?
इस योजना के लिए इच्छुक समूह और संगठन राज्य कृषि विभाग या जिला कृषि पदाधिकारी कार्यालय के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। साथ ही योजना से जुड़ी जानकारी आईपीआरडी बिहार और संबंधित सरकारी वेबसाइट्स पर भी उपलब्ध कराई गई है।
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