किसान ध्यान दें..फरवरी-मार्च तक ककड़ी का ले सकते हैं अच्छा उत्पादन, यह किस्में देगी भरपूर पैदावार..

खेत खाली होने पर फरवरी माह (February Farming) में यह खेती करके किसान अच्छा फायदा कमा सकते हैं, देखें डिटेल..

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February Farming | फरवरी का महीना सब्जियों के लिए खास माना गया। इस महीने में रबी सीजन की फसलें पकनी शुरू हो जाती हैं खेत खाली होने लगते हैं।

इस महीने में किसान सब्जियां लगाकर अच्छा मुनाफा ले सकते हैं। किसान प्रमाणित बीज ही खरीदें, जिससे पैदावार भी अच्छी होगी।

बागवानी विभाग का कहना है कि इस सीजन में आमतौर पर गर्मी में खाई जाने वाली सब्जी और फलों की खेती की जाती है। जो गर्मी में समय पर तैयार हो जाती है। : February Farming

अगेती फसल होने पर किसान को उसकी फसल का उचित मूल्य मिल जाता है। इस सीजन में खेती करने वाले किसानों को फसलों की वृद्धि और विकास के लिए बहुत सी जरूरी बातों का ध्यान रखना भी होता है।

फरवरी में सब्जियां February Farming उगाते हैं, तो किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। सब्जियों की खेती में प्रमुख रूप से गिलकी, करेला, लौकी की खेती की जा सकती है। इसके साथ ककड़ी की खेती किसानों को अच्छा फायदा देगी, ककड़ी की खेती के बारे में आइए सब कुछ जानते हैं..

फरवरी में होने लगता है तापमान में बदलाव

February Farming | फरवरी के तुरंत बाद से ही तापमान बढ़ने लगता है, जिसके बाद पौधों को पकने तक भरपूर मात्रा में पानी की जरूरत होती है। ऐसे में किसान तरबूज, खीरा, खरबूजा, ककड़ी, घीया, तोरी, टमाटर व बैंगन इत्यादि फसल लगा सकते हैं।

समय की बात करें तो इस समय गर्मी की शुरुआत होने लगती है और धीरे-धीरे गर्मी बढ़ जाती है। यह गर्मी बढ़ी तो किसानों को अपनी खेती में सिंचाई शाम या सुबह करनी चाहिए क्योंकि तेज धूप में खेती की सिंचाई करने से पौधों पर बुरा असर पड़ सकता है।

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February Farming | ककड़ी की खेती की जानकारी

देश के कई क्षेत्रों में तर ककड़ी की खेती जनवरी से फरवरी और मार्च के महीने में की जाती है। यह एक ऐसी फसल है जो कम अवधि में तैयार हो जाती है।

कच्ची तर ककड़ी सलाद के लिए ज्यादा इस्तेमाल होती है। इसी के चलते बाजार में इसकी मांग भी ज्यादा रहती है। इसकी खेती करने के लिए किस्मों का चयन कृषि अधिकारियों की सलाह से करें। : February Farming

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भूमि की तैयारी

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक ककड़ी के बीज किसी भी तरह की मिट्टी में बो सकते हैं। अगेती पौध तैयार कर भी रोप सकते हैं। दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए सर्वोत्तम रहती है।

उन्नत शंकर प्रजातियां और किस्में

February Farming | कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि किसान सूर्य प्रभा, लखनऊ सिलेक्शन, लखनऊ सुपर बीएसएस 708, शंकर ककड़ी, नरगिस, करनाल सिलेक्शन और कंचन आदि किस्में लगा सकते हैं।

विज्ञानिक विधियां अपनाकर कम खर्च में तर ककड़ी का अधिक उत्पादन ले सकते हैं। डॉ. सुरेश अरोड़ा के अनुसार कृषि अधिकारियों की सलाह पर किस्म का चयन करें।

बिजाई का समय

February Farming | तर ककड़ी की अगेती फसल लेने के लिए जनवरी माह के अंतिम सप्ताह से लेकर फरवरी माह के अंतिम सप्ताह तक इसकी पौध तैयार की जा सकती है। इस पौध की अवधि 20 से 25 दिन की होती है।

बीज की मात्रा

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक 1 एकड़ भूमि में तर ककड़ी बोने के लिए 1 किलो बीज पर्याप्त रहता है।

खाद व उर्वरक

February Farming | 1 एकड़ में 4 से 6 टन गोबर की सड़ी खाद या केंचुआ खाद, 20 किलोग्राम नाइट्रोजन (शुद्ध), 12 किलोग्राम फास्फोरस व 10 किलोग्राम पोटाश की शुद्ध मात्रा पर्याप्त होती है।

बिजाई की विधि

2 मीटर चौड़ी क्यारियों में नाली के किनारों पर बिजाई करें। तर ककड़ी को इसी प्रकार की क्यारियों में ककड़ी के पौधे रोपें। पौधों की दूरी 60 सेंमी रखें।

कृषि क्रियाएं व खरपतवार नियंत्रण

बिजाई या रोपाई के बाद हल्की सिंचाई करें। दूसरी सिंचाई 4-5 दिन के अंतराल पर करें। खरपतवार नियंत्रण को 2 गुड़ाई जरूरी हैं।

February Farming | फलों की तुड़ाई

नरम व चिकने फलों को सुबह या शाम के समय तोड़ लें। तुड़ाई करते समय फलों की लंबाई 15 से 30 सेंटीमीटर की होनी चाहिए।

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