इस वर्ष मानसून पर अलनीनो का असर नहीं रहेगा, होगी भरपूर बारिश, औसत से 105% की संभावना, देखें अपडेट..

मॉनसून सीजन (Monsoon 2025) के दौरान इस वर्ष कैसी रहेगी बारिश, आईए जानते हैं..

 

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

Monsoon 2025 | भारतीय कृषि मानसून पर निर्भर है और खेती पर ही पूरी अर्थव्यवस्था केंद्रित है। इधर मई माह शुरू होने वाला है। मई माह के अंत तक प्री मानसून की गतिविधियां शुरू हो जाएगी।

इसी बीच मौसम विभाग ने मानसून को लेकर पूर्वानुमान जारी कर दिया है। मौसम विभाग द्वारा जारी किया गया पूर्वानुमान किसानों को राहत देने वाला है। इस पूर्वानुमान में बताया गया है कि इस वर्ष मानसून की बारिश अच्छी होगी। आईए जानते हैं मौसम विभाग का पूरा पूर्वानुमान..

किसानों और आम लोगों को राहत

मानसून को लेकर भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अच्छी खबर दी है। आईएमडी ने कहा है कि इस बार मानसून में सामान्य से ज्यादा बारिश होगी। इससे किसानों और आम लोगों को राहत मिलेगी। Monsoon 2025

आईएमडी के प्रमुख श्री मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि इस पूरे मानसून सीजन में अल नीनो की स्थिति नहीं बनेगी। भारत में मानसून के चार महीनों जून से सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।

इस साल 2025 में मानसून सीजन के दौरान औसत से 105 फीसदी बारिश की संभावना जताई है। यह खबर कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी है। लद्दाख, पूर्वोत्तर और तमिलनाडु में कम बारिश की संभावना है। Monsoon 2025

मानसून पर अलनीनो का असर नहीं रहेगा

मौसम विभाग (Monsoon 2025) के अनुसार, इस साल एल-नीनो और इंडियन ओसियन डाइपोल सामान्य रहने वाले हैं, जो कि अच्छे मानसून का संकेत है। इन दोनों की परिस्थितियां अनुकूल होने से पूरे देश में सामान्य से अधिक बारिश में वृद्धि होती है।

यूरेशिया और हिमालयी क्षेत्र में बर्फ की मात्रा कम होगी। विशेषज्ञों के अनुसार, जब हिमालय और उसके आसपास के क्षेत्रों में बर्फ कम होती है तो भारत में मानसूनी बारिश औसत से अधिक होती है।

मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार बारिश का आंकड़ा 87 सेंटीमीटर के दीर्घकालिक औसत का 105 फीसदी रहेगा। आईएमडी चीफ ने कहा कि अल नीनो की स्थिति, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम मानसून बारिश से जुड़ी है, इस बार विकसित होने की संभावना नहीं है। Monsoon 2025

आईएमडी के अनुसार, सामान्य बारिश का मतलब है कि चार महीने के मानसून सीजन में 87 सेंटीमीटर की औसत बारिश का 96 फीसदी से 104 फीसदी तक बारिश होना। यह औसत पिछले 50 सालों के आंकड़ों पर आधारित है।

बारिश को लेकर असर मानसून में बारिश का असर सीधे खेती पर पड़ता है। अच्छा मानसून रहना भारत के कृषि क्षेत्र के लिए बहुत जरूरी है। लगभग 42.3 फीसदी आबादी की आजीविका इसी पर निर्भर है। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 18.2 फीसदी का योगदान करता है। देश के 52 फीसदी कृषि क्षेत्र में बारिश से ही सिंचाई होती है। यह देशभर में पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए जलाशयों को भरने के लिए भी महत्वपूर्ण है। Monsoon 2025

कब होगी मानसून की एंट्री

मौसम विभाग के मुताबिक सामान्य बारिश का मतलब यह नहीं है कि देश में हर जगह और हर समय एक जैसी बारिश होगी। मौसम विभाग के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश में बदलाव हो रहा है। भारत में मानसून आमतौर पर 1 जून के आसपास केरल के दक्षिणी सिरे पर आता है। यह मध्य सितंबर में वापस चला जाता है। मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष अभी मानसून की एंट्री तय समय पर ही होगी। Monsoon 2025

मध्यप्रदेश की प्रमुख मंडियों के डेली भाव से अपडेट रहने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े.

👉मंडी भाव व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़े।

कृषि योजना खेती किसानी, मंडी, भाव लेटेस्ट बिजनेस एवं टेक की जानकारी के लिए आप हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो कर सकते है।

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

यह भी पढ़िए…👉अमेरिका में सोयाबीन के स्टॉक में 1.27 फीसदी की गिरावट, सोयाबीन भाव में 300 रु. तक की तेजी, देखें भाव..

👉नाफेड ने सोयाबीन बिक्री के टेंडर बुलाएं, सोयाबीन के भाव में गिरावट देखें सोया प्लांट भाव..

👉टैरिफ की अनिश्चितता ने रोकी सोयाबीन की तेजी, देखें प्लांट भाव..

👉 अभी मंडी में गेंहू के भाव ₹2826 रूपये क्विंटल, 2025 में क्या रहेगा गेंहू का भाव, जानें

प्रिय पाठकों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.

Leave a Comment