मौसम विशेषज्ञों ने इस वर्ष MP Cold forecast ठंड को लेकर पूर्वानुमान जारी किया है, आइए जानते हैं कैसी रहेगी ठंड..
MP Cold forecast : खेती किसानी पर सबसे ज्यादा प्रभाव मौसम का पड़ता है मौसम के उतार-चढ़ाव से फसलों का उत्पादन प्रभावित होता है किसानों को मौसम की जानकारी सटीक मिलती रहे तो पैदावार में निश्चित तौर पर बढ़ोतरी हो सकती है।
इस वर्ष ठंड के मौसम को लेकर मौसम विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान जारी किया है। इस पूर्वानुमान के अनुसार किसानों को फसलों का क्रम तय करना चाहिए। क्योंकि रबी सीजन के दौरान बोई जाने वाली फसलें मौसम पर अधिक केंद्रित रहती है। चौपाल समाचार की इस खबर से आइए जानते हैं कि इस वर्ष ठंड MP Cold forecastकैसी रहेगी..
अक्टूबर माह के अंत तक दिन में गर्मी रहेगी
अक्टूबर महीने में मानसून की विदाई होती है, जबकि सर्दी शुरू होने लगती है। इस कारण अक्टूबर में दिन गर्म और रातें हल्की ठंडी रहती हैं। MP Cold forecast इस बार भी रात में पारा 19 डिग्री, जबकि दिन में औसत तापमान 33 डिग्री तक है। नवंबर में ठंड पड़ना शुरू हो जाती है। हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी होती है। इस दौरान यदि उत्तर भारत में बर्फबारी होती है तो प्रदेश में ठंड पड़ने लगती है। सर्दी का मुख्य समय दिसंबर और जनवरी माह है। इन दोनों महीने में कड़ाके की ठंड पड़ती है।
👉 फ्री अर्निंग ऐप के लिए व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े।
फिलहाल, मौसम देखें तो रात में हल्की ठंड है तो दिन में गर्मी। ऐसा मानसून की विदाई और सर्दी की शुरुआत की वजह से हो रहा है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अक्टूबर माह के अंत तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। भारतीय मौसम विभाग (IMD), भोपाल के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह और एचएस पांडे ने इस बार ठंड के पूर्वानुमान MP Cold forecast के बारे में बताया।
MP Cold forecast मानसून की विदाई अक्टूबर के पहले ही सप्ताह से ही हो गई है। नवंबर के पहले सप्ताह से ही सर्दी का तेज असर रहेगा। पिछले साल पश्चिमी विक्षोप (वेस्टर्न डिस्टर्बेस) के आने से नवंबर से ही हल्की बारिश की गतिविधियां थीं। इस बार ऐसा नहीं है। ज्यादा वेस्टर्न डिस्टर्बेस नहीं आएंगे। इस वजह से पिछले दो साल की तुलना में ठंड ज्यादा रहेगी। 13 फरवरी तक तेज ठंड पड़ेगी।
ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों के साथ नीमच, मंदसौर, दतिया, टीकमगढ़, निवाड़ी, पन्ना, शहडोल, चित्रकूट, अनूपपुर, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, विदिशा, उमरिया, रायसेन और पचमढ़ी में सर्दी का असर ज्यादा रहेगा। जंगल होने से पचमढ़ी में नवंबर महीने में ही रात का तापमान 10 डिग्री तक चला जाता है। नदी किनारे होने की वजह से भी कुछ इलाकों में ठंड का असर ज्यादा रहता है। MP Cold forecast
अक्टूबर में दिन में गर्मी, रात में ठंड और 2 से 3 बार हल्की बारिश होने का ट्रेंड है, लेकिन नवंबर से तेज ठंड पड़ने लगेगी। MP Cold forecast मौसम विभाग के अनुसार, इस बार दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की सर्दी रहेगी। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोप) नहीं आने से इस बार 15 फरवरी तक तेज ठंड पड़ने की संभावना है। प्रदेश में मानसून अनुमान के मुताबिक ही रहा। सितंबर में तेज बारिश होने से आंकड़ा बराबरी पर आ गया यानी औसत 37.22 इंच बारिश हो गई।
बारिश कम होने से ठंड का असर अधिक रहेगा
MP Cold forecast बारिश में हवा की दिशा दक्षिण-पश्चिमी होती है। समुद्र से नमी लाकर हवाएं बारिश कराती हैं। बारिश के दिनों में यही पैटर्न रहता है। जब ठंड की स्थिति रहती है तो हवा की दिशा उत्तरी हो जाती है। हिमालय में बर्फबारी के कारण तापमान में गिरावट आती है। वहां की ठंडक हवा के जरिए यहां पहुंचती है और ठंड का प्रभाव देखने को मिलता है।
पिछले साल की तुलना में बारिश की एक्टिविटी कम होने से ठंड का असर अधिक रहेगा। लोकल एक्टिविटी देखें तो अभी नदी, डैम-तालाबों में पानी है। इस कारण जमीन में नमी है। यह भी ठंड की एक वजह है। MP Cold forecast
22-23 अक्टूबर को एक्टिव होगा नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस
वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की वजह से पिछले तीन दिन तक मध्यप्रदेश का मौसम बदला है। ग्वालियर, चंबल, सागर संभाग समेत प्रदेश के कई हिस्सों में आंधी चली और बारिश हुई। बुधवार से सिस्टम का असर कम होगा और रात के टेम्प्रेचर में 1 से 2 डिग्री तक गिरावट आएगी। इससे गुलाबी ठंड का अहसास होने लगेगा। हालांकि, 22-23 अक्टूबर को नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होगा। इससे दिन-रात के तापमान में ज्यादा गिरावट नहीं होगी।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. एचएस पांडे ने बताया कि नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस पंजाब के ऊपर एक्टिव होगा। इससे वहां बारिश हो सकती है। इस सिस्टम का असर मध्यप्रदेश में भी देखने को मिलेगा। यहां बारिश तो नहीं होगी, लेकिन ठंड भी नहीं बढ़ेगी। पारे में मामूली गिरावट ही देखने को मिलेगी। अक्टूबर के आखिरी दिनों तक ठंड का ज्यादा असर नहीं रहेगा। नवंबर के पहले सप्ताह से ही रात का टेम्प्रेचर लुढ़केगा और ठंड बढ़ जाएगी। MP Cold forecast
प्रदेश के संभागों में कहां-कैसी पड़ेगी सर्दी
उज्जैन संभाग में आने वाले मालवा में तेज ठंड पड़ने का ट्रेंड है। खासकर दिसंबर और जनवरी में ठंड ज्यादा रहेगी। उज्जैन, शाजापुर, आगर, देवास, रतलाम, मंदसौर और नीमच में तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी।
इंदौर संभाग में नवंबर में पारा 10 से 14 डिग्री के बीच रहता है। वहीं, दिसंबर में 6 डिग्री के आसपास तापमान पहुंचता है। जनवरी फरवरी में भी पारा लुढ़का रहता है। नर्मदा नदी किनारे के जिले खंडवा, खरगोन, धार में भी ठंड का असर रहेगा।
भोपाल संभाग में पिछले 11 साल में दिसंबर में रात का पारा 3.4 डिग्री जबकि जनवरी में 5-6 डिग्री के आसपास रहा है। रिकॉर्ड के मुताबिक, 18 जनवरी 1935 को भोपाल में न्यूनतम तापमान 0.6 डिग्री रहा था। इस बार दिसंबर, जनवरी और फरवरी में तेज ठंड रहेगी। इसी तरह विदिशा और रायसेन में भी ठंड का असर ज्यादा रहेगा। MP Cold forecast
ग्वालियर संभाग में पिछले 10 साल के आंकड़े देखें तो 25 नवंबर 2017 में न्यूनतम तापमान 6.3 डिग्री पर पहुंच चुका है। 30 दिसंबर 2019 में 2.1 डिग्री और 8 जनवरी 2013 में पारा 1.1 डिग्री पहुंच चुका है। पिछले साल भी अच्छी ठंड थी। इस बार भी तेज ठंड पड़ेगी। संभाग के जिलों में भी इस बार तेज ठंड पड़ेगी।
चंबल संभाग में आने वाले भिंड, मुरैना और श्योपुर कलां में दिसंबर-जनवरी में तापमान 5 डिग्री या इससे नीचे जा सकता है। पिछले कुछ सालों में यही ट्रेंड रहा है।
जबलपुर संभाग में पिछले 10 साल के आंकड़े देखें तो नवंबर में 8.6 डिग्री, दिसंबर में 3.8 डिग्री, जनवरी में 3.4 डिग्री और फरवरी में 6.4 डिग्री तक तापमान पहुंच चुका है। संभाग के जिलों में भी तेज ठंड का असर रहता है। इस बार भी पारे में गिरावट की संभावना है। MP Cold forecast
रीवा संभाग में मौसम विभाग ने रीवा, सीधी और सिंगरौली जिलों में तेज ठंड पड़ने की संभावना जताई है।
सागर संभाग के छतरपुर जिले में नौगांव और खजुराहो सबसे ठंडे रहेंगे। पिछले सालों में यहां रात का तापमान 2 डिग्री से भी नीचे जा चुका है। MP Cold forecast
शहडोल संभाग में शहडोल, उमरिया और अनूपपुर में अक्टूबर से ही ठंड असर दिखाने लगी है। दिसंबर, जनवरी और फरवरी तक ठंड का असर रहेगा।
नर्मदापुरम संभाग के पचमढ़ी में पारा अभी से 14 डिग्री के नीचे पहुंच गया है। दिसंबर-जनवरी में यहां पारा 2 डिग्री तक पहुंच सकता है। नर्मदापुरम, हरदा और बैतूल में भी कड़ाके की ठंड पड़ेगी। MP Cold forecast
किसानों के लिए जरूरी : फसलों को कितना फायदा-नुकसान, जानें
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार रबी की मुख्य फसलें गेहूं, चना, मसूर, अलसी, सरसों है। उज्जैन, नर्मदापुरम, भोपाल, इंदौर समेत कई इलाकों में गेहूं-चना का रकबा अधिक रहता है। ग्वालियर, जबलपुर, चंबल, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में कहीं गेहूं तो कहीं चने की ज्यादा बुआई होती है। जहां कम पानी है, वहां मसूर, चना की बोवनी अधिक रहती है। MP Cold forecast
सर्दी में दिन में 20 से 25 डिग्री तक तापमान फसलों के लिए ठीक रहता है। इससे पौधों की ग्रोथ बेहतर तरीके से होती है। रात में 12 डिग्री तक टेम्प्रेचर फसलों के लिए ठीक रहता है। 5 से 10 डिग्री तक तापमान होने पर ओला-पाला गिरने की संभावना रहती है। 2 या 3 डिग्री पर टेम्प्रेचर होने से पौधे झुलसने की आशंका बढ़ जाती है। पत्तों में नमी होने से बर्फ जम जाती है। इससे पौधा मर जाता है, जो सीधे तौर पर पैदावार पर असर डालता है।
कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि अभी की स्थिति यह है कि दिन में गर्मी का असर बना हुआ है वही रात में ठंड का। ऐसी स्थिति में किसान रबी फसलों की बोवनी सोच समझकर करें। क्योंकि दिन के दौरान गर्मी का असर तेज रहने से फसल पर विपरीत असर पढ़ने की संभावना रहती है, वहीं यदि अभी बोवनी कर दी जाती है तो ऐसी स्थिति में जनवरी-फरवरी माह के दौरान तेज ठंड गिरने से फसलों के फूल पर विपरीत असर पड़ सकता है। इससे पैदावार कम होने की संभावना बढ़ जाती है। MP Cold forecast
👉 व्हाट्सऐप से जुड़े।
यह भी पढ़िए…👉कम सिंचाई में जल्दी पकने वाली गेंहू की दो खास किस्मों की विशेषताओं एवं खेती के बारे में जानें
👉अब एकड़ में 15 नहीं, 35 क्विंटल होगी पैदावार, गेंहू की नई किस्म से किसान होंगे मालामाल
👉 8 क्विंटल बीघा तक उत्पादन देने वाली चने की टॉप 5 रोग प्रतिरोधी वैरायटी, किसान होंगे मालामाल
Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.👉 WhatsApp से जुड़े।
जुड़िये चौपाल समाचार से- ख़बरों के अपडेट सबसे पहले पाने के लिए हमारे WhatsApp Group और Telegram Channel ज्वाइन करें और Youtube Channel को Subscribe करें।