रबी सीजन की शुरुआत होने वाली है। इस सीजन के लिए कौन-कौन सी आवश्यक Rabi season बातें हैं यहां जानें..
Rabi season : किसानों के लिए परंपरागत खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है। परंपरागत खेती से हटकर किसान जब कृषि वैज्ञानिकों की उन्नतशील कृषि उपयोगी सलाह को मानकर खेती करते हैं तो उन्हें अच्छा फायदा मिलता है। देश में मानसून के लिहाज से दो सीजन खरीफ एवं रबी के दौरान फसलों की बुवाई का काम होता है।
देश में अब खरीफ फसलों की कटाई के बाद रबी सीजन Rabi season की बुवाई शुरु होने वाली है, ऐसे में किसानों को सही सलाह की बेहद जरुरत होती है, इसलिए आज चौपाल समाचार के इस लेख में किसान भाईयों से रबी फसल की तैयारियों को लेकर कुछ जानकारी साझा करने जा रहे हैं, आइए जानते हैं..
रबी सीजन में किसानों के लिए जरूरी सलाह
रबी फसलों Rabi season की बुवाई से पहले किसान अपने-अपने खेतों को अच्छी प्रकार से साफ-सुथरा करें। मेड़ों, नालों, खेत के रास्तों तथा खाली खेतों को साफ-सुथरा करें ताकि कीटों के अंडे, रोगों के कारक नष्ट हो सके तथा खेत में सड़े गोबर की खाद का उपयोग करें क्योंकि यह मृदा के भौतिक तथा जैविक गुणों को सुधारती है तथा मृदा की जल धारण क्षमता को भी बढ़ाती है।
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मटर की अगेती खेती को लेकर सलाह
खरीफ फसलों की कटाई के बाद Rabi season तत्काल मटर की खेती करके अच्छा फायदा ले सकते हैं। वर्तमान समय मटर की बुवाई के लिए अच्छा समय है। इस मौसम में किसान मटर की बुवाई कर सकते हैं। बुवाई से पूर्व मृदा में उचित नमी का ध्यान अवश्य रखें।
उन्नत किस्में -पूसा प्रगति, आर्किल. बीजों को कवकनाशी केप्टान या थायरम 2.0 ग्रा. प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से मिलाकर उपचार करें उसके बाद फसल विशेष राईजोबियम का टीका अवश्य लगाएं। गुड़ को पानी में उबालकर ठंडा कर लें और राईजोबियम को बीज के साथ मिलाकर उपचारित करके सूखने के लिए किसी छायेदार स्थान में रख दें तथा अगले दिन बुवाई करें। Rabi season
सरसों की खेती / बुवाई को लेकर सलाह
Rabi season अक्टूबर माह की शुरुआत से लेकर अक्टूबर माह के अंत तक सरसों की बुवाई की जा सकती है। मौसम की अनुकूलता को ध्यान में रखते हुए किसान सरसों की बुवाई कर सकते हैं। उन्नत किस्में- पूसा सरसों-25, पूसा सरसों-26, पूसा अगर्णी, पूसा तारक, पूसा महक. बीज दर– 5-2.0 कि.ग्रा. प्रति एकड. बुवाई से पहले खेत में नमी के स्तर को अवश्य ज्ञात कर ले ताकि अंकुरण प्रभावित न हो।
बुवाई से पहले बीजों को थायरम या केप्टान 2.5 ग्रा. प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचार करें. बुवाई कतारों में करना अधिक लाभकारी रहता है। कम फैलने वाली किस्मों की बुवाई 30 सें. मी. और अधिक फैलने वाली किस्मों की बुवाई 45-50 सें.मी. दूरी पर बनी पंक्तियों में करें। विरलीकरण द्वारा पौधे से पौधे की दूरी 12-15 सें.मी. कर ले. मिट्टी जांच के बाद यदि गंधक की कमी हो तो 20 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर की दर से अंतिम जुताई पर डालें। Rabi season
अगेती आलू की बुवाई को लेकर सलाह
अगेती आलू की बुवाई से किसानों को अधिक लाभ की प्राप्ति हो सकती हैं, क्योंकि यह फसल 60-90 दिन में तैयार हो जाती है। उन्नत किस्म- कुफरी सुर्या, इसके बाद रबी की कोई अन्य फसल जैसे पछेता गेहूँ को लिया जा सकता है। Rabi season आलू की अगेती की बुवाई के बाद फसल काटने पर गेहूं की कम अवधि वाली फसल बोई जा सकती है। कम अवधि में पकने वाली प्रमुख गेहूं की वैरायटी पूसा अहिल्या 1634 है।
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धान की खेती को लेकर सलाह
Rabi season इस मौसम में धान की फसल में तना छेदक कीट की निगरानी के लिए फीरोमोन प्रपंच 4-6 प्रति एकड़ की दर से लगाएं तथा प्रकोप अधिक हो तो करटाप दवाई 4% दानें 10 किलोग्राम/एकड़ का भुरकाव करें।
इसके अलावा इस मौसम में धान की फ़सल में जीवाणु पत्ती झुलसा रोग के आने की संभावना है। यदि धान की खड़ी फ़सल में पत्तियों का रंग पीला पड़ रहा हो तथा इन पर जलसोख धब्बे बन रहे हैं जिसके कारण आगे जाकर पूरी पत्ती पीली पड़ने लगे तो इसके रोकथाम के लिए स्ट्रेप्टोसाइक्लिन (streptocycline) 15 ग्रा. तथा कांपर हाइड्रोक्साइड @ 400 ग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से 200 लीटर पानी में मिलाकर 10-12 दिन के अंतराल पर छिड़काव करें।
इस मौसम में बासमती धान में आभासी कंड (False Smut) आने की काफी संभावना है। इस बीमारी के आने से धान के दाने आकार में फूल कर पीला पड़ जाते हैं। इसकी रोकथाम के लिए ब्लाइटोक्स 50 @ 2.0 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर 10 दिन के अंतराल पर 2-3 बार छिड़काव करें। Rabi season
इस मौसम में धान की फसल को नष्ट करने वाली ब्राउन प्लांट होपर का आक्रमण आरंभ हो सकता है अतः किसान खेत के अंदर जाकर पौध के निचली भाग के स्थान पर मच्छरनुमा कीट का निरीक्षण करें। यदि कीट की संख्या अधिक हो तो ओशेन (Dinotefuran) 100 ग्राम/ 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
गेहूं की खेती के लिए जरूरी सलाह
खरीफ सीजन के तत्काल बाद गेहूं के Rabi season अगेती किस्मों की बुवाई की जा सकती है। गेहूं की अगेती (अक्टूबर) बुआई को अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से नवंबर के पहले सप्ताह तक बुआई के रूप में परिभाषित किया गया है। उत्तर-पश्चिमी और मध्य भारत में किसान अपने गेहूं को संभावित गर्मी के तनाव से बचाने और धान की फसल के बाद भी मिट्टी की नमी का उपयोग करके उत्पादन बनाए रखने के लिए सामान्य (नवंबर) की तुलना में बहुत पहले (अक्टूबर) गेहूं की बुआई करते हैं। Rabi season
इसके अतिरिक्त, यदि भूजल स्तर में गिरावट की दर मौजूदा गति से जारी रही, तो इसका किसानों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। गेहूं उन प्रमुख फसलों में से एक है जो सबसे कम गर्मी सहन करती है। एक अध्ययन के अनुसार, उत्तर पश्चिम भारत और पाकिस्तान में तापमान में प्रत्येक 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से गेहूं की पैदावार 3 से 17 प्रतिशत तक कम हो सकती है।
गेहूं की अग्रिम बुआई Rabi season के लिए डीबीडब्ल्यू 187, डब्ल्यूएच 1270 , डीबीडब्ल्यू 303,डीबीडब्ल्यू 327, डीबीडब्ल्यू 332 प्रमुख किस्में है। गेहूं की उन्नत खेती के लिए समतल उपजाऊ मिट्टी, इष्टतम क्षेत्र स्थितियों के लिए खेत की क्षमता पर डिस्क हैरो, टिलर और लेवलर से जुताई के बाद बुआई से पहले सिंचाई करना फायदेमंद रहता है। इसके अलावा वीटावैक्स (कार्बोक्सिन 37.5% + थीरम 37.5%) @ 2-3 ग्राम/किग्रा बीज उपचार करना चाहिए।
बुआई का समय 10 अक्टूबर – 5 नवंबर तक हो सकता है। 100 किग्रा/हे. पंक्तियों के बीच 20 सेमी की दूरी रखते हुए पंक्ति में बुआई करें। सर्वोत्तम प्रदर्शन 225:90:60 किलोग्राम/हेक्टेयर एन:पी:के के अंतर्गत प्राप्त किया जा सकता है। + एफवाईएम @ 15 टन/हेक्टेयर। एनडब्ल्यूपीजेड में उच्च उर्वरता वाली मिट्टी के लिए 150:60:40 (एन:पी:के) किलोग्राम/हेक्टेयर देना चाहिए। Rabi season
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