उच्च तापमान में हुई वृद्वि, तापमान बढ़ने से गेहूं की फसल को खतरा, किसान यह उपाय करें..

गेहूं सहित अन्य फसलों की अच्छी उपज के लिए Weather Effect On Wheat के इस समय क्या उपाय करना पड़ेंगे आइए कृषि विशेषज्ञों से जानते हैं..

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

Weather Effect On Wheat | इस वर्ष सर्दियां खत्म होने के ठीक बात बसंत शुरू होने से पहले ही खत्म होने की कगार पर है। सर्दी के ठीक बाद गर्मी ने अपना असर दिखना शुरू कर दिया है, जिसके कारण रबी फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण पश्चिम राजस्थान और निकटवर्ती क्षेत्रों में समुद्र तल से 15 किमी की ऊंचाई पर चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है। उत्तर भारत में समुद्र तल से 12.6 किमी की ऊंचाई पर 222 किलोमीटर की गति से जेट स्ट्रीम हवा बह रही है। : Weather Effect On Wheat

यही कारण है कि दिन के साथ रात के तापमान में परिवर्तन दिखाई दे रहा है। सुबह और शाम को सर्द हवा चल रही है, जबकि दिन में कभी हलकी तो कभी तेज तपन महसूस होने लगी है। मौसम विज्ञान विभाग भोपाल ने एक सप्ताह तक इसी तरह का मौसम रहने का अनुमान लगाया है।

इधर कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक गेहूं की फसल में तापमान में बढ़ोतरी होने से खेतों में नमी कम होने के साथ दरार आने लगी है। ऐसे में गेहूं के दाने छोटे और उनकी क्वालिटी हल्की रहने का अनुमान है। ऐसी स्थिति में किसानों के लिए कौन-कौन से उपाय करना होंगे आइए कृषि विशेषज्ञों Weather Effect On Wheat से जानते हैं..

न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी चिंताजनक

Weather Effect On Wheat | कृषि विभाग के अनुसार ऊंचे तापमान का असर पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश में गेहूं की फसल पर पड़ने लगा है। छोटे आकार के पौधे में दाने कम लगेंगे और समय से पूर्व ही उसके पकने की आशंका भी रहेगी। दोनों राज्यों में न्यूनतम तापमान मैं भी बढ़ोतरी हुई है। जिससे गेहूं की फसल को खतरा हो सकता है।

यदि यह स्थिति बरकरार रही तो फसल का विकास बाधित हो जाएगा। कम से कम अगले 10-15 दिनों तक न्यूनतम तापमान 15 डिग्री से नीचे रहना बेहद जरूरी है, तभी फसल को रिकवरी का अवसर मिल सकेगा। अन्यथा गेहूं के उत्पादन में काफी गिरावट आ सकती है। : Weather Effect On Wheat

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक ऊंचे तापमान एवं बारिश के अभाव के कारण खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में गेहूं की उपज दर में 2 से 3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की गिरावट आ सकती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हालत अभी चिंताजनक स्तर तक नहीं पहुंची है क्योंकि वहां तापमान अपेक्षाकृत नीचे तथा सामान्य स्तर के आसपास ही बना हुआ है।

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

कृषि विभाग ने जारी किया उत्पादन का अनुमान

Weather Effect On Wheat | फरवरी का ऊंचा तापमान गेहूं की फसल के लिए अच्छा नहीं माना जाता है क्योंकि खेतों की मिट्टी में नमी का अभाव होने से फसल की प्रगति में बाधा पड़ती हैं। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में गेहूं की बुआई तो अच्छी हुई है मगर वर्षा पर आश्रित इलाकों में फसल को खतरा होने की आशंका है।

वहीं देश के पश्चिमी प्रांत राजस्थान के कृषि विभाग ने 2024-25 के रबी सीजन के लिए कई फसलों का उत्पादन अनुमान जारी कर दिया है। इसके तहत 2023-24 सीजन की तुलना में गेहूं का क्षेत्रफल गत वर्ष के 30.77 लाख हेक्टेयर से सुधरकर इस बार 31.45 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा जबकि इसका उत्पादन 120.83 लाख टन से बढ़कर 122.35 लाख टन पर पहुंचने की संभावना है। : Weather Effect On Wheat

ये भी पढ़ें 👉 येलो मोजैक प्रतिरोधी, 65 दिनों में पककर 35 क्विं./ हेक्टेयर उपज देने वाली मूंग की टॉप वैरायटी के बारे में जानें..

कृषि वैज्ञानिक से जानें… किस फसल पर क्या असर

गेहूं :– गेहूं की फसल पर प्रभाव दाना सिकुडना, दानों का कम भराव एवं जल्दी पकाव।

चने की फसल :– जिन किसानों ने चने की बोवनी बाद में की है। वहां सिंचाई की जरूरत है। सिंचाई के अभाव में पौधों में दाने भरने का क्रम धीमा पड़ जाएगा। इससे उपज कम होगी। : Weather Effect On Wheat

प्याज-लहसुन की फसल :– इन फसलों में माहू मच्छरों का प्रकोप तेज हो गया है। कृषि वैज्ञानिक की सलाह से कीटनाशक की छिड़काव किया जा सकता है।

(डॉ. एसके कौशिक, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र उज्जैन)

गेहूं में बालियां लगने पर यह करें

Weather Effect On Wheat | गर्मी से राहत के लिए सिंचाई और छिड़काव तो करना ही है, लेकिन जब गेंहू में बालियां लगने लगे तो अधिक जागरुक रहने की आवश्यकता है।

जिसके लिए प्रति एकड़ एक किलोग्राम एनपीके का छिड़काव में फसलों में करना चाहिए। इससे गेंहू की पैदावार पर गर्मी से पड़ रहा प्रभाव काफी हद तक कम होगा और दाना पूरी तरह से खराब होने से बचेगा।

तापमान वृद्धि पर फसलों को इस प्रकार बचाएं

Weather Effect On Wheat | गेहूं की फसल को तापमान में आकस्मिक ( अचानक ) वृद्धि से होने वाले कुप्रभाव से बचाने के लिए बीज भराव व बीजनिर्माण की अवस्था पर सीलिसीक अम्ल ( 150 पीपीएम या 15 ग्राम / 100 लीटर पानी) के विलयन अथवा सीलिसीक अम्ल (100 पीपीएम या 10 ग्राम / 100 लीटर पानी + 250 पीपीएम या 25 ग्राम / 100 लीटर पानी) का पर्णीय छिड़काव क्रमशः प्रथम ध्वज पत्ती अवस्था व द्वितीय छिड़काव बीज की दूधीय अवस्था पर करने से लाभ प्राप्त होता है।

पानी की उपलब्धता होने पर गेहूं की फसल में आवश्यकतानुसार एक या दो अतिरिक्त सिंचाई देवें। गेहूं की फसल में बूटलीफ एवं एन्थेसिस अवस्था पर पोटेशियम नाइट्रेट ( 13:0:45 ) के 2 प्रतिशत घोल का छिड़काव करें। गेहूं की बालियां आते समय एस्कोर्विक अम्ल के 100 पीपीएम घोल का छिड़काव करने पर फसल पकते समय सामान्य से अधिक तापमान होने पर भी उपज में नुकसान नही होता है। : Weather Effect On Wheat

गेहूं के अच्छी उपज के लिए यह करे किसान

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक अमूमन बसंत ऋतु में ठंड अधिक रहती है, लेकिन इस बार बंसत के बजाय डायरेक्ट गर्मी की दस्तक दे रही है। जिसका विपरीत असर फसलों पर पड़ेगा। मुख्य रूप से गेहूं की फसल को गर्मी से बचाने के लिए किसानों को खेतों में समय-समय पर हल्की सिंचाई करते रहना चाहिए। : Weather Effect On Wheat

इससे फसल में नमी बनेगी और तेज धूप से बचाव हो सकेगा। इसके अलावा पोटेशियम नाइट्रेट (एनपीके 1345) का प्रति एकड़ एक किलोग्राम का स्प्रे भी करें। इससे फसलों को होने वाली गर्मी कम सताएगी।

फरवरी महीने के ऐसे मौसम के कारण उपज प्रभावित होने की संभावना है। इस स्थिति से उबरने के लिए कृषि विशेषज्ञों ने बीच-बीच में हल्की सिंचाई करने का सुझाव दिया है ताकि प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के साथ ही फसल वृद्धि बरकरार रखी जा सके। 

खेती किसानी की नई नई जानकारी से अपडेट रहने के लिए आप हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो कर सकते है।

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

यह भी पढ़िए….👉 95 से 100 टन प्रति हेक्टेयर की उपज देने वाली रोग प्रतिरोधी शरदकालीन गन्ने की टॉप किस्मों के बारे में जानिए..

👉 चना फसल में फली छेदक कीट के नियंत्रण के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने जारी की एडवाइजरी, देखें डिटेल.. Advisory

👉 मार्केट में आई बुवाई की नई मशीन, अब खेतों में आसानी से होगी बीज की बुवाई, जानें खासियत एवं कीमत

👉 मटर की तैयार फलियों को नियमित रूप से तोड़ें, हो सकता है पाउडरी मिल्डयू का प्रकोप, देखें कृषि विभाग की एडवाइज ..

👉 फरवरी में करें गन्ने की बिजाई, गन्ने की इन 2 नई किस्म में नहीं आयेगा लाल सड़न रोग, करनाल में बीज आया

👉 गेहूं की फसल में फुटाव और कल्ले बढ़ाने के लिए किसान अपनाएं ये टिप्स, बढ़िया उत्पादन निकलेगा

प्रिय पाठकों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.

Leave a Comment