कृषि विशेषज्ञों से जानिए Wheat Farming Advise..फरवरी माह के दौरान बढ़ते हुए तापमान के समय गेहूं की देखरेख कैसे करें..
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Wheat Farming Advise | फरवरी महीने में दिन का तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस व रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है, तब तक किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है।
रात व दिन का तापमान मिलाकर औसत 22 डिग्री सेल्सियस गेहूं की पैदावार के लिए सबसे उत्तम माना गया है। औसत तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक को फसल सहन कर सकती है।
परंतु दिन का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होने पर गेहूं के बनने वाले दानों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। फरवरी माह के अंतिम पखवाड़े में ऐसा ही तापमान रहने की संभावना है। Wheat Farming Advise
ऐसी स्थिति में किसानों को गेहूं एवं अन्य फसलों को बचाने एवं अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए क्या करना होगा आइए कृषि विशेषज्ञों से जानते हैं..
कृषि वैज्ञानिकों ने कहा -फसलों पर गर्मी का पड़ेगा असर
जनवरी महीने में थोड़ा गर्माहट बढ़ने के बाद भारतीय मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि फरवरी का महीना भी थोड़ा गर्म रह सकता है और देश के अधिकांश हिस्सों में इसका न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने का अनुमान है। उत्तर पश्चिमी भारत में अब शीतलहर वाले दिन खत्म हो रहे हैं और उम्मीद है कि फरवरी महीना ‘सामान्य से कम’ रह सकता है। Wheat Farming Advise
विभाग ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी भारत के मैदानी इलाके में सामान्य से कम बारिश के साथ-साथ सामान्य से अधिक तापमान का खेतों में खड़ी फसलों जैसे कि गेहूं आदि पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा जो फूल और दाना भरने के चरण में हैं। कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि ऐसे मौसम में सरसों और चना जैसी फसलें भी समय से पहले पक सकती हैं।
कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि फरवरी माह के इस मौसम में सेब और अन्य समशीतोष्ण जलवायु के अनुकूल फलों जैसी बागवानी फसलों में गर्म तापमान के चलते समय से पहले ही कली खिलना और जल्दी फूल आना हो सकता है, जिसके कारण पेड़ों पर फल कम लगेंगे और साथ ही फलों की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। Wheat Farming Advise
गेहूं की फसल में आ रही है यह समस्या
गेहूं की खड़ी फसल इल्ली के प्रकोप से सूख रही है। बालियां सूखकर गिर रही हैं। हल्का खींचने पर गेहूं की बालियां हाथ में निकलकर आ रही हैं। इस प्रकार की शिकायतें जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के डायरेक्टर रिसर्च डॉ. जी. के. कोतू एवं कीट शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. एस. बी. दास के पास पहुंच रही है। Wheat Farming Advise
जिस पर कृषि वैज्ञानिकों ने फसल के निरीक्षण के पश्चात बताया कि गेहूं में पिंक स्टेम बोरर इल्ली का प्रकोप बना हुआ है। जिसके कारण फसल की बाली कमजोर हो रही है। इसके उपचार के लिए वैज्ञानिक दल ने ट्राईक्लोरफेन 300 ग्राम प्रति एकड़ या कोई भी सिस्टेमिक कीटनाशी छिड़कने का सुझाव दिया है। अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा रोग के लिए प्रोपिकोनाजोल 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने का सुझाव दिया गया। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि फफूंदी नाशक और कीटनाशक को मिलाकर छिड़काव न करें।
गेहूं के अच्छी उपज के लिए यह करे किसान
फरवरी महीने के ऐसे मौसम के कारण उपज प्रभावित होने की संभावना है। इस स्थिति से उबरने के लिए कृषि विशेषज्ञों ने बीच-बीच में हल्की सिंचाई करने का सुझाव दिया है ताकि प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के साथ ही फसल वृद्धि बरकरार रखी जा सके। विपरीत मौसम के चलते गेहूं की फसल में कमी आने से सरकार की महंगाई की चुनौतियों से निपटने की रणनीति पर गंभीर असर पड़ेगा। Wheat Farming Advise
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बढ़ते हुए तापमान से गेहूं के बचाव की सलाह
कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बढ़े हुए उच्च तापमान से बचने के लिए किसानों को आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करने की सलाह दी जाती है। जिन किसानों के पास फव्वारा सिंचाई की सुविधा है वे दोपहर को तापमान वृद्धि के समय आधा घंटा फव्वारे से सिंचाई कर सकते हैं। Wheat Farming Advise
गेहूं फसल में बालियां निकलते समय या अगेती गेहूं की बालियां निकली हुई हैं तो भी 0.2 प्रतिशत पोटेशियम क्लोराइड यानी कि 400 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश ( पोटाश खाद) 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करने से तापमान में अचानक हुई वृद्धि से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
पछेती बुआई किये गये गेहूं फसल में पोटेशियम क्लोराइड का छिड़काव 15 दिनों के अंतराल पर दो-बार किया जा सकता है। किसान भाई नजदीकी कृषि कार्यालय अथवा मैदानी कृषि अमले से सम्पर्क कर उचित सलाह लें। कृषि विज्ञान केन्द्र से भी सम्पर्क कर उचित सलाह लें। Wheat Farming Advise
फरवरी के लिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान
इधर दूसरी ओर फरवरी के पूर्वानुमान में मौसम विभाग ने कहा कि उत्तर भारत सहित अन्य क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश होना ही इस महीने सामान्य से अधिक तापमान की मुख्य वजह हो सकती है। Wheat Farming Advise
मौसम विभाग के मुताबिक भारत में फरवरी महीने में कुल करीब 22.7 मिलीमीटर की बारिश होती है। जनवरी महीने में औसत बारिश सामान्य से 72 फीसदी कम थी जबकि औसत तापमान 1901 के बाद से तीसरा सबसे अधिक था।
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि फरवरी महीने में भारत के कुछ हिस्से सामान्य से अधिक न्यूनतम तापमान से अछूते रह सकते हैं इनमें उत्तर पश्चिम भारत और दक्षिण के पठारी क्षेत्र हो सकते हैं। Wheat Farming Advise
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