खेत में सोना उगलेगी गेहूं की यह खास किस्में, प्रति एकड़ 80 क्विंटल तक पैदावार, सभी मौसम के लिए अनुकूल

15 की जगह मिलेगी 35 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार देगी यह DBW Wheat variety। गेंहू की डीबीडब्ल्यू- 327, 370 , 371, 372 की जानकारी देखने के लिए आर्टिकल को पढ़ें..

DBW Wheat variety | खेती में अधिक उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों सहित वैज्ञानिकों की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में वैज्ञानिकों ने गेहूं की एक ऐसी नई किस्म विकसित की है जिससे 35 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार मिल सकती है। खास बात यह है कि गेहूं की इस किस्म DBW Wheat variety पर मौसम का कोई फर्क नहीं पड़ेगा जैसे- ज्यादा धूप, कम बारिश, कम सर्दी आदि का कोई असर नहीं पड़ेगा। इसका उत्पादन सब स्थितियों में एक जैसा रहेगा। यह किस्म कौन सी है, यह जानने के लिए चौपाल समाचार के इस आर्टिकल में अंत तक बने रहे..

डीबीडब्ल्यू- 327 किस्म की जानकारी

बता दे की, इस DBW Wheat variety किस्म का नाम डीबीडब्ल्यू- 327 (DBW- 327)है। डीबीडब्ल्यू 327 को गेहूं की सर्वोत्तम किस्म बताया जा रहा है। इस किस्म पर बीमारियों का भी असर नहीं होता है।

यदि बात की जाए इसके प्रति हैक्टेयर पैदावार की तो इस किस्म से प्रति हैक्टेयर 80 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है जो अन्य किसी भी गेहूं की DBW Wheat variety किस्म से ज्यादा है। गेहूं की इस किस्म को भारतीय गेहूं अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। इसी के साथ अन्य तकनीकों के विकास के लिए राष्ट्रीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान  करनाल को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

गेहूं की डीबीडब्ल्यू- 327 किस्म की खासियत

गेहूं की डीबीडब्ल्यू- 327 किस्म DBW Wheat variety में अन्य गेहूं की किस्म से ज्यादा विशेषताएं पाई गई हैं। इसे देखते हुए वैज्ञानिकों ने इस किस्म के इस्तेमाल पर जोर दिया है। इस किस्म के बीज जल्द ही किसानों को  उपलब्ध कराए जाएंगे। गेहूं की डीबीडब्ल्यू- 327 किस्म पर मौसम का प्रभाव नहीं पड़ेगा, जिससे फसल खराब होने की संभावना बहुत कम होगी। साथ ही गेहूं की इस किस्म पर बीमारियों का प्रकोप बिलकुल नहीं देखा गया है। ऐसे में यह किस्म बीमारियों के प्रकोप से सुरक्षित रहेगी।

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गेहूं की डीबीडब्ल्यू- 327 किस्म की पैदावार/उत्पादन क्षमता

गेहूं की यह DBW Wheat variety किस्म खास तौर पर हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लिए उपयुक्त बताई जा रही है क्योंकि यहां की भूमि इस किस्म के अनुकूल है। गेहूं की इस किस्म से प्रति एकड़ 35 क्विंटल और प्रति हैक्टेयर 80 क्विंटल तक पैदावार मिलती है। सभी मौसम के अनुकूल होने के कारण एवं बीमारियों के प्रति अति रोगप्रतिरोधी होने के कारण गेहूं की इस किस्म से किसान अन्य किस्मों की अपेक्षा ज्यादा पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

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गेहूं की डीबीडब्ल्यू- 327 किस्म का फायदा

गेहूं की डीबीडब्ल्यू- 327 DBW Wheat variety किस्म रोग प्रतिरोधी किस्म है। इसलिए गेहूं की फसल पर कीटनाशक का छिड़काव करने का खर्च कम हो जाएगा। इसके अलावा इस किस्म में मौसम का प्रभाव नहीं होने से किसानों को इसकी देखभाल की ज्यादा जरूरत नहीं होगी। इस किस्म से किसानों को अधिक उत्पादन प्राप्त होगा। इससे किसानों की इनकम बढ़ेगी यानी इस किस्म से किसानों को कम मेहनत में अधिक मुनाफा मिल सकेगा।

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डीबीडब्ल्यू- 327 के अलावा यह किस्में भी देगी बढ़िया पैदावार.

भारतीय गेहूं अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह के मुताबिक इस वर्ष गेहूं की 5 नई DBW Wheat variety किस्मों डीबीडब्ल्यू-370, 371, 372, 316 व डीबीडब्ल्यू 55 को लाइसेंसिंग के लिए बाजार में उतारा जाएगा। निदेशक ने बताया कि गेहूं के तीसरे अनुमान के अनुसार गेहूं का देश में कुल उत्पादन 12 मिलियन टन से अधिक रहा है जो एक रिकार्ड है।

गेहूं की डीबीडब्ल्यू- 370 किस्म की खासियत

गेहूं की DBW Wheat variety डीबीडब्ल्यू-370 अधिक उत्पादन देने वाली किस्म है। इस किस्म की उत्पादन क्षमता 86.9 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक है। वहीं इसकी औसत उपज 74.9 क्विंटल तक प्राप्त होती है। गेहूं की यह किस्म 151 दिन में पककर तैयार हो जाती है।

गेहूं की डीबीडब्ल्यू- 371 किस्म की खासियत

गेहूं की डीबीडब्ल्यू- 371 यह किस्म सिंचित क्षेत्रों में गेहूं DBW Wheat variety की अगेती बुवाई के लिए उपयुक्त है। इस किस्म से अधिकतम 87.1 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है। जबकि इसकी औसत उपज 75.1 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है। इस किस्म को हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान जिसमें कोटा व उदयपुर को छोड़कर शेष जिलों में इसे उगाया जा सकता है।

वहीं उत्तर प्रदेश में झांसी मंडल को छोड़कर इसकी खेती की जा सकती है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर के जम्मू और कठुआ जिले, हिमाचल प्रदेश का ऊना जिला, पोंटा घाटी और उत्तराखंड के तराई वाले इलाकों में इसकी खेती की जा सकती है। गेहूं की यह किस्म 150 दिन में पककर तैयार हो जाती है।

गेहूं की डीबीडब्ल्यू- 372 किस्म की खासियत

DBW Wheat variety : गेहूं की डीबीडब्ल्यू- 372 किस्म की उत्पादन क्षमता 84.9 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है। वहीं इसकी औसत उपज 75.3 क्विंटल प्रति हैक्टेयर प्राप्त होती है। यह किस्म 151 दिन में पककर तैयार हो जाती है।

गेहूं की बुवाई का सही तरीका

गेहूं की खेती का सबसे अच्छा तरीका वर्गाकार विधि है। इस विधि में पंक्ति से पंक्ति की दूरी 8 से लेकर 10 इंच रखी जाती है। इसी प्रकार पौधे से पौधे की दूरी भी 8 से 10 इंच रखनी चाहिए। इस तरह वर्गाकार रूप में गेहूं DBW Wheat variety की बुवाई करना सबसे अच्छा रहता है। कमजोर खेत में बुवाई करते समय दूरी कम रखी जा सकती है, लेकिन ज्यादा उपजाऊ जमीन में इसकी दूरी ज्यादा रखनी चाहिए ताकि गेहूं की फसल को अच्छी तरह विकसित होने के लिए पर्याप्त स्थान मिल सके।

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5 thoughts on “खेत में सोना उगलेगी गेहूं की यह खास किस्में, प्रति एकड़ 80 क्विंटल तक पैदावार, सभी मौसम के लिए अनुकूल”

    • आपका जिस बैंक से केसीसी कार्ड बना है। उस बैंक शाखा में चले जाए। यदि नहीं बना है, तो आप केसीसी के लिए अप्लाई कर सकते है। फार्म आपको पीएम किसान की आधिकारीक वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते है।

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