मंडी में शरबती गेंहू 4500 रुपए क्विं तक! जानें इस किस्म की विशेषताएं एवं खेती की संपूर्ण जानकारी

किसान भाई शरबती गेंहू की उन्नत खेती (Sharbati Wheat) कैसे करें व इसकी विशेषताओं के बारे में संपूर्ण जानकारी जानें..

Sharbati Wheat | हमारे भारत देश में गेंहू रबी सीजन में बोई जानें वाली प्रमुख फसल है। गेहूं का करीब 97 प्रतिशत रकबा सिंचित है। भारत में गेहूं की खेती के प्रमुख राज्य पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश एवं उत्तर प्रदेश मुख्य हैं। वैसे तो देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य किस्मों की खेती की जाती है।

लेकिन आज हम आपको यहां चौपाल समाचार के इस लेख के माध्यम से एक ऐसी Sharbati Wheat किस्म के बारे में बताएंगे, जिससे आप 3500 से 4500 रूपए प्रति एक क्विंटल पर ले सकते है। जानें इस किस्म की विशेषता एवं खेती के बारे में संपूर्ण जानकारी..

गेंहु की सबसे प्रीमियम किस्म है शरबती 

शरबती गेहूं (Sharbati Wheat) की सबसे प्रीमियम किस्म है। इस प्रीमियम किस्म के गेहूं को शरबती (306) के नाम से जाना जाता है। शरबती गेहूं एक क्षेत्रीय किस्म का गेहूं है, जो अशोकनगर और मध्य प्रदेश के कुछ अन्य जिलों में उगाए गए गेहूं से प्राप्त होता है। ये एमपी गेहूं के रूप में भी जाना जाता है। शरबती गेहूं की खासियत यह है कि इसकी चमक के साथ ही इसके दाने एक जैसे होते हैं। गेहूं की सभी किस्मों में यह सबसे महंगा बिकता है।

शरबती गेंहू का भाव

देश में लोकमन, मालवा शक्ति और अन्य किस्म के गेहूं जहां 2000 से 2500 रुपए प्रति क्विंटल बिकते हैं, वहीं शरबती का न्यूनतम भाव ही 2800 रुपए होता है। यह आमतौर पर 3500 से 4500 रुपए तक बिकता है। गेहूं की अन्य किस्म की सरकारी कीमत से दुगने भाव में बिकने वाला शरबती गेहूं (Sharbati Wheat) देश में कम उत्पादित होता है।

यह गेहूं अधिकतर एडवांस बुकिंग में बोया जाता है। इस वजह से किसान को इसके 4000 रूपये से लेकर 5000 रूपये तक के भाव मिल रहे हैं। शरबती गेहूं की कम आवक होने के वजह से मंडी में इसका भाव में तेजी रहती है और आगे भी इसके भाव में तेजी देखने को मिल सकती है।

किसान भाई इसकी खेती एडवांस बुकिंग के तौर पर करके मंडियों से बाहर ही इसे अच्छे दामों में बेच देते है। कम उत्पादन क्षमता और एडवांस बुकिंग खेती के लिए बोया जाने वाला शरबती गेहूं (Sharbati Wheat) किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है एवं बाजारों में इसकी मांग अधिक होने के कारण यह बाजार में छाया हुआ है।

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शरबती गेहूं की पहचान क्या है ?

शरबती गेहूं (Sharbati Wheat) देश में उपलब्ध गेहूं की किस्मों में सबसे प्रीमियम किस्म है। शरबती गेहूं एक प्रकार की गेहूं की प्राकृतिक किस्म है। यह सामान्य गेहूं की किस्मों के मुकाबलें किसी भी प्रकार का पेस्टिसाइड, केमिकल, यूरिया, डीएपी रसायनिक दवाओं को सहन नहीं करता हैं। शरबती गेहूं की सीहोर जिले में बहुतायत में पैदावार की जाती है। सीहोर जिले में काली और जलोढ़ उपजाऊ मिट्टी है जो शरबती गेहू के उत्पादन के लिए उपयुक्त है।

शरबती गेहू को द गोल्डन ग्रेन भी कहा जाता है, क्योकि इसका रंग सुनहरा होता है। शरबती गेहूं गोल और पूर्ण चमकदार होते हैं यह चमक रासायनिक पोटास गुण के कारण होती है एवं यह हथेली पर भारी लगता है और इसका स्वाद मीठा होता है इसलिए इसका नाम शरबती है। जैसा कि नाम से पता चलता है, शरबती किस्म (Sharbati Wheat) का गेहूं टेस्ट में थोड़ा मीठा होता है, शायद अन्य गेहूं की किस्मों की तुलना में इसमें ग्लूकोज और सुक्रोज जैसे सरल शर्करा की मात्रा अधिक होती है।

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शरबती गेहूं की विशेषता

  • शरबती गेहूं (Sharbati Wheat) का दाना दिखने में पूर्ण रूप से गोल एवं सुनहरी सफेद रंग का होता है।
  • बाजार में मिलने वाला महंगा चक्की का आटा अधिकतर शरबती गेहूं का ही बना हुआ होता है।
  • शरबती गेहूं पर रासायनिक दवाओं बुरा प्रभाव होता है और उत्पादन भी बहुत कम मिलता है। इस कारण इसकी खेती प्राकृतिक रूप से की जाती है।
  • इसकी खेती में किसी भी प्रकार का पेस्टिसाइड केमिकल यूरिया डीएपी का प्रयोग नहीं किया जाता है।
  • सी-306 (शरबती) गेहूं में ग्लूकोज सर्करा, सुक्रोज की मात्रा अधिक पाई जाती है। इसलिए बनी रोटियां मुलायम और ताजा रहती है।
  • शरबती गेहूं (Sharbati Wheat) का दाना 99 प्रतिशत शुष्क होता है क्योंकि इसकी खेती अधिकतर असिंचित क्षेत्रों में होती है।
  • शरबती गेहूं गोल और पूर्ण चमकदार होते हैं यह चमक रासायनिक पोटास गुण के कारण होती है। सामान्य गेहूं की तुलना में यह गेहूं मीठा और स्वादिष्ट होता है।
  • सी-306 गेहूं का दाना ठोस और वजनदार होते हैं जो पोटाश की मात्रा अधिक होने के कारण होता है। जिस वहज से इसके दाने हथेली में रखने पर वजनदार महसूस होता है।

इन क्षेत्रों में होती है शरबती गेंहू की खेती

शरबती गेहूं (Sharbati Wheat) सीहोर के साथ ही नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, अशोकनगर, भोपाल और मालवा क्षेत्र के जिलों में बोया जाता है। सीहोर जिला में शरबती गेहूं की खेती 40390 हेक्टेयर क्षेत्र में होती है। शरबती गेहूं के उत्पादन में सीहोर जिला मुख्य रूप से जाना जाता है।

सीहोर का शरबती गेहूं देश के सात राज्यों तमिलनाडु, गुजरात, चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश से कई कंपनियां सीजन के समय सीहोर में आकर खुद शरबती गेहूं (Sharbati Wheat) की खरीदी करती हैं।

मध्यप्रदेश में यहां होती है शरबती गेंहू की खेती

मध्यप्रदेश में शरबती गेहूं (Sharbati Wheat) की खेती सीहोर जिले के अलावा विदिशा, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, हरदा, अशोक नगर, भोपाल और मालवा क्षेत्र के जिलों में होती है। शरबती की पैदावार गेहूं की अन्य किस्मों के मुकाबले कम होती है, इसलिए लोग कम जमीन पर शरबती की बोवनी करते हैं, लेकिन अच्छी बारिश और सिंचाई की सुविधा के कारण जहां चने की बोवनी की जाती थी, वहां भी शरबती बोया गया था।

शरबती गेंहू की पैदावार कितनी होती है ?

अगर किसान इस Sharbati Wheat की खेती में उचित देखभाल और उचित विधि से करे तो इसका उत्पादन 8 से 12 क्विंटल प्रति बीघा यानि 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उत्पादन ले सकता है। अन्य गेहूं की तुलना में शरबती गेहूं का उत्पादन थोड़ा कम होता है, क्योंकि जैविक खेती की तरह ही इसकी खेती होती है।

शरबती गेंहू की खेती कैसे करें

बुवाई का समय – शरबती गेंहू (Sharbati Wheat) की बुवाई नवंबर के प्रारंभ में ही शुरू कर दिया जाता है।

सिंचाई कितनी लगेगी – शरबती गेहूं की खेती एक प्रकार से असिंचित क्षेत्रों में की जाने वाली गेहूं की फसल है इसे सिंचाई की बहुत ही कम आवश्यकता होती है। शरबती गेहूं को नियमित अंतराल में 3 से 4 सिंचाई की आवश्यकता होती है।

शरबती गेंहू की खेती में खाद/उर्वरक की आवश्यकता

अन्य प्रकार के सामान्य गेहूं की तरह ही शरबती गेहूं (Sharbati Wheat) की खेती की जाती है। इसकी खेती में सामान्य गेहूं की तरह रासायनिक खाद का इस्तमाल ना करके पूर्ण रूप से जैविक खेती की जाती है। यह गेहूं 5 फीट तक की ऊंचाई तक जाता है। रासायनिक खादों के प्रयोग से यह पकने की अवस्था में पूरी फसल गिर सकती है। शरबती गेहूं किस्में की खेती में जितना हो सके किसाना भाई रासायनिक खाद के उपयोग से बचे एवं जैविक खाद का ही प्रयोग करें। 

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