एमपी के लिए अनुशंसित गेहूं की यह उन्नत किस्में बंपर पैदावार देगी, इन किस्मों के बारे में जानें..

मध्य प्रदेश के लिए सबसे बेहतरीन गेहूं की किस्में Best Wheat varieties कौन-कौन सी है आईए जानते हैं..

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1 मध्य प्रदेश के लिए सबसे बेहतरीन गेहूं की किस्में Best Wheat varieties कौन-कौन सी है आईए जानते हैं..

Best Wheat varieties | मध्य प्रदेश में इस वर्ष सितंबर माह के मानसून जमकर बरसा है। प्रदेश में इस वर्ष अच्छी बारिश हुई है, यही कारण है कि इस वर्ष गेहूं का रकबा निश्चित तौर पर बढ़ेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए “ चौपाल समाचार ” ने गेहूं की मध्य प्रदेश के लिए अनुशंसित सभी 17 किस्मों का एक साथ संग्रह करके इस लेख में दिया है। मध्यप्रदेश के लिए अनुशंसित सभी प्रकार की इन उन्नत किस्मों के बारे में इस लेख में आपको सभी प्रकार की जानकारी मिलेगी।

गेहूँ – जी. डब्ल्यू. 513

गेहूँ की यह एक अत्यंत उन्नत किस्म Best Wheat varieties गुजरात के सरदार कृषि नगर, दातीवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय, वीजापुर रिसर्च स्टेशन से प्रसारित चपाती एवं बिस्कीट हेतु तथा समय से बोनी हेतु म.प्र., गुजरात, राजस्थान के साथ देश के मध्यक्षेत्र हेतु बोनी के लिये अनुशंसित की गई है।

इस किस्म का दाना आकर्षक-चमकदार है। इसके 1000 दानों का वजन 47 ग्राम है। इस किस्म की ऊँचाई कम लगभग 78 से 90 से.मी. है व टिलरिंग या कुचे काफी अधिक है तथा इस किस्म की काड़ी (स्ट्रा) कड़क होने से आड़ा पड़ने (लॉजिंग) की समस्या नहीं देखी गई है।

इस किस्म Best Wheat varieties का अंकुरण व टिलरिंग अधिक होने से बीज भी कम लगता इस किस्म की बीज दर 40 से 45 किलो प्रति एकड़ या 100 किलो हेक्टेयर लाईन से लाईन की दूरी 9″ से 10 ” इंच रखने व 4 से 5 सिंचाई देने पर आदर्श परिणाम।

गेहूँ की इस किस्म में अपनी चेक किस्म जी. डब्ल्यू. 322 से लगभग 18 से 21 प्रतिशत अधिक उत्पादन देकर ए.आई.सी.आर.पी नेटवर्क के अन्तर्गत पूरे भारत में लगाई जाने वाली गेहूँ की किस्मों में उत्पादन के आधार पर प्राप्त परिणामों के अनुसार ऑल इंडिया रेकिंग में दूसरा स्थान प्राप्त कर स्वयं अपनी तकनीकी सर्वश्रेष्ठता सिद्ध कर दी है।

इस किस्म का उत्पादन लगभग 77 से 80 क्विंटल हेक्टेयर प्राप्त हुआ है। किंतु व्यवहारिक रूप से किसानों द्वारा इसे 85 क्विंटल हेक्टेयर से भी अधिक बताया गया है।

इस किस्म Best Wheat varieties का हेक्टोलीटर वेट (78.00) है जो कि उच्च स्तर का है। जी. डब्ल्यू. 513 किस्म की अवधि 322 किस्म से काफी कम है। क्षेत्र व परिस्थिति अनुसार 105 से 117 दिवस है,

जिससे कम से कम 1 सिंचाई की बचत परम्परागत पुरानी शरबती किस्मों में ऊँचाई अधिक होने से आड़ा पड़ने का डर व भारी नुकसान की संभावना, उत्पादन कम होने से मिलने वाले आर्थिक लाभ में भी निरन्तर कमी इन कारणों से परम्परागत एवं पुरानी शरबती किस्मों का रकबा निरन्तर घटता जा रहा है।

जबकि देश में चपाती/बिस्कीट वाले गेहूँ की मांग Best Wheat varieties निरन्तर बढ़ती जा रही है जो कि वैज्ञानिक एवं सरकार के लिये भविष्य में एक चिंता का विषय है ऐसी परिस्थिति में कृषक कम ऊँचाई वाली अधिकतम उत्पादन देने वाली अधिकतम बाजार भाव देने वाली किस्म जो कि इसे खाने वाले उपभोक्ताओं को भी पूरा स्वाद एवं पोषक तत्व भी प्रदान कर पूरी संतुष्टी प्रदान कर सके।

इन सब भावनाओं एवं आवश्यकताओं को जी. डब्ल्यू. 513 किस्म पूरा करने में सक्षम है क्योंकि इस किस्म को चपाती एवं बिस्कीट हेतु सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसकी सेडिमेटेशन वेल्यू लगभग (41) है जो कि श्रेष्ठ चपाती गुणवत्ता की पुष्टी करती है।

इस किस्म Best Wheat varieties में जिंक (39.00 पी.पी.एम.) आयरन ( 36.00 पी.पी.एम.) व प्रोटीन ( 11% ) की मात्रा अधिकतम होने से इस किस्म में स्वाद एवं पोष्टीकता एवं उच्च उत्पादन का एवं अधिकतम बाजार भाव जिससे किसानों को अधिकतम आय ऐसा अद्भूत संयोजन एक साथ दिखाई देता है

जो कि गेहूँ की जी. डब्ल्यू. 513 किस्म को चपाती वाले गेहूँ उत्पादन में एक नई क्रांति के रूप में देखा जा रहा है जो कि परम्परागत किस्मों को विस्थापित कर अपना एक उच्च स्थान व एक बड़ा क्षेत्र बनाने में शीघ्र सफल होगी।

गेहूँ-सी-306

गेहूँ की यह शरबती किस्म Best Wheat varieties एक काफी पुरानी किस्म है। जिसका नोटिफिकेशन 24.09.1969 को हुआ। ओल्ड इज गोल्ड की उक्ति को चरितार्थ करते हुए आज भी बाजार की शरबती किस्मों में अपने आकर्षक दाने, चमक व स्वाद के कारण शरबती किस्म में यह किस्म सिरमौर है। सूखा निरोधक किस्म होने के कारण यह कम से कम पानी / सिंचाई की स्थिति में भी अच्छा उत्पादन देने की क्षमता रखती है।

इसकी उत्पादकता 25-30 क्विंटल हेम्टेयर है। इसके 1000 दानों का वजन 45-48 ग्राम लगभग होता है। पकने की अवधि 140-145 दिन होने से व गर्मी हेतु सहनशील किस्म होने से इसकी बोनी अक्टूबर से ही प्रारंभ हो जाती है, इसकी उँचाई 120-130 से.मी. है।

Best Wheat varieties बीजदर लगभग 100 किलो हेक्टेअर व 1 से 2 सिंचाई पर अच्छे परिणाम, बाजार में चपाती में आज भी सी-306 गेहूँ सबसे लोकप्रिय व सबसे महंगा बिकने वाला गेहूँ है, इस किस्म में कृषकों का उत्पादन कम होते हुए भी बाजार भाव अधिक मिलने के कारण व सिंचाई खर्च कम होने से इस गेहूँ किस्म की खेती काफी लाभदायक है।

गेहूँ-सुजाता

गेहूँ की शरबती किस्मों Best Wheat varieties में सुजाता किस्म को गेहूँ की राजा किस्म की संज्ञा दी जावे तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। कम पानी में अधिकतम उत्पादन देने वाली यह किस्म सी-306 किस्म का सिलेक्शन है। अपने आकर्षक दाने, रंग के कारण बाजार की सबसे लोकप्रिय किस्म है, बाजार में आज भी क्वालिटी अनुसार सुजाता गेहूँ के ऊपर गेहूँ की किसी भी किस्म के रेट किसान को नहीं मिलते है।

इसकी उत्पादकता लगभग 30-35 क्वि. हेक्टेअर, पौधे की ऊँचाई 120-130 से.मी., 1000 दानों का वजन लगभग 45-48 ग्राम, पकने की अवधि लगभग 140 दिवस, सूखा निरोधक किस्म, 1 से 2 सिंचाई व 100 किलो हेक्टेअर बीज दर पर आदर्श परिणाम।

गेहूँ- एच.आई.-1531 (हर्षिता)

Best Wheat varieties गेहूँ अनुसंधान केन्द्र इन्दौर (IARI) द्वारा हाल ही में जारी गेहूँ की यह सूखा निरोधक व चमत्कारी किस्म है जो अभी तक जारी सभी शरबती किस्मों की तुलना में एक चमत्कारी गुण / विशेषता रखती है जो कि किसी अन्य शरबती किस्मों में नहीं पाई जाती।

शरबती गेहूँ की अन्य किस्मों सुजाता या अन्य में पानी या खाद असन्तुलन के कारण ऊँचाई बढ़ने, आड़ा पड़ने व इससे उत्पादन में कमी की समस्या आम है। किन्तु चमत्कारी किस्म एच.आई. 1531 (हर्षिता) मध्यम बौनी 02 जाति की

किस्म होने के कारण इस किस्म Best Wheat varieties में ऊँचाई कम 75-90 से.मी. तक याने लगभग लोक-1 के बराबर ऊँचाई होने के कारण अधिक हवा चलने या मावठा गिरने पर इसके गिरने की (आड़ा पड़ने की) व इस कारण उत्पादन में एकाएक कमी होने की आशंका नहीं रहती है। पाला अवरोधी होने से इस किस्म में पाले से नुकसान की संभावना भी कम रहती है।

एच.आई. 1531 (हर्षिता) इस किस्म के इस अविश्वसनीय किंतु सत्य गुण के कारण शरबती ग्रुप के गेंहूँ की खेती को एक नई परम्परा व एक नई दिशा मिलेगी। इस किस्म का अंकुरण, सुडौल दानों से भरी भरपूर बालियों वाला खेत एवं कल्लो का एक साथ बहुत अधिक फुटाव बिना देखे अविश्वसनीय है।

ऐसा इस किस्म Best Wheat varieties को लगाने वाले या देखने वाले कृषकों का अभिन्न मत है जिसके कारण अधिक पत्तियों की छत्रछाया होने से यह भूमि के जल वाष्पीकरण को कम कर देती है एवं गहरी जड़े होने से जमीन के नीचे के स्तर की नमी एवं तत्वों को खिंचकर पौधे को देती है।

जिससे पौधा कम सिंचाई या सुखे की अवस्था में भी हरित अवस्था में बना रहता है इसकी अवधि भी अन्य शरबती किस्मों की मात्र 115 दिन है जबकि उत्पादन प्रति हेक्टर 40 क्विंटल से भी अधिक मात्र एक या दो सिंचाई में, जो कि सर्वाधिक इसे प्रथम स्थान पर कायम रखने हेतु पर्याप्त है। इसके दाने सुडौल, चमकदार शरबती एवं रोटी के लिये उत्तम ।

Best Wheat varieties यह एक बेहतर विकल्प है। एच.आई. 1531 किस्म में बीजदर 100 किलो हेक्टर या 40 किलो किलो एकड़, कता 12″ इन्च, बोनी 15 अक्टूबर से 30 नवम्बर के मध्य।

दो सिंचाई प्रथम बोनी के 35 दिन पर व दूसरी उसके 2014 12:32:16 की मात्रा 40 किला व 40 किलो यूरिया प्रति एकड़ बोनी के समय पर ही सीड डिल से खाद बोकर देने पर आदर्श परिणाम एक सिंचाई का पानी होने पर 40-45 दिन पर सिंचाई देवें।

गेहूँ- एच.आई.-1605 (पूसा उजाला)

गेहूँ अनुसंधान Best Wheat varieties केन्द्र द्वारा वर्ष 2017 में जारी चन्दोसी / शरबती किस्म पूसा उजाला का दाना आकर्षक, चमकदार, खाने में चपाती हेतु अत्यन्त उत्तम एवं स्वादिष्ट होने से तथा इसकी रोटी सफेद एवं नरम होने से तथा इसकी अवधि सुजाता गेहूँ से कम होने के कारण तथा सूखे की स्थिति में मात्र एक से दो सिंचाई देने पर भी उच्चतम उत्पादन देने की क्षमता ।

काड़ी कड़क होने के कारण आड़ा पड़ने की समस्या नहीं होने के गुणों के कारण यह किस्म पहली बार किसान के द्वारा बोनी के पश्चात प्राप्त होने वाले परिणाम देखकर किसानों को इस किस्म को बार बार लगाने के लिये मजबूर कर देगी।

जिन कृषकों ने इस शरबती किस्म Best Wheat varieties को गतवर्ष लगाया था वे इसकी उत्पादन क्षमता को देखकर आज भी अचम्भित है, कि एक शरबती किस्म 55 क्वि. प्रति हेक्टेयर से अधिक उत्पादन कैसे दे सकती है। यह एक आश्चर्यजनक किंतु सत्य है जो कि आप स्वयं इस किस्म को लगाकर आदर्श परिस्थितियों में प्राप्त कर सकते हैं।

इस किस्म में दाने थोड़े कड़क, चमकदार, अण्डाकार आकार के होते है, 1000 दानों का वजन लगभग 45 ग्राम, पौधे की ऊँचाई लगभग 90 से.मी. अवधि लगभग 120 दिवस, पत्ती की चौड़ाई मध्यम थोड़ी सीधी, आवरण मजबूत- चिकनी बाली पर रोएं नहीं, बाली का रंग सफेद ।

इस किस्म Best Wheat varieties में लाईन से लाईन की दूरी लगभग 10″ (इंच) रखने, बीच दर 45 किलो एकड़ या 100 किलो हेक्टेयर रखने फर्टिलाईजर अनुशंसा N80P40K40 किलो प्रति हेक्टेयर रखने तथा 1-2 सिंचाई देने पर आदर्श परिणाम व्यावहारिक रूप से 3 सिंचाई देने पर भी अधिक उत्पादन प्राप्त हुआ है। गतवर्ष रेकार्ड उत्पादन देने वाली यह चन्दोसी किस्म अपने विशिष्ट गुणों के कारण शीघ्र ही गेहूँ की चन्दोसी किस्मों की एक आदर्श पर्याय किस्म बना जावेगी।

गेहूँ- एच.आई.-1544 (पूर्णा)

Best Wheat varieties भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) के वैज्ञानिकों द्वारा गहन अनुसंधान के पश्चात म.प्र. छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात के किसानों के उत्थान हेतु कम से कम समय 110/115 दिवस में कम सिंचाई से अधिकतम उत्पादन देने वाली किस्म विकसित की है जो कि खाने में अत्यन्त स्वादिष्ट एवं पौष्टिकता की दृष्टि से अन्तर्राष्टीय स्तर की है, दाना काफी चमकदार, आकर्षक एवं शरबती किस्मों जैसा गोलाकार दिखने के कारण बाजार भाव भी अधिकतम मिलते है।

गेहूँ की यह पूर्णा किस्म अपने नाम के अनुरूप सर्व गुण सम्पन्न होने के कारण क्षेत्र के किसानों का आर्थिक विकास कर उनकी तकदीर बदल देने की भी पूर्ण क्षमता रखती हैं। इसकी ऊँचाई 85-90 से.मी. | 1000 दानों का वजन 40-50 ग्राम बीज पर 40-45 किलो एकड़ । सिंचाई 2-5 बुवाई की अवधि नवम्बर से 15 दिसम्बर तक। इस किस्म Best Wheat varieties का उत्पादन कृषकों द्वारा व्यवहारिक रूप से अधिकतम 60 क्विंटल प्रति हेक्टेअर से अधिक लिया गया है। गेहूँ की यह किस्म किसानों के लिये वरदान सिद्ध होगी।

गेहूँ – राज – 4037

पठारी क्षेत्र हेतु अनुशंसित गेहूँ की यह किस्म Best Wheat varieties राजस्थान कृषि विश्व विद्यालय द्वारा जारी की गई है। लगभग 105 दिवस में आने वाली यह किस्म खाने में अत्यन्त स्वादिष्ट एवं दाना शरबती गेहूँ जैसा सुन्दर, चमकदार होने से अधिकतम बाजार भाव समय पर बुआई हेतु उपयुक्त किस्म। पौधे की ऊँचाई लगभग 74 से.मी. पौधे की ऊँचाई कम होने से तथा काड़ी कड़क होने से यह गेहूँ आड़ा (लाजिंग) पड़ने की समस्या नहीं, बालियों में दाने खिरने (शेटरिंग) की समस्या नहीं।

इसकी पत्तियाँ मध्यम चौड़ी, हरी, मोमयुक्त होती है। बालियाँ मध्यम लम्बी तथा सूखने पर धुंधली सफेद दाने अर्ध कठोर अम्बर रंग के होते हैं। रस्ट की बीमारी हेतु अच्छी प्रतिरोधक किस्म । लगभग 120 किलो प्रति हेक्टेयर बीजदर व लाईन से लाईन की दूरी 9-10 इन्च रखने पर तथा 3-4 सिंचाई अनुशंसित समय पर देने पर फर्टिलाईजर अनुशंसा N 80-150P40-60K 40 किला प्रति हेक्टेयर देने से श्रेष्ठ परिणाम।

गेहूँ – जी. डब्ल्यू.-322

गेहूँ अनुसंधान केन्द्र (SDAU) वीजापुर (गुजरात) से जारी गेहूँ की यह एक आदर्श किस्म Best Wheat varieties है। जो कि गेहूँ डब्ल्यू. एच. 147 का स्थान अपने आड़ा न पड़ने (लॉजिंग) व बाली में न खिरने (शेटरिंग) उच्च उत्पादन क्षमता के गुण के कारण तथा आकर्षक दाने व चपाती हेतु एक सर्वश्रेष्ठ किस्म होने के कारण ले सकती है। इसकी लम्बाई लगभग 90 से.मी., 1000 दोनों का 03 वजन 45 ग्राम, बोनी 9 इंच, 4-5 सिंचाई, व बीज दर 125 किलो हेक्टेअर रखने पर आदर्श परिणाम।

अधिकतम उत्पादन क्षमता आदर्श स्थितियों में 72 क्विंटल हेक्टेअर तक अधिकतम उत्पादन क्षमता, दाना आकर्षक व स्वादिष्ट होनेसे, किसानों को बाजार भाव अधिक मिलते हैं। बीमारियों एवं रस्ट के विरुद्ध इस किस्म में प्रतिरोधकता होने से उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। इसके आरेकल (कुस्सी) का रंग हल्का गुलाबी, टापडेन्स अर्थात पौध सघनता वाली यह किस्म Best Wheat varieties अपने गुणों के कारण किसानों के बहुत बड़े क्षेत्र पर अपना अधिकार कायम कर लेगी।

गेहूँ -लोक-1

भारत में सर्वाधिक क्षेत्र में व सर्वाधिक लोकप्रिय गेहूँ की किस्म है लोक-1, यह किस्म Best Wheat varieties किसी प्रकार के परिचय की मोहताज नहीं है। सोनालिका व वी. जी. – 33 । मेक्सिकन किस्मों के क्रॉस ब्रिडिंग से जो कि नोबल पुरस्कार विजेता नॉर्मन बोरलाग के द्वारा प्रदान की गई थी।

लोक भारती इंस्टीट्यूट गुजरात के द्वारा 12 वर्षों तक गहन प्रयोग व सतत् अनुसंधान के पश्चात 14-1-1982 में इसे मध्य क्षेत्र में बोनी हेतु इसे भारत सरकार द्वारा इसे प्रसारित किया गया। इसकी उत्पादतका 30-40 क्विंटल हेक्टेअर है।

Best Wheat varieties व्यावहारिक परिस्थितियों में इस किस्म में 70-75 क्विंटल हेक्टेअर तक भी अविश्वसनीय किंतु सत्य उत्पादन दिया है।

पौधे की ऊँचाई 90 से 100 से.मी. इसकी अवधि लगभग 115-120 दिवस है। 1000 दानों का वजन 55-60 ग्राम, 4 से 5 सिंचाई व 100 से 125 किलो हेक्टेअर बीज दर व 9 इंच लाईन से लाईन की दूरी रखनेपर आदर्श परिणाम जल्दी व देरी से बोनी हेतु कम या अधिक सिंचाई व्यवस्थाओं में किसी भी परिस्थिति में किसानों के लिये गेहूँ की लोक- 1 किस्म सर्वाधिक सुविधाजनक, समायोजन वाली,

बाजार में आसानीसे विक्रय योग्य, अच्छे बाजार भाव व्यापारियों व मिल वालों की पहली पसंद होनेसे यह किस्म आज भी बाजार की सबसे लोकप्रिय किस्म है तथा भारत में सर्वाधिक प्रांतों व सर्वाधिक क्षेत्र पर इस किस्म ने अपना अधिकार जमा रखा है।

किसानों को इस किस्म Best Wheat varieties का ब्रीडर या शुद्ध आधार बीज ही बोना चाहिये। इसमें दूसरी गेहूँ की किस्मों के मिक्स बीज होनेपर इससे कई प्रकार की बीमारियाँ आने की संभावना रहती है। जिसके परिणाम स्वरूप यह एक अच्छी किस्म होते हुए भी लोक-1 किस्म आलोचना का शिकार हो रही है। किसान भाई इस बात का विशेष ध्यान रखें व अनुशंसित बीज दर से अधिक बीज नडालें व बीजोपचार अवश्य करें। 2-3 कम सिंचाई रखने पर आदर्श परिणाम एवं आदर्श गुणवत्ता ।

गेहूँ – जी. डब्ल्यू. 451

गेहूँ अनुसंधान Best Wheat varieties केन्द्र (SDAU) वीजापुर (गुजरात) द्वारा गहन रिसर्च एवं अनुसंधान के पश्चात् चपाती हेतु अत्यंत उत्तम एवं स्वादिष्ट अत्यंत अर्ली किस्म 95-105 दिवस मध्य क्षेत्र हेतु वर्ष 2016 में जारी की गई है, जो कि अपनी उच्चगुणवत्ता वाले अत्यधिक उत्पादन क्षमता वाले गुणों के कारण शीघ्र ही अपना उच्च स्थान कृषकों में बना लेगी।

इस किस्म का दाना, आकर्षक, चमकदार, अंबर रंग वाला सुनहरी, कड़ा, आकार ओवेल (अंडाकार) 1000 दानों का वजन लगभग 45 ग्राम । इस किस्म के पौधों की ऊँचाई मध्यम औसतन लगभग 76 से.मी. पत्तियाँ सीधी, चौड़ाई मध्यम, पत्तियाँ मध्यम, रोएंदार टिलरिंग काफी लागभग 109 टिलर ( प्रति मीटर) बाली का रंग सफेद सघन बाली में दानों की संख्या लगभग 39 दाने प्रति बाली। दानों के खिरने (शेटरिंग) की समस्या नहीं।

Best Wheat varieties पौधे की ऊँचाई कम होने, काड़ी कड़क होने व टिलरिंग अधिक होने से आड़ा (लॉजिंग) पड़ने की समस्या नहीं। इस किस्म की लाईन से लाईन की दूरी 9″10″ इंच रखने, मध्यम दाना एवं भरपूर अंकुरण क्षमता एवं अधिक टिलरिंग के गुण के कारण बीजदर 40/45 प्रति एकड़ या 100 किलो प्रति हेक्टेयर, फर्टिलाईजर अनुशंसा N-120P-60K-40 तथा 4-5 सिंचाई देने पर आदर्श परिणाम व्यवहारिक रूप से 66 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से अधिक प्राप्त हुए है।

गेहूँ की यह किस्म Best Wheat varieties अपने चमत्कारी परिणामों के कारण बहुत शीघ्र किसानों में अपनी गहरी पैठ बहुत जल्दी बना लेगी तथा गेहूँ की खेती में इस किस्म को भविष्य की एक आदर्श किस्म के रूप में देखा जा रहा है। पोषक तत्वों से भरपूर इस गेहूँ किस्म में प्रोटीन (11.8), जिंक (8 पी.पी.एम.), आयरन ( 40 पी.पी.एम.) देश में कुपोषण की समस्या के विरूद्ध एक नया आयाम बनाएगी।

Best Wheat varieties इसकी सेडीमेंटेशन वेल्यू ( 39.2 एम. एल.) है जो कि बेहतर चपाती हेतु क्वालिटी का तकनीकी मापदंड है जी. डब्ल्यू. 322, 496, लोक-1 से उत्पादन के मामले में इस किस्म को बेहतर माना गया है।

गेहूँ – एच.आई. 1634 (पूसा अहिल्या)

गेहूँ की यह किस्म Best Wheat varieties गेहूँ अनुसंधान केन्द्र, इंदौर (IARI) से वर्ष 2021 में जारी की गई है। इसका गजट नोटिफिकेशन क्र. एस. ओ. 500 (E) दिनांक 29.1.2021 है। गेहूँ की पूसा अहिल्या किस्म चपाती एवं बिस्कीट हेतु एक सर्वश्रेष्ठ आदर्श किस्म के रूप में म.प्र., राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, झाँसी क्षेत्र देश के मध्यक्षेत्र में बोनी हेतु अनुंशसित की गई है। इस किस्म ने अपनी चेक किस्मों के विरूद्ध 17 से 30 प्रतिशत तक अधिक उत्पादन दिया है।

इस किस्म Best Wheat varieties में अधिक तापमान की स्थितियों में भी अपनी उच्च उत्पादन क्षमता के गुण के कारण लगभग 30 क्विंटल एकड़ या 70.60 क्विंटल हेक्टेयर तथा व्यवहारिक परिस्थितियों में किसानों द्वारा इससे भी अधिक उत्पादन का रिकार्ड बनाकर किसानों की आय बढ़ाने हेतु एक नया मार्ग व आत्मविश्वास प्रदान किया है। इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि उच्च तापमान होने पर भी यह किस्म जल्दी नहीं पकती है, जिससे इसका उत्पादन कम नहीं होता है।

फरवरी / मार्च में तापमान बढ़ने पर अन्य पुरानी किस्मों में जो 20 प्रतिशत तक की क्षति उत्पादन में होती है वह इस किस्म की बढ़े तापमान को सहन करने की क्षमता के कारण इसमें नहीं होती है। यह आकड़े गहन रिसर्च एवं अनुसंधान के पश्चात् जो कि रिसर्च स्टेशन इंदौर, जबलपुर, नर्मदापुरम, पवाँरखेड़ा, सागर व देश के अन्य रिसर्च स्टेशन से प्राप्त आकड़ों व तथ्यों के आधार पर दिये गये है।

न आकड़ों के परिपेक्ष्य में एडवांस जनरेशन की किस्म होने के कारण बढ़े तापमान पर भी अपनी उत्पादन क्षमता बनाये रखते हुए ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से भी किसानों को सुरक्षा प्रदान करेगी।

इसके अतिरिक्त पूसा अहिल्या Best Wheat varieties एक अर्ली किस्म अवधि 105 से 110 दिवस होने से इस किस्म को देरी बोनी हेतु दिसम्बर के अंत तक बोने के लिये भी एक सर्वश्रेष्ठ किस्म के रूप में अनुशंसित किया गया है। जिसके कारण आलू-मटर व अन्य अगाती फसल लेने वाले किसानों के लिये यह किस्म वरदान सिद्ध होगी तथा तृतीय फसल चक्र के रूप में किसानों को अतिरिक्त आय भी प्रदान करेगी।

पूसा अहिल्या किस्म एक अर्ली किस्म होने से अवधि 105 से 110 दिवस व तापमान की सहनशीलता के गुण के कारण दो सिचाई में भी अच्छा उत्पादन देने की क्षमता जिससे बिजली पानी की बचत तीन से चार सिंचाई देने पर उत्पादन में स्वाभाविक रूप से वृद्धि होगी। इस किस्म की ऊँचाई कम 80 से 85 से.मी. होने व कुचे (टिलरिंग) काफी होने से आड़ा पड़ने की (लॉजिंग) की समस्या नहीं।

Best Wheat varieties तकनीकी एनेलेसिस एवं लेब से प्राप्त आकड़ों के अनुसार पूसा अहिल्या किस्म चपाती एवं बिस्कीट हेतु देश की सर्वश्रेष्ठ किस्म बन सकती है। क्योंकि इसमें चपाती हेतु तय क्वालिटी मानक में (7.86) बिस्कीट हेतु (6.73) स्कोर व गलु स्कोर (8 / 10) सेडिमेटेशन वेल्यू ( 44.8 एम. एल.) टेस्ट वेट (81.8 कि.ग्रा. / HL) हाईग्रीन हार्डनेस (81.4 कि.ग्रा. / HL) उच्चस्तर पर है

इसके साथ इस किस्म में प्रोटीन उच्चस्तर पर (12.1% ) आयरन ( 39.6 पी.पी.एम.) जिंक ( 36.6 पी.पी.एम.) अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उच्च स्तर पर होने से इस किस्म में स्वाद के साथ पोषक तत्वों का अनुठा एवं दुर्लभ संयोजन एक साथ होने से चपाती एवं बिस्कीट हेतु यह एकमात्र आदर्श किस्म है।

जो कि भविष्य में कृषकों Best Wheat varieties एवं चपाती / बिस्कीट उपभोक्ताओं की पहली पंसद बन जावेगी। इस किस्म के दाने आकर्षक, चमकदार होने से किसानों को आकर्षक बाजार भाव इसके 1000 दानों का वजन लगभग 40 ग्राम।

इस किस्म में कर्नाल बंट, लुज स्मट, स्टेम रस्ट, लीफ ब्लाईट, फ्यूजेरियम हेड ब्लाईट, रूट राट, फ्लेग स्मट आदि बीमारियों के प्रति प्रतिरोधकता होने से सुरक्षित उत्पादन की गारंटी। इस किस्म की बीज दर प्रति एकड 40 / 45 किलो प्रति हेक्टेयर लगभग 100 किलो व लाईन से लाईन की दूरी 9″ से 10 इंच रखने आदर्श कार्यमाला अनुसार अनुशंसित फर्टीलाईजर एवं सिंचाई प्रबंधन करने पर आदर्श परिणाम।

गेहूँ की पूसा अहिल्या किस्म Best Wheat varieties अपनी उच्च उत्पादकता एवं अपनी सर्वगुण सम्पन्नता वाले उपरोक्त वर्णित गुणों के कारण अतिशीघ्र परम्परागत पुरानी किस्मों को पीछे छोड़कर एक अग्रणी किस्म के रूप में कृषि क्षेत्र एवं किसानों में लोकप्रियता के नए आयाम बनाकर अपना एक नाम व उच्च स्थान बनाने में सफल होगी।

गेहूँ- एच.आई. 1636 (पूसा बकुला)

क्षेत्रीय गेहूँ Best Wheat varieties अनुसंधान केन्द्र (IARI) इंदौर से हाल ही में जारी गेहूँ की यह नये किस्म पूसा बकुला को समय पर बोनी के लिये देश के मध्य क्षेत्र म.प्र., गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़ एवं बुंदे अनुशंसित किया गया है। 5/8 दन यह किस्म चपाती एवं बिस्कीट हेतु एक सर्वश्रेष्ठ किस्म के रूप में अपने मोटे एवं बोल्ड, आकर्षक दाने तथा क्षमता के गुण के कारण अतिशीघ्र किसानों में लोकप्रिय किस्म के रूप में  अपना स्थान बना लेगी।

इस किस्म का गजट नोटिफिकेशन क्र. एस. ओ. 8 (E) दिनांक 24-12-2021 है। इस किस्म Best Wheat varieties की ऊँचाई लगभग 100 से.मी. एवं 1000 दानों का वजन 55 ग्राम व अधिकतम उत्पादन क्षमता 78.80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर व व्यवहारिक परिस्थितियों में इस किस्म का बम्पर उत्पादन किसानों द्वारा 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से भी अधिक लिया गया है। इस किस्म की अवधि लगभग 122 दिवस है।

गेहूँ की बकुला किस्म चपाती एवं बिस्कीट के लिये श्रेष्ठ मानी गई है। इसमें चपाती हेतु (8.24) बिस्कीट हेतु ( 6.50) स्कोर इसका ग्लू स्कोर (6/10 ) टेस्ट वेट ( 80.6 कि.ग्रा. / HL) हाई सेडिमेटेशन वल्यू (42.6 एम.एल.) है जो कि उच्च स्तर पर मानी जाती है।

इसके साथ इस किस्म Best Wheat varieties में भरपूर न्यूट्रेशन वेल्यू भी पाई गई है जिसके कारण इस किस्म में प्रोटीन लगभग (12%), जिंक उच्च मात्रा में ( 44.4 पी.पी.एम.) तथा लोह की मात्रा तथा अन्य पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होने के कारण इसकी चपाती, बिस्कीट एवं इससे बनाए जाने वाले पदार्थों में स्वाद के साथ पोषक तत्वों का आदर्श संगम देखा गया है जो कि देश में कुपोषण की समस्या से लड़ने के लिये एक बेहतर किस्म के रूप में अपना योगदान देगी। गेहूँ की इस किस्म में कीटों का विशेष प्रभाव नहीं देखा गया है।

कर्नाल बंट / फ्लेग स्मट, स्टेम एवं लीफ रस्ट आदि वायरस एवं अन्य रोगों के प्रति प्रतिरोधकता का गुण भी इस किस्म में देखा गया है जो काफी हद तक सुरक्षित उत्पादन की गारंटी देता है। गेहूँ की इस किस्म Best Wheat varieties की बीज दर 55 किलो प्रति एकड़ या 135 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर रखने पर कतार से कतार की दूरी 9″ से 10″ इंच रखने नवंबर से 15 दिसम्बर तक 4 से 5 सिंचाई देने एवं आदर्श कार्यमाला का पालन करने पर आदर्श परिणाम।

गेहूँ की पूसा बकुला (एच.आई. 1636 ) किस्म उच्चतम उत्पादन क्षमता, मोटा, बड़ा दाना, रोटी खाने में अत्यंत स्वादिष्ट भरपूर पोषक तत्व, कीट एवं बीमारियों के प्रति प्रतिरोधकता एडवांस जनरेशन की बॉयो फोर्टीफाईड किस्म Best Wheat varieties, उच्च तापमान पर भी अधिकतम उत्पादन देने की अनुठी क्षमता, ऐसे अनेक गुणों के कारण इस किस्म को आल इन वन किस्म की संज्ञा भी दी जा सकती है। जो कि बहुत जल्दी किसानों के दिलों एवं खेतों पर आच्छादित हो जावेगी।

गेहूँ- एच.आई.- 8498 (मालव शक्ति)

हमारे यहाँ कठिया (ड्यूरम) गेहूँ Best Wheat varieties के उत्पादन के लिए प्रकृति द्वारा आदर्श वातावरण एवं परिस्थितियाँ प्रदत्त की है जिससे यहाँ व्यवहारिक अनुभवों को देखते हुए एच.आई. 8498 के श्रेष्ठ गुणवत्ता वाले गेहूँ के अधिकतम उत्पादन की असीम संभावनाऐं है।

इसका अत्यंत आकर्षक, बड़ा व चमक वाला दाना खाने में अत्यंत स्वादिष्ट, प्रोटीन व विटामिन ए की मात्रा अधिक, बाफले, लड्डू, थुली, बेकरी पदार्थ, इटालियन व चीनी खाद्य पदार्थ नुडल्स/सिवैया, पास्ता, रवा आदि बनाने के लिये सर्वश्रेष्ठ गेहूँ तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता होने के कारण इस गेहूँ Best Wheat varieties की स्थानीय मण्डी में मिल वालों की अच्छी माँग होने के कारण इस गेहूँ के अच्छे बाजार भाव तथा निर्यात की भी असीम संभावनायें हैं।

Best Wheat varieties गेहूँ की यह जाति कम ऊँचाई वाली लगभग 85 से.मी. वाली बोनी जाति है। इन ड्यूरम जाति में कुचे काफी निकलते हैं तथा इसकी काडी मोटी व कडक रहती है जिससे आँधी एवं वर्षा के कारण भी यह आड़ा नहीं पड़ता व उत्पादन अधिक प्राप्त होता है।

इस जाति में गेरूआ रोग का प्रभाव भी नहीं देखा गया। Best Wheat varieties इस जाति के गेहूँ की अंकुरण क्षमता 90 प्रतिशत से अधिक होने व कुचे अधिक होने के कारण प्रति एकड़ बीज दर 55-60 किलो है तथा सिंचाई में 3 से 4 पानी आवश्यक है।

इसकी बोनी के लिये 10 नवम्बर के बाद तथा दिसम्बर के द्वितीय सप्ताह तक का समय आदर्श है। फसल की कटाई लोकवन गेहूँ से पहले हो जाती है। गेहूँ की इस जाति की कटाई लेट भी की जा सकती है क्योंकि यह बिल्कुल न झड़ने/खिरने वाली जाति है। हार्वेस्टर से कटाई हेतु भी यह उत्तम किस्म है।

Best Wheat varieties इसका दाना बड़ा व चमक अच्छी होने से इसके बाजार भाव भी अन्य गेहूँ की तुलना में रू.150 से 200 प्रति क्विंटल तक अधिक मिलते है। इस जाति के गेहूँ की उत्पादन क्षमता की जाँच व्यवहारिक रूप से कृषकों द्वारा 30 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ तक उत्पादन लेकर कर ली गई है।

इतने गुणों की खान वाली ये गेहूँ की ड्यूरम जाति एच.आई. 8498 अपने सर्वगुण सम्पन्न वाली विशेषताओं के कारण गेहूँ का राजा कहलाने का पूर्ण अधिकार रखती है। मालवी गेहूँ Best Wheat varieties के श्रेष्ठ एवं उससे भी अच्छे विकल्प के रूप में ये हमारे क्षेत्र के लिये वरदान सिद्ध होगी।

गेहूँ- एच.आई.-8663 (पोषण)

गेहूँ की यह मालवी कठिया किस्म Best Wheat varieties दलिया, सुजी एवं पास्ता हेतु उत्तम, इसका अनुशंसा वर्ष 2007 है। इसका दाना बोल्ड, कठोर, चमकीला, गोलाकार, सुन्दर आकर्षक, प्रोटीन प्रतिशत उच्चतम होने के कारण पौष्टिक, 1000 दानों का वजन 45 से 50 ग्राम, पौधे की ऊँचाई 80 से 85 से.मी. पत्तियों की चौड़ाई मध्यम, पूर्ण झुकी हुई

पत्तियों पर रोएं नहीं, बाली का रंग सफेद, बाली पर रोएं नहीं, इस किस्म की बीज दर 45 / 50 किलो एकड़, 4 से 5 सिंचाई व 10 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक बुवाई करने पर लगभग 70 से 75 क्विंटल हेक्टेयर तक उत्पादन की प्राप्ति इस किस्म की विशेषताएं है। यह आने वाले भविष्य की एक आदर्श अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की गेहूँ की किस्म है।

गेहूँ- एच.आई.-8713 (पूसा मंगल)

पूसा के सहयोगी संस्थान Best Wheat varieties गेहूँ अनुसंधान केन्द्र इंदौर से जारी कठिया (ड्यूरम) गेहूँ की यह नवीनतम किस्म म.प्र., गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ वाले मध्य क्षेत्र हेतु अनुशंसित पूर्व में जारी कठिया किस्म मालव शक्ति से लगभग 5-10 प्रतिशत अधिक उत्पादन देने वाली तथा सर्वाधिक प्रोटीन, विटामिन ए, जिंक तथा अन्य पोषक तत्व देने वाली यह किस्म मानवीय स्वास्थ्य एवं देश में कुपोषण की समस्या को दूर करने हेतु तथा गेहूँ के राष्ट्रीय उत्पादन को बढ़ाने की दृष्टि से एक क्रांतिकारी किस्म सिद्ध होगी।

हमारे यहाँ प्रकृति ने कठिया (ड्यूरम) गेहूँ के लिये एक आदर्श वातावरण एवं परिस्थितियाँ प्रदान की है तथा गेहूँ की पूसा मंगल किस्म Best Wheat varieties के आदर्श गुणों एवं कम पानी में अधिक उत्पादन देने की विशिष्ट क्षमता के कारण यह एक चमत्कारी किस्म सिद्ध होगी।

इस गेहूँ की किस्म का दाना अत्यंत आकर्षक, बड़ा, सुनहरा चमकदार रंग गेहूँआ (अंबर) तथा खाने में अत्यंत स्वादिष्ट प्रोटीन, विटामिन व पोषक तत्वों की प्रचूर मात्रा होने से सुपर न्यूट्रीशनल वेल्यू के कारण बाफले, लड्डू, हलवा, पराठा, थुली, रवा, बेकरी पदार्थ, इटालियन व चायनीज खाद्य पदार्थ, पास्ता, नूडल्स, सिवैय्या आदि बनाने के लिये गेहूँ Best Wheat varieties की सर्वश्रेष्ठ / सर्वोत्तम किस्म तथा अर्राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता होने के कारण स्थानीय मंडियों में उच्चतम भाव तथा निर्यात की असीम संभावनायें हैं।

गेहूँ की इस किस्म में पत्तियों की चौड़ाई मध्यम, सीधी पत्तियाँ, मोमयुक्त, जो इसे सूखा सहन करने की क्षमता देता है। बाली का रंग सफेद, रोंएदार नहीं। गेहूँ की यह किस्म कम ऊँचाई वाली लगभग 83-88 से.मी. काफी कुचे (टिलरिंग) छोड़ने वाली तथा इसकी काड़ी मोटी कड़क होने से आँधी/ वर्षा की स्थिति में सामान्यत: आड़ी (लॉजिंग) नहीं पड़ती हैं। जिससे अधिकतम उत्पादन प्राप्त होता है।

इस जाति के गेहूँ Best Wheat varieties की अंकुरण क्षमता 90 प्रतिशत से अधिक होने के कारण तथा कुचे अधिक छोड़ने की क्षमता तथा दाने का आकार मध्यम बोल्ड होने से इसकी बीज दर, मौसम एवं स्थानीय स्थितियों को ध्यान में रखते हुए

लगभग 50 से 55 किलो प्रति एकड़ या 125-130 किलो हेक्टेयर तथा लाईन से लाईन की दूरी 9″ से 10″ इंच पर रखने तथा 10 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक बोनी करने पर तथा अधिकतम तीन से चार सिंचाई देने पर लगभगें 85 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से अधिक उत्पादन देने की क्षमता, रोग प्रतिरोधकता, खिरने की समस्या (शेटरिंग) नहीं, गेरूआँ, कर्नाल बंट, लूज स्मट आदि

रोगों के लिए प्रतिरोधक किस्म Best Wheat varieties होने से तथा अधिकतम उत्पादन देने के कारण गेहूँ की यह एक आदर्श कठिया किस्म भविष्य में किसानों के लिए वरदान सिद्ध होगी। इस किस्म की अवधि लगभग 125 दिवस।

गेहूं- एच.आई.-8737 (पूसा अनमोल)

गेहूँ की यह Best Wheat varieties नवीनतम कठिया किस्म पूसा के सहयोगी संस्थान गेहूँ अनुसंधान केन्द्र इन्दौर से वर्ष 2015 में जारी की गई है। यह नवीन किस्म म.प्र., राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ वाले मध्य क्षेत्र हेतु बुआई हेतु अनुशंसित इस किस्म की अवधि लगभग 125 दिवस है।

हमारे यहाँ प्रकृति ने कठिया (ड्यूरस) गेहूँ की उत्पादन हेतु अत्यन्त आदर्श वातावरण एवं परिस्थितियाँ प्राकृतिक रूप से प्रदान की है। जिससे यहाँ कठिया गेहूँ की क्वालिटी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की एवं उत्पादन अधिकतम प्राप्त होता है जिससे इस किस्म Best Wheat varieties की बड़ी स्थानीय माँग एवं निर्यात की असीम संभावनाएं बनी हुई हैं।

इस क्रम में कठिया गेहूँ की यह नवीन किस्म पूसा अनमोल Best Wheat varieties एक नया आयाम बनाएगी। इसका दाना अत्यन्त आकर्षक, सुनहरी, कठोर, चमकदार, रंग गेहूँआ (अंबर), खाने में अत्यन्त स्वादिष्ट 1000 दानों का वजन 51 ग्राम, प्रोटीन व विटामिन ए, झींक तथा अन्य पोषक तत्व देने वाली

यह किस्म उत्तम स्वास्थ्य, कुपो षण को दूर करने, स्वादिष्टता एवं उच्च उत्पादकता का अनूठा संगम है। बाफले, लड्डू, थुली, रवा, बेकरी पदार्थ, सिवैय्या / नूडल्स, पास्ता, आदि बनाने हेतु सर्वश्रेष्ठ गेहूँ किस्मा गेहूँ की इस किस्म में पत्तियों की चौड़ाई मध्यम, सीधी रहती है।

गेहूँ की इस किस्म Best Wheat varieties में पत्तियों की सतह मोमयुक्त जिसके कारण इस किस्म में सूखा सहन करने की असाधारण क्षमता देखी गई है। बाली का रंग सफेद, रोंएदार नहीं, गेहूँ की इस किस्म में पौधों की ऊँचाई 83 / 88 से.मी. कम ऊँचाई वाली किंतु काफी कूचे (टिलरिंग) छोड़ने वाली तथा पौधों की काड़ी काफी कड़क होने से आँधी / वर्षा की स्थिति में इस किस्म के पौधों में आड़ा (लाजिंग ) पड़ने की समस्या नहीं होने से अधिकतम उत्पादन प्राप्त होता है।

इस किस्म के गेहूँ Best Wheat varieties की अंकुरण क्षमता 90 प्रतिशत से अधिक होने के कारण तथा इस किस्म में अधिक कूचे छोड़ने की क्षमता होने से तथा दाने का आकार मध्यम बोल्ड होने से इसकी बीच दर मौसम एवं स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लगभग 50-55 किलो एकड़ या 125 किलो प्रति हेक्टेयर तथा लाईन से लाईन की दूरी 9″ से 10″ इंच पर बोनी करने

बोनी का समय 10 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक रखने तथा बोनी करने पर फर्टिलाईजर अनुशंसा N 80-150P40-60K40 किलो प्रति हेक्टेयर रखने पर तथा अधिकतम 3-5 सिंचाई देने पर लगभग 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से अधिक उत्पादन देने की क्षमता।

बालियों के खिरने (शेटरिंग) की समस्या नहीं। गेरूआ, कर्नाल बंट, लूज स्मट आदि रोगों के लिए प्रतिरोधी किस्म होने से तथा अधिकतम गुणवत्तायुक्त उत्पादन देने की क्षमता वाले अपने अद्वितीय गुणों के कारण कठिया गेहूँ की पूसा अनमोल किस्म Best Wheat varieties अपने नाम के अनुरूप अनमोल सिद्ध होगी।

गेहूँ- एच. डी.- 4728 (पूसा मालवी)

गेहूँ की यह नवीनतम कठिया किस्म Best Wheat varieties अपने बोल्ड दाने व आकर्षक चमकदार गेहूँआ (अंबर) रंग के कारण अत्यन्त स्वादिष्ट होने से तथा अपनी उच्च उत्पादन क्षमता के लिये किसानों में काफी लोकप्रिय हो गई है। गेहूँ की यह किस्म सेन्ट्रल झेन याने म.प्र., राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ में बोनी हेतु अनुशासित किस्म है।

मध्यम ऊँचाई वाला, अधिक कूचे करने वाला व कड़क काड़ी का पौधा होने से लॉजिंग या आड़ा पड़ने की समस्या नहीं। इसकी अवधि लगभग 120 दिवस इसके 1000 दानों का वजन लगभग 55 ग्राम।

इस किस्म Best Wheat varieties के अधिकांश गुण / केरेक्टर / विशेषताएं एवं कृषि कार्यमाला पूसा तेजस एचआई 8759 से काफी मिलती है। इस हेतु पूसा तेजस की सम्पूर्ण जानकारी नीचे दी गई है। उसका अध्ययन कर लेवें। उत्पादन क्षमता एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की क्वालिटी एवं पोषक तत्वों की प्रचुरता के कारण इस किस्म ने अपना एक शीर्ष स्थान किसानों में बना लिया है।

इस किस्म में हाई ग्लुटेन की मात्रा होने से पास्ता, मेकरोनी एवं अन्य उत्पादों के अनुकूल होने से अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में मांग होने के कारण एक्सपोर्ट हेतु एक आदर्श किस्म इस किस्म में थर्मोटालरेन्स याने अधिक ठंड एवं गर्मी दोनों को सहन करने की इस किस्म में सहनशीलता होने के कारण इसकी बोनी जल्दी अक्टूबर अन्त में भी की जा सकेगी व ठंड की सहनशीलता होने से पाले के विरुद्ध भी यह किस्म किसानों को होने वाली हानि से बचाएगी व किसान को अपने उत्पादन का अधिक मूल्य प्राप्त होगा।

इस किस्म Best Wheat varieties में रस्ट, कर्नाल बंट एवं अन्य कई बीमारियों के प्रति प्रतिरोधकता व सर्वगुण सम्पन्न यह किस्म अपने नाम पूसा मालवी के अनुसार मालवा व अन्य क्षेत्रों के लिए उत्पादन व प्रगति के नए आयाम बनाते हुए एक मील का पत्थर साबित होगी।

गेहूँ- एच.आई.-8759 (पूसा तेजस)

गेहूँ की यह नवीनतम कठिया किस्म Best Wheat varieties समय से बोनी हेतु म.प्र., राजस्थान, छत्तीसगढ़ आदि मध्य क्षेत्र हेतु वर्ष 2017 में पूसा के सहयोगी संस्थान गेहूँ अनुसंधान केन्द्र, इन्दौर से जारी की गई है।

इसमें आज तक जारी समस्त कठिया गेहूँ की किस्मों की तुलना में लगभग 10-12 प्रतिशत अधिक उत्पादन देने की क्षमता वैज्ञानिकों एवं व्यावहारिक रूप से किसानों द्वारा लिये गये उत्पादन के आंकड़ों के अनुसार बताई गई है। इस किस्म की अवधि लगभग 115 से 120 दिवस है।

इसका दाना अत्यन्त आकर्षक, थोड़ा कड़क, बड़ा, चमकदार, लम्बाकार, खाने में अत्यन्त स्वादिष्ट, 1000 दानों का वजन 50-55 ग्राम, प्रोटीन एवं विटामिन ए, झोंक तथा अन्य पोषक तत्वों से भरपूर यह किस्म कुपो षण को दूर करने एवं स्वास्थ्य हेतु अतयन्त लाभदायी किस्म होने के कारण तथा उच्च गुणवत्ता वाले अधिकतम उत्पादन देने वाली

कठिया गेहूँ की किस्म होने के कारण कठिया Best Wheat varieties गेहूँ की सरताज किस्म के रूप में जल्द ही विख्यात हो जावेगी। बाफले, लड्डू, थुली, रवा, बेकरी आयटम, सिवैय्या / नूडल्स पास्ता आदि बनाने हेतु सर्वश्रेष्ठ किस्म।

गेहूँ की इस किस्म में पत्तियों की चौड़ाई मध्यम, सीधी एवं पत्तियों की सतह चिकनी मोमयुक्त मजबूत होने से इस किस्म में सूखा सहन करने की भी असाधारण क्षमता देखी गई है। इस किस्म में बाली का रंग सफेद, रोएंदार नहीं, पौधे की ऊँचाई लगभग 85 से.मी. कम ऊँचाई वाली

किस्म Best Wheat varieties होने व कूचे (टिलरिंग) अधिक छोड़ने की क्षमता तथा काड़ी कड़क होने के कारण आधी / वर्षा की स्थिति में पौधों में आड़ा (लाजिंग) पड़ने की समस्या नहीं होने से नुकसान कम होता है व उत्पादन भी अधिकतम प्राप्त होता है।

इस किस्म में अंकुरण क्षमता 90 प्रतिशत या अधिक होने व कूचे काफी होने के कारण लाईन से लाईन की दूरी 10″ (इंच) रखने तथा बीज दर 50-55 किलो एकड़ या 125 किलो प्रति हेक्टेयर रखने तथा फर्टिलाईजर अनुशंसा N 80-150P40-60K 40 किलो प्रति हेक्टेयर रखने पर नवम्बर से 15 दिसम्बर तक बोनी करने पर तथा 3-5 सिंचाई देने पर आदर्श परिणाम के रूप में व्यावहारिक रूप से 85 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से ज्यादा उत्पादन किसानों द्वारा लिया गया है।

सर्वोच्च उत्पादन वाली खिरने (शेटरिंग) की समस्या नहीं, गेरूआ, कर्नाल बंट, लूज स्मट आदि रोगों के लिए प्रतिरोधक किस्म Best Wheat varieties होने एवं अपने उपरोक्त अद्वितीय गुणों एवं विशेषताओं के कारण अपने नाम तेजस के अनुरूप गेहूँ की यह किस्म बड़ी तेजी से भारतीय कृषि उद्योग में एक अग्रणी कठिया किस्म के रूप में जल्दी ही छा जाएगी तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की क्वालिटी होने से स्थानीय माँग एवं निर्यात की असीम संभावनाएं इस किस्म को नई ऊँचाई पर पहुँचा देगी।

गेहूँ- एच.आई. 8823 (पूसा प्रभात)

गेहूँ की यह कठिया (ड्यूरम) किस्म Best Wheat varieties गेहूँ अनुसंधान केन्द्र (IARI) इंदौर से हाल ही में जारी एक नई किस्म है जो कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की क्वालिटी की होने से थुली व रवा के लिये तथा पास्ता के लिये श्रेष्ठ मानी गई है। इस किस्म का दाना बोल्ड, चमकदार, आकर्षक है। 1000 दानों का वजन लगभग 50 ग्राम है। पोषक तत्वों की दृष्टि से इस किस्म में तत्वों की मात्रा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की है।

इसे देश के मध्यक्षेत्र में बोनी के लिये अनुशंसित किया गया है। इस किस्म Best Wheat varieties में तापमान अधिक सहन करने की असाधारण क्षमता के कारण इस किस्म को जल्दी बोनी यानी 20 अक्टूबर के लगभग बोया जा सकता है व 2 सिंचाई या सूखे वाले वर्ष की स्थिति में भी यह किस्म अच्छा उत्पादन देने में सक्षम है।

व्यवहारिक रूप से किसानों द्वारा इस किस्म का उत्पादन 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से भी अधिक लिया गया है। यह किस्म अतिशीघ्र अपनी कुछ अलग विशेषताओं के कारण मालव कीर्ति किस्म Best Wheat varieties के विकल्प के रूप में शीघ्र लोकप्रिय हो जावेगी।

(नोट :–उपरोक्त समस्त फसलों एवं बीजों का विवरण / विशेषताएं आदर्श कृषि कार्यशाला एवं आदर्श परिस्थितियों के अनुसार प्राप्त जानकारी के आधार पर तथा कृषकों से प्राप्त व्यावहारिक / वास्तविक आँकड़ों के आधार पर दिये गये हैं। इन आदर्शविल्कों में परिवर्तन होने पर उपरोक्त विशेषताओं/आँकड़ों में भी परिवर्तन हो सकता है।)

बीज के लिए यहां संपर्क करें

किसान वसुन्धरा बॉयो ऑर्गेनिक्स द्वारा गेंहू की इन किस्मों Best Wheat varieties के उन्नत बीज अनुसंधान केन्द्र (रिसर्च स्टेशन) से प्राप्त कर सकते है।

इन सभी किस्मों की आदर्श कृषि कार्यमाला एवं खेती के आधुनिक तरीकों/तकनीकों से उनकी पैदावार लेकर उनके आँकडे एकत्रित किए गए है तथा प्राप्त निष्कर्षों के अनुसार क्षेत्र के किसानों के लिए श्रेष्ठ किस्मों का चुनाव कर उन्हें किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है।वसुंधरा बायो ऑर्गेनिक से सीड्स लेने के लिए यहां संपर्क करें –

  • पता – 51, राजस्व कॉलोनी, टंकी पथ, उज्जैन-456010 (म.प्र.)
  • फोन – 25
  • 30547 , फेक्स – 0734-2530547
  • मोबाईल – 9301606161 , 94253-32517
  • ई-मेल – vasundharabio@yahoo.co.in

|| Disclaimer || यहां सिर्फ आपको गेंहू की किस्मों की जानकारी दी जा रही है। बाकी आप अपनी नजदीकी सीड्स कंपनी या कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेकर हवा- पानी मिट्टी को ध्यान में रखकर गेंहू की अच्छी किस्म का चयन करें। उत्पादन के आंकड़े में हल्का उतार-चढ़ाव हो सकता है। अगर जानकारी अच्छी लगे तो अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करें।🙏

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